झारखंड के बोकारो जिले में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) जवानों और सुरक्षाबलों ने एक संयुक्त ऑपरेशन में 8 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। नक्सली लुगू पहाड़ी इलाके में छिपे थे। मारे गए नक्सलियों के पास से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। मारे गए नक्सलियों में एक 1 करोड़ी बदमाश भी शामिल है।
सुरक्षाबलों ने इनसास राइफल, एसएलआर जैसे घातक हथियारों को बरामद किया है। बड़ी संख्या में कारतूस भी मिले हैं। अभी तक इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। यह मुठभेड़ अभी जारी है।
बोकारो एनकाउंटर पर झारखंड के DGP ने कहा, '1 करोड़ का ईनामी नक्सली विवेक मारा गया है। नक्सलियों की कुल 8 लाशें बरामद हो गई हैं।'
झारखंड में सिमट रहा नक्सलवाद
झारखंड में अब नक्सली सिर्फ 5 जिलों में सक्रिय हैं। गृहमंत्रालय के मुताबिक गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम के कुछ इलाकों में छिटपुट नक्सल गतिविधियां होती नजर आई हैं। सरकार एंटी नक्सल मिशन पर काम कर रही है।
कब तक नक्सल मुक्त होगा झारखंड?
झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम जिला, सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाकों में शुमार है। गिरिडीज से लोहरदगा तक को सरकरा अभी संवेदनशील जिलों की लिस्ट में रखती है। बोकारो, चतरा, खूंटी, रांची जैसे जिलों में नक्सली गतिविधियां कम हुई हैं। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक झारखंड को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
यह भी पढ़ें: 'जमाना गया जब गोलियां चलती थीं', शाह ने माओवादी ‘भाइयों’ को दिया संदेश
कब शुरू हुई मुठभेड़?
लुगु हिल्स में सुबह 5.30 पर पहले कोबरा कमांडो पर हमला हुआ, जिसके बाद पुलिस और सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया। एंटी नक्सल अभियान में कम से कम 8 नक्सली मारे गए हैं, वहीं एक एके सीरीज राइफल, तीन इंसास राइफल, एक सेल्फ लोडिंग राइफल बरामद हुई है। आठ देसी बंदूक एवं एक पिस्तौल बरामद की गई है। नक्सलियों के खिलाफ इस ऑपरेशन में एक भी सुरक्षाकर्मी घायल नहीं हुआ है।
कोबरा कमांडोज ने किया था ऑपरेशन
कोबरा कमांडोज ने पूरी टीम की लीड किया था। कोबरा सीआरपीएफ की स्पेशल यूनिट है जो जंगलों में युद्ध संबंधी रणनीति में दक्षता के लिए जानी जाती है।
किस ऑपरेशन पर हैं सुरक्षाबल?
गृह मंत्रालय ने मार्च 2026 तक झारखंड को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 140 से अधिक माओवादी मारे गए हैं। सुरक्षा अधिकारी छत्तीसगढ़ को देश में वामपंथी उग्रवाद का अंतिम बचा गढ़ कहते हैं।