ग्रेटर नोएडा के पास जेवर में एशिया में सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है जो अप्रैल 2025 से चालू हो जाएगा। अभी एयरपोर्ट के रनवे पर विमान उतारने का ट्रायल चल रहा है। पिछले दिनों केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू के मौजूदगी में इंडिगो की फ्लाइट को सफलतापूर्व रनवे पर लैंड करवाया गया था।
इन सबके बावजूद जेवर एयरपोर्ट का काम जोरों पर चल रहा है। इसी सिलसिले में जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-एनसीआर के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट ने ऐलान करते हुए कहा है कि अगले हवाई अड्डे के संचालन के साथ-साथ ई टैक्सी सेवा की भी शुरुआत की जाएगी।
महिंद्रा लॉजिस्टिक्स मोबिलिटी के साथ समझौता
इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने महिंद्रा लॉजिस्टिक्स मोबिलिटी के साथ समझौता किया है। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक टैक्सी फ्लीट उपलब्ध होगी जो एयरपोर्ट से यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए काम करेगी।
24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध होगी सुविधा
यह टैक्सी सेवा यात्रियों के लिए 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध रहेगी होगी। हालांकि, फ्लीट कितनी बड़ी होगी या इसकी किराया कितना होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। अधिकारियों से बातचीत आधार पर अनुमाान है कि पहले चरण में 1200 से ज्यादा ई टैक्सी चलेंगी।
जेवर एयरपोर्ट की दूरी
बता दें कि जेवर से नोएडा की दूरी 60 किलोमीटर और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। दिल्ली मेट्रो नेटवर्क और नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन यात्रियों को ग्रेटर नोएडा में पारी चौक तक ले जा सकती है, लेकिन यह भी जेवर हवाई अड्डे से 40 किमी दूर है। टैक्सी सर्विस आने के बाद यात्रियों को काफी सुविधा होगा।
मोबाइल ऐप से कर सकेंगे बुक
हवाई अड्डे पर मौजूद इन इलेक्ट्रिक टैक्सियों को मोबाइल ऐप, वेबसाइट, हवाई अड्डे के कियोस्क और 24/7 कॉल सेंटर से बुक किया जा सकेगा। यमुना एक्सप्रेसवे इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ई टैक्सी चलवाने के पीछे यात्री सुविधा और पर्यावरण का ध्यान में रखा गया है।