26 नवंबर 2011 को मुंबई में हुए आतंकी हमले का दोषी तहव्वुर राणा भारत लाया जाएगा। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था।
क्या ये आखिरी मौका था?
प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ तहव्वुर राणा की पहली अपील 15 अगस्त 2024 को खारिज हो गई थी। सैन फ्रांसिस्को की अदालत ने ये कहते हुए उसकी अपील खारिज कर दी थी कि प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत को सौंपा जा सकता है। इसके बाद 13 नवंबर को उसने प्रत्यर्पण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। इससे अब राणा के भारत आने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। क्योंकि प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने का उसका ये आखिरी मौका था।
राणा ने हेडली के साथ प्लान किया था अटैक
मुंबई अटैक का प्लान तहव्वुर राणा ने डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर प्लान किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, राणा ने ही मुंबई अटैक का ब्लूप्रिंट तैयार किया था। राणा ने ही आतंकियों को हमले की जगह बताने और रुकने के ठिकानों में मदद कर रहा था।
कौन है तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई कारोबारी है। राणा और हेडली बचपन के दोस्त हैं। राणा को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर मुंबई में अटैक का प्लान कर रहा है। मुंबई अटैक की पूरी साजिश का हिस्सा राणा था। उस पर हमले को फंडिंग देने का आरोप भी है। 24 जनवरी 2013 को अमेरिकी कोर्ट ने डेविड हेडली को 35 साल जेल की सजा सुनाई थी।
क्या था मुंबई अटैक
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। मुंबई पहुंचने के बाद आतंकी अलग-अलग ग्रुप में बंट गए और अलग-अलग जगहों पर हमले किए। मुंबई के मशहूर ताज पैलेस होटल में भी आतंकियों ने घुसकर कत्लेआम मचाया था। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे। सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था। एकमात्र आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ाया था। 21 नवंबर 2012 को कसाब को फांसी दे दी गई थी।
कब तक भारत आएगा राणा?
तहव्वुर राणा के भारत आने का रास्ता भले ही साफ हो गया हो लेकिन अभी इसमें वक्त लग सकता है। क्योंकि अक्सर ऐसे मामले कानूनी पचड़ों में फंस जाते हैं। भारत और अमेरिका के बीच 1997 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी। विदेश मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2002 से 31 जनवरी 2019 तक अमेरिका से 10 अपराधियों को भारत लाया गया है।