अदाणी के मामले में वरिष्ठ वकील और पूर्व राज्यसभा सदस्य महेश जेठमलानी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से पार्टी कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर विश्लेषण कर रही है।
उन्होंने कहा कि यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के पास रिश्वतखोरी का कोई सबूत नहीं है। कांग्रेस जो भी हो-हल्ला मचा रही है, वह सब गलत समझ के कारण है। क्या सबूत है कि सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी, इस बात के क्या सबूत हैं?
अदाणी के खिलाफ कोई सबूत नहीं
जेठमलानी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी एक इंडियन बिजनेस कांग्लोमेरेट के खिलाफ आरोप पर आंख मूंदकर भरोसा कर रही है, जिसने भारत और विदेशों में काफी अच्छे बिजनेस किए हैं। यह भारत के हित में नहीं है। एक अमेरिकी अदालत के अभियोग पर भरोसा करना, जिसमें कोई सबूत नहीं है और यह भी नहीं बताया गया है कि अदाणी या बॉण्ड जारी करने वाली कंपनी अदाणी ग्रीन ने भारत में कोई गलत काम किया है। कांग्रेस विशुद्ध रूप से राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अभियोग को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है'
कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि, 'यह भारत की ग्रोथ को रोकने के लिए एक षड्यंत्र है। आप एक कॉर्पोरेट ग्रुप के पीछे पड़े हैं और प्रधानमंत्री को लगातार शर्मिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं। वह एक इंडस्ट्रियलिस्ट हैं जिन्होंने भारत और विदेशों में भी तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, जिस पर आपको गर्व होना चाहिए।'
कांग्रेस को बताया विदेशी ताकतों का लोकल एजेंट
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'बिल्कुल आंखें मूंदकर उनका विरोध न करें। आप विदेशी ताकतों के लोकल एजेंट की तरह काम कर रहे हैं जिनका उद्देश्य भारत की आर्थिक प्रगति को रोकना है।'
जेठमलानी ने कहा कि भारत में किसी अथॉरिटी के द्वारा जांच की या संयुक्त संसदीय समिति की कोई ज़रूरत नहीं है जब तक कि कांग्रेस कोई 'विश्वसनीय सबूत' सार्वजनिक रूप से नहीं पेश करती है। उन्होंने कहा कि 'कृपया कोई सबूत पेश कीजिए। आप सिर्फ हो-हल्ला मचाना चाहते हैं। जिसकी बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।'
अदाणी की तरफ से भी आ चुका है बयान
वहीं अदाणी ग्रुप की तरफ से भी बयान आ चुका है जिसमें इस आरोप को गलत और निराधार बताया गया है। अदाणी ग्नीन एनर्जी ने दावा किया कि अमेरिकी भ्रष्टाचार प्रेक्टिस के तहत उन पर लगे आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, अमेरिकी न्याय विभाग ने गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और प्रमुख कार्यकारी विनीत जैन पर आरोप लगाया है। अदाणी की कंपनी पर यूएस में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। 2022 से 2024 के बीच अदाणी को सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी गई थी। इसके जरिए अदाणी की कंपनी को 20 साल में दो अरब डॉलर से अधिक मुनाफा हो सकता था।