प्रयागराज से 14 लाख टन कचरा गायब हो गया है। यह कचरा कहां गया है, किसी को कोई खबर नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जब प्रयागराज नगर निगम से सवाल किया कि प्रयागराज का सालों से पड़ा कचरा (लीगेसी वेस्ट) कहां गया है तो नगर निगम के अधिकारी जवाब नहीं दे पाए।
नगर निगम की ओर से कहा गया कि यह कचरा सीमेंट कंपनियों को भेजा गया है। जब NGT ने पूछा कि कौन सी सीमेंट कंपनियों को कचरा बेचा गया है, तब अधिकारी जवाब नहीं पाए। एनजीटी ने कहा कि अगर लाखों टन लीगेसी वेस्ट को खत्म कर दिया गया तो यह तरीका दिल्ली में क्यों नहीं अपनाया जाना चाहिए।
महाकुंभ में बड़ी संख्या में लोग गंगा और यमुना के घाटों में डुबकी लगा रहे हैं। महाकुंभ में 20 जनवरी को मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ होने की संभावना है। ऐसे में इस दिन घाटों पर लाखों टन कचरा फैलने की आशंका है। महाकुंभ में कचरे के निस्तारण को लेकर अभी तक कोई साफ-साफ व्यवस्था नजर नहीं आई है। 20 जनवरी 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल में हुई एक सुनवाई के दौरान बेंच ने प्रयागराज म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की आलोचना की है।
कहां गुम हो गया पुराना कचरा?
NGT ने प्रयागराज नगर निगम से यह भी सवाल किया है कि दशकों पुराना सड़ा-गला कचरा (लीगेसी वेस्ट) जो यहां पड़ा था, वह अचानक कहां चला गया है। NGT ने एमसी मेहता केस की सुनवाई के दौरान यह बात कही है।
14 लाख टन कचरा 6 महीने में गायब, कैसे? NGT ने पूछा
बेंच ने नगर निगम के अधिवक्ता से सवाल किया, 'आप दावा करते हैं कि 14 लाख टन लीगेसी वेस्ट 6 महीने में खत्म कर दिया गया। अगर यह सच है तो तो हमें यह बताइए कि इतने कचरे का इतने कम वक्त में प्रबंधन कैसे हो पाया। क्यों यही तरीका दिल्ली में क्यों नहीं लागू करती हैं। वहां तो सालों से कचरा जमा है।'
'बताइए हर दिन कितना निकल रहा कचरा'
NGT में सुनवाई के दौरान नगर निगम के वकील ने कहा कि अगली सुनवाई में निकाय की ओर से हलफनामा पेश किया जाएगा और इन सवालों का जवाब दिया जाएगा। बेंच ने कहा, '4000 हेक्टेयर कुंभ क्षेत्र में 40 लाख लोग फैले हुए हैं। गंगा घाटों से हर दिन कचरा निकल रहा है। इससे जुड़े आंकड़े कहां हैं? प्रयागराज की असली आबादी के बारे में अभी तक नहीं बताया गया है, न ही आप यह बता पा रहे हैं कि हर दिन कितना कचरा निकल रहा है।'
'NGT का जवाब नहीं दे पाया नगर निगम'
नगर निगम ने जवाब में कहा कि लीगेसी वेस्ट का निस्तारण हुआ है, उन्हें सीमेंट कंपनियों में भेजा गया है। बेंच ने सवाल किया कि कौन सी सीमेंट कंपनियों ने यह लिया है, उनके नाम क्या हैं। नगर निगम ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।
NGT की बेंच ने कहा है कि नगर निगम की ओर से पेश किया गया स्पष्टीकरण बिलकुल भी साफ नहीं है। NGT ने स्पष्टीकरण मांगा है। अगली सुनवाई पर नगर निगम को हलफनामा दायर करना होगा।