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आत्मनिर्भर और वोकल फॉर लोकल पर जोर, मन की बात में क्या बोले PM मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में लोगों से एक बार फिर अपील की है कि वे देसी प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा खरीदें। विदेशी निर्भरता कम करें।

Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो शो 'मन की बात' में एक बार फिर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल की बात की है। यह मन की बात कार्यक्रम का 126वां एपिसोड था। प्रधानमंत्री मोदी ने नवरात्रि से लेकर छठ पर्व तक पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की लिस्ट में शामिल करने पर काम कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो पूरी दुनिया में छठ पर्व का प्रभाव नजर आएगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर और शहदी भगत सिंह को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा, 'आज लता मंगेशकर की जयंती है। भारतीय संस्कृति और संगीत में रूचि रखने वाला कोई भी उनके गीतों को सुनकर अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता। उनके गीतों में वो सब कुछ है जो मानवीय संवदेनाओं को झकझोरता है। मराठी सुगम संगीत की महान हस्ती सुधीर फड़के जी ने सबसे पहले लता दीदी से मेरा परिचय कराया था। मैंने लता दीदी को कहा कि मुझे आपका गाया गाना ज्योति कलश छलके बहुत पसंद है।'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में क्या-क्या कहा?

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'त्योहारों पर हम सब अपने घर की सफाई में जुट जाते हैं। लेकिन स्वच्छता सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित न रहे। गली, मोहल्ला, बाजार, गांव हर जगह पर सफाई हमारी जिम्मेदारी बने। मैं आप सभी को आने वाली दीपावली की भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। लेकिन मैं फिर से दोहराऊंगा कि हमें आत्मनिर्भर बनना है, देश को आत्मनिर्भर बनाने के ही रहना है।'

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हम ठान लें कि इस बार त्योहार सिर्फ स्वदेशी चीजों से ही मनाएंगे, तो देखिएगा, हमारे उत्सव की रौनक कई गुना बढ़ जाएगी। वोकल फॉर लोकल को खरीदारी का मंत्र बना दीजिए।'

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ठान लीजिए, हमेशा के लिए, जो देश में तैयार हुआ है, वही खरीदेंगे। जिसे देश के लोगों ने बनाया है, वही घर ले जाएंगे। जिसमें देश के किसी नागरिक की मेहनत है, उसी सामान का उपयोग करेंगे।'

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, '7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती है। महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति के कितने बड़े आधार हैं। यह महर्षि वाल्मीकि ही थे, जिन्होंने हमें भगवान राम की अवतार कथाओं से इतने विस्तार से परिचित करवाया था। उन्होंने मानवता को रामायण जैसा अद्भुत ग्रंथ दिया। भगवान राम ने सेवा, समरसता और करुणा से सबको गले लगाया था। इसीलिए हम देखते हैं, महर्षि वाल्मीकि की रामायण के राम, माता शबरी और निषादराज के साथ ही पूर्ण होते हैं।'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-
इस बार विजयादशमी एक और वजह से बहुत विशेष है। इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष हो रहे हैं। एक शताब्दी की ये यात्रा जितनी अद्भुत है, अभूतपूर्व है, उतनी ही प्रेरक है। देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा आए, RSS के स्वयंसेवक सबसे पहले वहां पहुंच जाते हैं। लाखों लाख स्वयंसेवकों के जीवन के हर कर्म, हर प्रयास में राष्ट्र प्रथम की यह भावना हमेशा सर्वोपरि रहती है।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'झारखंड के आशीष सत्यव्रत साहू जी ने जोहारग्राम ब्रांड के जरिए आदिवासी बुनाई और परिधानों को ग्लोबल रैंप तक पहुंचाया है। बिहार के मधुबनी जिले की स्वीटी कुमारी ने, उन्होंने भी संकल्प क्रिएशन शुरू किया है। मिथिला पेंटिंग को उन्होंने महिलाओं की आजीविका का साधन बना दिया है।'

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'बीते 11 साल में खादी के प्रति देश के लोगों का आकर्षण बहुत बढ़ गया है। पिछले कुछ वर्षों में खादी की बिक्री में बहुत तेजी देखी गई है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि 2 अक्टूबर को कोई ना कोई खादी प्रोडक्ट जरूर खरीदें। गर्व से कहें -ये स्वदेशी हैं।'

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमारे पर्व-त्योहार भारत की संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं। छठ पूजा, एक ऐसा पावन पर्व है, जो दिवाली के बाद आता है। सूर्यदेव को समर्पित यह महापर्व बहुत ही विशेष है। इसमें हम डूबते सूर्य को  भी अर्घ्य देते हैं, उनकी आराधना करते हैं। छठ न केवल देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाई जाती है, बल्कि दुनिया भर में छटा देखने को मिलती है। आज ये एक ग्लोबल फेस्टिवल बन रहा है।'

 

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