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कुकी हैं मणिपुर हिंसा के गुनहगार? समझिए क्यों सरकार को लग रहा ऐसा

मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। बैठक में विधायकों ने मांग की है कि कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया जाए और उन्हें अवैध संगठन घोषित किया जाए।

N Biren Singh

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह। (तस्वीर- फेसबुक, बीरेन सिंह)

मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़पें अपने चरम पर हैं। राजधानी इम्फाल से लेकर जिरीबाम तक, मैतेई समाज के लोग कुकी उग्रवादियों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। अब राज्य में भड़की हिंसा के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) की 70 अतिरिक्त कंपनियों को भेजा है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने विधायक और मंत्रियों की एक अहम बैठक बुलाई थी, जिसमें यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि घाटी के 6 पुलिस इलाकों में AFSPA लगाने पर सरकार समीक्षा करे। 


कुकी उग्रवादियों पर भड़के हैं NDA विधायक
11 नवंबर को जिरीबाम से 6 मैतेई महिला और बच्चों के अपहरण और हत्या के लिए सरकार भी कुकी उग्रवादियों को दोषी मान रही है। विधायकों ने अपील है कि अब कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सुरक्षाबल एक्शन लें और उन्हें गैर कानूनी संगठन घोषित करें।

उग्रवादियों पर एक्शन को लेकर सख्त है सरकार
प्रस्ताव में यह तय हुआ है कि अगर यह तय अवधि के दौरान नहीं हुआ तो एनडीए विधायक राज्य के लोगों की सलाह से आगे फैसला करेंगे। विधायकों के घरों में जो तोड़फोड़ की गई है, उसमें शामिल उपद्रवियों पर भी एक्शन लिया जाएगा। दिलचस्प बात ये है कि मैतेई समुदाय का विधानसभा वर्चस्व है। पक्ष और विपक्ष दोनों जगहों पर मैतेई समुदाय का बोलबाला है।


AFSPA का दायरा क्यों बढ़ाया गया है?
केंद्र सरकार ने 14 नवंबर जिरीबाम समेत घाटी के 6 पुलिस थानों को आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। गृहमंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि राज्य में अस्थिर स्थिति और हिंसा की वजह से इसे लागू किया जा रहा है। 

मणिपुर के लिए क्या है सरकार का प्लान?
सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक समीक्षा बैठक बुलाई थी। उन्होंने 7,000 से ज्यादा जवानों वाली 70 कंपनियों को मणिपुर में शांति बहाली के लिए भेजने का फैसला किया है। सुरक्षाबलों का काम, मणिपुर में पनपे उग्रवाद को रोकना होगा। गृहमंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री ने साफ कहा है कि वे हमलावरों के खिलाफ कड़ा एक्शन लें और राहत शिविरों, पहाड़ियों लेकर घाटी तक, हर इलाके में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दें।

मणिपुर में सुलगे नए विवाद की वजह क्या है?
11 नवंबर को कुछ हथियारबंद लोगों ने CRPF के एक राहत शिविर पर हमला किया। उग्रवादियों ने कथित तौर पर 6 लोगों का अपहरण भी कर लिया, जिनमें से 5 लाशें अब तक बरामद हुई हैं। मैतेई समाज के लोग इसे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि कुकी उग्रवादियों के खिलाफ एक्शन लेने से सरकार बच रही है। सोमवार को राज्य सरकार ने घाटी में इंटरनेट बैन को 2 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है। मणिपुर हिंसा की जांच, अब NIA कर रही है। 

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