भारतीय सेना ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सेना ने मिशन सुदर्शन चक्र के तहत सरकारी कंपनी एडवांस्ड वेपन एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) से AK-630 एयर डिफेंस गन खरीदने के लिए एक टेंडर जारी किया है। यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में घोषित किया था।
रक्षा अधिकारियों ने मीडिया को बताया, 'भारतीय सेना के हवाई रक्षा विभाग ने AWEIL से छह AK-630 हवाई रक्षा बंदूक सिस्टम खरीदने के लिए एक प्रस्ताव (RFP) जारी किया है।' यह सिस्टम 30 मिमी की मल्टी-बैरल मोबाइल एयर डिफेंस गन है, जो तेजी से गोलीबारी करने में सक्षम है।
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बॉर्डर एरिया में होगा तैनात
अधिकारियों के अनुसार, इस हथियार का इस्तेमाल ड्रोन, रॉकेट, तोपखाने और मोर्टार जैसे खतरों से निपटने के लिए किया जाएगा। यह खास तौर पर अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (पाकिस्तान के साथ) के पास प्रमुख आबादी वाले क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए होगा।
AK-630 गन सिस्टम को एक ट्रेलर पर लगाया जाएगा और इसे हाई मोबिलिटी वाहन द्वारा खींचा जाएगा। इसकी प्रभावी रेंज 4 किलोमीटर तक है और यह प्रति मिनट 3,000 राउंड तक गोलीबारी कर सकता है। यह सिस्टम हर मौसम में काम करने वाले इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम के जरिए लक्ष्य का पता लगाएगा और उसे नष्ट करेगा।
मई में किया था परीक्षण
मई में भारतीय सेना ने AK-630 का आंतरिक परीक्षण किया था, जो पाकिस्तान के साथ सीज़फायर के कुछ दिनों बाद हुआ। इस परीक्षण में सिस्टम ने अभ्यास के दौरान हवाई लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से नष्ट किया, हालांकि कुछ सुधार के क्षेत्र भी चिह्नित किए गए।
पाकिस्तान के साथ चार दिन की सीमा पर हुई झड़पों के दौरान, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्यों में नागरिकों और धार्मिक स्थलों पर सीधे हमले किए थे। भारतीय वायुसेना के साथ-साथ सेना की हवाई रक्षा ने इन हमलों को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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आयरन डोम की तर्ज पर तैयार
मिशन सुदर्शन चक्र को इजरायल के प्रसिद्ध आयरन डोम की तर्ज पर तैयार किया गया है। इसका लक्ष्य 2035 तक एक व्यापक, बहु-स्तरीय और स्वदेशी सुरक्षा कवच बनाना है, जिसमें निगरानी, साइबर सुरक्षा और हवाई रक्षा प्रणालियां शामिल होंगी। यह मिशन आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता बढ़ाने का भी हिस्सा है।