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हिंसा के 21 महीने, सैकड़ों मौतें, अब इस्तीफा, मणिपुर में क्या हुआ?

मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने रविवार गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों का संघर्ष अब तक थमा नहीं है। किस दिन क्या हुआ है, आइए समझते हैं।

Manipur Violence

मणिपुर में तैनात सुरक्षाबल। (File Photo Credit: PTI)

21 महीनों मणिपुर लगातार हिंसा की जद में है। कभी इंफाल में हिंसा भड़कती है, कभी जिरिबाम में। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच ऐसी हिंसक झड़पें कभी नहीं हुई थीं। नस्लीय हिंसा के ऐसे मामले, देश के किसी कोने से शायद ही कभी आए हों। मैतेई और कुकी समुदायों के वर्चस्व की इस लड़ाई को लेकर एन बीरेन सिंह लगातार विपक्ष के निशाने पर थे।

21 महीनों से लगातार विपक्ष का एक धड़ा उनसे इस्तीफा मांग रहा था। आरोप यह लग रहे थे कि मणिपुर हिंसा, एन बीरेन सिंह संभाल ही नहीं पा रहे हैं। उनकी सरकार, प्रशासन और पुलिस ने मणिपुर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया। आरोप केंद्र सरकार पर भी लगे कि महीनों से सुलग रहे पूर्वोत्तर के इस सूबे को सुरक्षाबल भी शांत नहीं करा पाए। 

विपक्ष के लगातार दबाव के बाद अचानक एन बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। मणिपुर में अब तक करीब 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और हजारों लोगों की तलाश जारी है। मैदानी और पहाड़ी इलाकों में भीषण संघर्ष की स्थिति है। अब सरकार की नई चुनौती है कि कैसे मणिपुर में हिंसा काबू में आए।

मणिपुर में इस्तीफे के बाद अहम सवाल यह है कि यहां किस दिन क्या हुआ है, कब-कब हिंसा भड़की है, इसकी अहम तिथियां क्या हैं, विस्तार से समझने की जरूरत है।


मणिपुर में अब तक क्या-क्या हुआ है? समझिए विस्तार से

20 अप्रैल 2023। हिंसा की असली वजह मणिपुर हाई कोर्ट का एक फैसला था। मणिपुर हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार को मैतेइयों की मांग मान लेनी चाहिए, उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना चाहिए।

27 अप्रैल 2023 से विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। आंदोलनकारियों ने एक खुले जिमखाने को जला दिया। दिलचस्प बात यह है कि इसका उद्घाटन खुद सीएम एन बीरेन सिंह करने वाले थे। उद्घाटन से पहले ही पूरा जिमखाना जलकर राख हो गया। 

28 अप्रैल 2023 को मणिपुर सरकार ने एक आदेश जारी किया। कर्फ्यू घोषित किया गया और इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई। शुरुआती दिनों में यह आदेश सिर्फ 5 दिनों के लिए ही जारी हुआ।

3 मई 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंड यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने व्यापकर विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन मैतेई समुदाय को मिले आरक्षण के खिलाफ था। कहा गया कि कोर्ट का यह आदेश रद्द होना चाहिए। मैतेइयों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिलना चाहिए। चुराचांदपुर में इसके खिलाफ हिंसा भी तेजी से भड़की।

मणिपुर में आज भी इसांफ मांग रहे हैं हिंसाग्रस्त परिवार। (Photo Credit: PTI)

4 मई 2023 तक हिंसा व्यापक स्तर पर भड़की। राज्य के अन्य हिस्से भी हिंसा की जद में आ गए। इंफाल में पहली बार जमकर हिंसा हुई। केंद्र सरकार को सुरक्षाबलों की अतिरिक्ट टुकड़ियां भेजनी पड़ीं। 9000 से ज्यादा लोगों को विस्थापित किया गया कि वे हिंसा की जद में न आने पाएं।

5 मई 2023 को 5 लोगों की हिंसा में मौत हो गई। चुराचांदपुर में पुलिस झड़प हुई जिसमें 5 लोग मारे गए। 10 मई को 10 कुकी विधायकों ने समुदाय के लिए अलग प्रशासन की मांग की और मौजूदा सरकार से नाराज हो गए। 

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29 मई 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर का दौरा किया। उन्होंने हिंसा की स्थिति का जायजा लिया। 

19 जुलाई 2023 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में दो महिलाओं को न्यूड परेड कराया गया। कहा गया कि महिलाएं कुकी समुदाय की हैं। उनका न्यूड वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। यह हिंसा 4 मई को हुई थी, इसका वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था।

मैतेई समुदाय का एक बड़ा हिस्सा मैदानी इलाके में रहता है, वहीं कुकी पहाड़ियों पर बसे हैं। (Photo Credit: PTI)

 


20 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मणिपुर हिंसा पर बात की। तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से अपील की थी कि मणिपुर हिंसा पर सरकार ध्यान दे। 

7 अगस्त 2023 को कुकी पीपल्स अलायंस न मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। 28 सितंबर 2023 को कर्फ्यू आदेश की आंदोलनकारियों ने धज्जियां उड़ा दीं। उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री आवास में दाखिल होने की कोशिश की। 

2 दिसंबर 2023 को इस हिंसा में मारे गए 60 से ज्यादा लोगों की लाशों को उनके परिजनों को लौटा गया। 

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मणिपुर हिंसा पीड़ित एक महिला। (Photo Credit: PTI)

2024 की अहम घटनाएं क्या हैं?
1 जनवरी 2024 थौबल जिले में प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के उग्रवादियों ने आम लोगों को मार डाला। 10 अप्रैल और 26 अप्रैल 2024 को हिंसाग्रस्त मणिपुर में वोटिंग हुई। 7 नवंबर 2023 को एक महिला के साथ रेप हुआ, उसे मारकर जला दिया गया। आरोप लगे कि मैतेई समुदाय के संगठन अराबाई तेंगोल के सदस्यों ने ऐसा किया है। 11 नवंबर 2023 को जिरिबाम में कुछ हथियारबंद लोगों ने CRPF के कैंप पर हमला किया, जिसमें 10 उग्रवादी मारे गए। 31 दिसंबर को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य के लोगों से हिंसा को लेकर माफी मांगी। 

2025 में अब तक क्या-क्या हुआ?

3 जनवरी 2025 को पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला मणिपुर के राज्यपाल बने। 3 फरवरी से लेकर 8 फरवती तक कांग्रेस ने तय किया कि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। 10 फरवरी को इस पर वोटिंग की जाएगी।  9 फरवरी 2025 को एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मणिपुर में विधानसभा सत्र स्थगित हो गया है। अब नए मुख्यमंत्री के चुनाव के बाद ही विधानसभा सत्र चालू होगा। 

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