• PILIBHIT 23 Dec 2024, (अपडेटेड 23 Dec 2024, 2:49 PM IST)
भारत सरकार ने संगठनों को अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट 1967 के तहत बैन किया है, उनमें खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का भी नाम शामिल है। क्या है ये संगठन, पढ़ें पूरी कहानी।
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के संदिग्ध आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर करने वाली पुलिस। (तस्वीर-PTI)
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के 3 आतंकियों को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीमों ने पीलीभीत इलाके में ढेर कर दिया है। सोमवार सुबह को हुई इस मुठभेड़ में मारे गए संदिग्धों का नाम गुरदासपुर ग्रेनेड हमले में सामने आया था।
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के संदिग्धों के नाम गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह और जसप्रीत सिंह है। गुरविंदर सिंह की उम्र 25 साल, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि की उम्र 23 साल और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह की उम्र 18 साल है।
उत्तर प्रदेश के डायरेक्ट जनरल (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश ने कहा है कि तीनों ग्रेनेड अटैक में शामिल रहे हैं। तीनों ने गुरदासपुर पुलिस चेकपॉइंट पर ही हमला बोल दिया था। उनके पास से AK-47, ग्लॉक पिस्टल और बड़ी संख्या में हथियार मिला है।
क्या है खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स? खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स प्रतिबंधित संगठन है। गृहमंत्रालय ने साल 2020 में इसे आतंकी संगठन मानकर यूएपीए के तहत बैन कर दिया था। यह साल 1993 में अस्तित्व में आया था। इस संगटन का चीफ भी रणजीत सिंह नीता है। वह सोशल मीडिया के जरिए कट्टरता फैलाता है। यह संगठन यूके, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, मलेशिया और नेपाल में सक्रिय है। वह जम्मू का रहने वाला है। वह जम्मू के सांबा इलाके में सक्रिय रहा है। इस संगठन का मकसद पंजाब और भारत में अस्थिरता पैदा करना और खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा देना है।
KZF क्यों है आतंकी सगठन? चार्जशीट पढ़ लीजिए - दिसंबर 1996 में अंबाला के पास झेलम एक्सप्रेस में ट्रेन धमाका - अप्रैल और जून 1997 में पठानकोट में दो बसों में बम धामाका,कई यात्रियों की हत्या। - जून 1998 में शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन में बम धमाका - नवंबर 1999 में पठानकोट के पास पूजा एक्सप्रेस ट्रेन में धमाका, 14 लोगों की हत्या, 42 घायल - फरवरी 2000 में सियालदा एक्सप्रेस में विस्फोट, 5 की मौत 4 घायल - फरवरी 2000 में कैलाश गेस्ट हाउस, पहाड़गंज दिल्ली में धमाका, 8 घायल - समस्तपुर ग्राम के पास धमाका, 7 की हत्या, 24 घायल - 3 मार्च 2002 फतहगढ़ साहिब में बस के अंदर IED धमाका, 9 लोगों की मौत - जून 2001 में जम्मू रेलवे स्टेशन पर धणाका, 1 शख्स की मौत, 48 घायल - सितंबर 2005 में चंडीगढ़ ISBT धमाका, 7 घायल - जुलाई 2009 में पटियाला सिख संगत चीफ रुलदा सिंह पर हमला - मई 2009 में में ऑस्ट्रिया के वियाना में गुरुद्वारे के अंदर डेरा सचखंड बालान के संत रमानंदर और निरंजनदास पर हमला - वियाना में रामानंद की हत्या
रंजीत सिंह नीता कौन है? रणजीत सिंह नीता की उम्र 56 साल है। वह खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का मुखिया है। गृह मंत्रालय ने उसे वांछित आतंकियों की लिस्ट में रखा है। उस पर आतंकी रैकेट चलाने, उन्हें फंड करने, हथियार मुहैया कराने और भारत के खिलाफ आतंकी मुहिम चलाने के आरोप हैं। गृहमंत्रालय के मुताबिक रणजीत सिंह उर्फ नीता सीमा पर सक्रिय है और भारत के लिए मुश्किलें पैदा करता है। नीता का कनेक्शन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ भी हैं। इस संगठन के संबंध हिजबुल-मुजाहिदीन से भी हैं।
किन देशों में सक्रिय है खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स? गृहमंत्रालय के मुताबिक खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स पाकिस्तान, यूके, स्विट्जरलैंड, इटली, जर्मनी, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम और नेपाल में सक्रिय है। अब यूपी के पीलीभीत में उसका 3 संदिग्ध कार्यकर्ता मारे गए हैं।