12 राज्य-UT की 5% जनता भी नहीं बोलती हिंदी, समझिए भाषा का गुणा गणित
साल 2011 में हुए जनगणना के मुताबिक भारत में 43.63 फीसदी लोग हिंदी को मातृभाषा कहते हैं। 12 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों की 5% से भी कम आबादी हिंदी बोलती है।

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भारत सरकार की तीन भाषा नीति पर हंगामा बरपा है। हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषाओं वाली इस नीति का दक्षिण भारतीय राज्य विरोध कर रहे हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों का कहना है कि उन पर हिंदी थोपी जा रही है। साल 1968 में जब इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 3 भाषा सिद्धांत पेश किया था, तब भी हंगामा हुआ था।
हिंदी अंग्रेजी के आधार पर केंद्रित इन नीतियों को दक्षिण भारतीय राज्य,अपनी भाषा में दखल मानते हैं। साल 1968 में तमिलनाडु तीन भाषा नीति का विरोध कर चुका है। आज भी तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों ने इस सिद्धांत का खुलकर विरोध किया है। ये राज्य सिर्फ दो भाषाओं को अपनाने की बात कहते हैं।
केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति की कवायद शुरू की तो इसका मुखर विरोध दक्षिणी राज्यों से ही हुआ। तमिलनाडु सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार 3 भाषा नीति को लागू न करने की वजह से समग्र शिक्षा फंड नहीं दे रही है। उन्होंने केंद्र पर राज्य सरकारों को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। कई राज्यों में अब स्थानीय भाषाओं को अनिवार्य बनाने की कवायद चल रही है।
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किन राज्यों में बोली जाती है 2 भाषाएं?
राष्ट्रीय स्तर पर 26.02 प्रतिशत आबादी द्विभाषी है, वहीं 7.1 फीसदी आबादी तीन अलग-अलग भाषाएं बोलती है। साल 2001 की जनगणना में द्विभाषी आबादी 24.79 प्रतिशत से बढ़ी है। तीन भाषा बोलने वाले 8.51 प्रतिशत से गिर गई है। 2001 और 2011 के बीच, 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दो भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई, वहीं 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तीन भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई है।
राजस्थान में 2 भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या 10.9 प्रतिशत है। यूपी में 11.45 प्रतिशत लोग दो भाषा बोलते हैं, बिहार में 12.82 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 13.25 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 13.51 प्रतिशत आबादी दो भाषा बोलती है। तीन भाषा बोलने वाले राज्यों की लिस्ट में ये राज्य सबसे निचले पायदान पर हैं।
गोवा 3 भाषाई राज्यों में शुमार हैं। यहां की 77.21 प्रतिशत आबादी दो भाषाओं में बात करती है, 50.82 फीसदी आबादी 3 भाषाओं में बाद करती है। चंडीगढ़ 30.51% और अरुणाचल प्रदेश 30.25% लोग तीन भाषा बोलते हैं।
किन राज्यों में बोली जाती है 3 भाषा?
चंडीगढ़ में करीब 30 फीसदी आबादी 3 भाषाओं में बोलती है। दिल्ली की 28.22 फीसदी आबादी, गोवा की 50.82 फीसदी आबादी तीन भाषा बोलती है। साल 2011 के आंकड़े बताते हैं 10 सबसे आम भाषा संयोजनों में 8 में हिंदी शामिल है। हिंदी और मराठी बोलने वाले 3.47 करोड़ लोग हैं।
हिंदी-अंग्रेजी बोलने वाले लोग 3.2 करोड़, गुजराती-हिंदी 2.17 करोड़, उर्दू-हिंदी 1.86 करोड़ और पंजाबी-हिंदी 1.55 हैं। तमिल-अंग्रेजी 1.23 करोड़ और तेलुगु-अंग्रेजी 80.75 लाख लोग बोलते हैं।
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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मराठी, हिंदी और अंग्रेजी बोलने वाले लोगों की संख्या 1.01 लोग हैं। पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी बोलने वाले लोग 77.99 लाख हैं। गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी बोलने वाले लोगों की संख्या 66.32 लाख है।
तेलुगु-अंग्रेजी-हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या 25.04 लाख और मलयालम-अंग्रेजी-हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या 24.76 लाख है। कश्मीरी उर्दू और अंग्रेजी बोलने वाले लोगों की संख्या 64.79 लाख है। तेलुगु-कन्नड़-तमिल बोलने वाले लोगों की संख्या 1.6 लाख है।
कितने लोग बोलते हैं हिंदी?
साल 2011 की जनगणना बताती है कि 43.63% लोग हिंदी को मातृभाषा मानते हैं। तमिलनाडु और केरल सहित पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1% से भी कम आबादी हिंदी बोलती है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सहित अन्य सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5% से भी कम आबादी द्वारा बोली जाती है।
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भाषा विवाद पर क्या सोचती है केंद्र सरकार?
केंद्र सरकार ने कहा है कि किसी भी राज्य पर कोई खास भाषा नहीं थोपी जाएगी। साल 1968 और 2020 में तीन भाषा फॉर्मूला का मकसद बहुभाषावाद का बढ़ावा देना था। साल 2011 की जनगणना बताती है कि भारत की भाषाई विविधता के बाद भी केवल 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आधे से ज्यादा राज्य की आबादी दो से ज्यादा भाषा बोलती है।
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