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मोरबी पुल हादसे के मुख्य आरोपी को मोदक से तौला, देखें वीडियो

गुजरात के मोरबी पुल हादसे के आरोपी उद्योगपति जयसुख पटेल को पाटीदार समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है। पीड़ितों के परिवारों ने इस पर नाराजगी जताई है।

Jaysukh Patel Main accused in Morbi bridge collapse was honored at an event

जयसुख पटेल । Image Credit: X

साल 2022 में गुजरात के मोरबी सस्पेंशन ब्रिज हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के मुख्य आरोपी उद्योगपति जयसुख पटेल की एक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रही है। इस वीडियो में पाटीदार समुदाय के लोग जयसुख पटेल को सम्मानित करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, पाटीदार समुदाय ने शुक्रवार को मोरबी शहर के बाहरी इलाके में स्थित उमा संस्कार धाम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ का कार्यक्रम आयोजित किया था। इसी कार्यक्रम में जयसुख पटेल को सम्मानित किया गया, जिसकी अब जमकर आलोचना की जा रही है। 

 

जमानत पर जयसुख पटेल

बता दें कि पटेल इस समय जमानत पर बाहर हैं। इस कार्यक्रम में उन्हें दिवंगत ओआर पटेल के बेटे के रूप में सम्मानित किया गया। जयसुख के पिता एक फिलैंथ्रॉपिस्ट और अजंता समूह के संस्थापक थे। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस कार्यक्रम में पटेल को तराजू पर 'मोदक' से तौला गया। कडवा पाटीदार कन्या केलवानी मंडल के आयोजकों ने कहा कि मोदक को 60,000 डिब्बों में पैक किया जाएगा और पाटीदार परिवारों में बांटा जाएगा।

कार्यक्रम का वीडियो हो रहा वायरल

इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें जयसुख पटेल को तराजू पर मोदक से तौला जा रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पीड़ितों के परिवारों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। पीड़ितों और उनके परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन के सदस्य नरेंद्र परमार ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, 'मोरबी सस्पेंशन ब्रिज के ढहने के मुख्य आरोपी को इस तरह सम्मानित होते देखना हमारे लिए दुख की बात है।'

 

देखें वीडियो:

 

पीड़ितों ने जताया दुख

परमार ने इस त्रासदी में अपनी 10 साल की बेटी को खो दिया था। उन्होंने कहा, 'मुझे एक समाचार रिपोर्ट के माध्यम से पटेल के सम्मान के बारे में पता चला और मुझे दुख हुआ। उन्हें मोरबी में प्रवेश करने से रोक दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए अदालत की अनुमति प्राप्त कर ली। यह घटना और एक बच्चे को खोना ऐसी चीज नहीं है जिसे कोई अपने जीवनकाल में भूल सकता है।'

 

135 लोगों की हुई थी मौत

जानकारी के लिए बता दें कि पटेल की फर्म ओरेवा ग्रुप ने मच्छू नदी पर बने ब्रिटिश काल के सस्पेंशन ब्रिज के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदारी ली थी। 30 अक्टूबर, 2022 को हुई इस त्रासदी में महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे। पुल ढहने के बाद, पटेल और कई अन्य लोगों को गैर-इरादतन हत्या और मानव जीवन को खतरे में डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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