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50 लाख के बदले 2000 करोड़ की संपत्ति! सोनिया-राहुल पर ED के आरोप क्या?

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ED ने चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट नेशनल हेराल्ड केस में दाखिल की गई है। ऐसे में जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है? और सोनिया-राहुल पर क्या आरोप हैं?

sonia and rahul gandhi

राहुल और सोनिया गांधी। (Photo Credit: PTI)

नेशनल हेराल्ड मामले में ED ने मंगलवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है। चार्जशीट में ED ने सोनिया गांधी को आरोपी नंबर-1 और राहुल गांधी को आरोपी नंबर-2 बनाया है।


चार्जशीट में ED ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया है। साथ ही दो कंपनियों- यंग इंडियन और डोटेक्ट मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और इससे जुड़े सुनील भंडारी को भी आरोपी बनाया गया है।


ED ने अपनी चार्जशीट में मनी लॉन्ड्रिंग करने के लिए PMLA की धारा 44 और 45 और कंपनियों की जवाबदेही तय करने के लिए धारा 70 लगाई है। ED ने PMLA की धारा 4 के तहत सजा की मांग की है। इसमें 7 साल की सजा का प्रावधान है।

 

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सोनिया-राहुल पर क्या हैं आरोप?

  • संपत्ति हड़पने का आरोपः ED ने अपनी चार्जशीट में आरोपी लगाया है कि कांग्रेस के आला नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन के अधिकारियों के साथ मिलकर AJL की 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए एक 'आपराधिक साजिश' रची थी।
  • कैसे की यह हेराफेरीः ED का दावा है कि संपत्ति हड़पने के लिए AJL के 99% शेयर मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिए गए। इस कंपनी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं। AJL ही नेशनल हेराल्ड की पब्लिशिंग कंपनी है और इसका मालिकाना हक यंग इंडियन के पास है।
  • कर्ज को इक्विटी में बदलाः चार्जशीट में ED ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने AJL को 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। इसे 9.02 करोड़ रुपये की इक्विटी में बदलने की साजिश रची, जिसे बाद में मामूली रकम पर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया गया। ED का दावा है कि इससे सोनिया और राहुल के पास AJL की अचल संपत्ति का मालिकाना हक आ गया।
  • मनी लॉन्ड्रिंगः ED ने चार्जशीट में दावा किया है कि इस सबके जरिए सोनिया-राहुल समेत कांग्रेस नेताओं ने 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की। ED ने यह भी कहा है कि AJL की जिस संपत्ति कथित रूप से हड़पा गया था, उसकी आज की कीमत 5 हजार करोड़ रुपये के आसपास है।
  • टैक्स चोरीः ED ने अपनी चार्जशीट में 400 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी का आरोप भी लगाया है। ED ने इसके लिए 2017 के इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर का हवाला दिया है। ED का कहना है कि यंग इंडियन ने AJL की संपत्तियों को अवैध तरीके से अधिग्रहित कर 414 करोड़ की टैक्स चोरी की है।

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50 लाख में 2000 करोड़ की संपत्ति!

साल 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड को शुरू किया। यह अंग्रेजी अखबार था। इसका मालिकाना हक AJL के पास था। साल 2008 तक AJL पर कर्ज बढ़कर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। इसका प्रकाशन बंद कर दिया।


फिर 2010 में यंग इंडियन नाम से एक नई कंपनी बनी। इस कंपनी के 38-38% शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास थे। बाकी के 24% शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिज के पास थे।


फरवरी 2011में कांग्रेस ने AJL को 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। बाद में मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडियन ने AJL का अधिग्रहण कर लिया। इससे उससे AJL की 99% हिस्सेदारी मिल गई। बाद में यंग इंडियन ने AJL का कर्ज माफ कर दिया। इसके साथ ही यंग इंडियन के पास AJL की 2 हजार करोड़ रुपये की अचल संपत्ति का मालिकाना हक भी आ गया। 


ED का कहना है कि AJL की इन संपत्तियों का इस्तेमाल आपराधिक आय को और बढ़ाने के लिए किया गया। इसके लिए तीन तरीके अपनाए गए। पहला- फर्जी डोनेशन, जिसके जरिए 18 करोड़ रुपये की रकम जुटाई। दूसरा- फर्जी किराया, जिसके जरिए 38 करोड़ रुपये कमाए। और तीसरा- फर्जी विज्ञापन, जिससे 29 करोड़ रुपये जुटाए गए।


कुल मिलाकर, कांग्रेस ने पहले AJL को 90 करोड़ का कर्ज दिया। बाद में इस कर्ज को चुकाने का अधिकार देने के लिए यंग इंडियन ने 50 लाख का भुगतान AJL को भुगतान किया। इसके बाद इस कर्ज को माफ कर दिया और कर्ज को इक्विटी शेयर में बदलकर 99% हिस्सेदारी यंग इंडियन को मिल गई। इस तरह से AJL पर एक तरह से पूरा मालिकाना हक यंग इंडियन का हो गया। इस सबमें कुल मिलाकर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई।

 

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कैसे शुरू हुआ था यह मामला?

नेशनल हेराल्ड मामले की शुरुआत बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत के बाद शुरू हुआ। उन्होंने 26 जून 2014 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत की थी। इस शिकायत पर पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भी जारी किया था।


ED ने इस मामले की जांच 2021 में शुरू की थी। 2022 में ED ने कई घंटों तक सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ भी की थी। इस मामले में दिसंबर 2015 में पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया-राहुल को जमानत दे दी थी।

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस ने ED की चार्जशीट को 'राजनीतिक बदला' बताया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस को चुप नहीं कराया जा सकता और सच्चाई की जीत होगी।


जयराम रमेश ने X पर लिखा, 'सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की बदले की राजनीति और धमकाने के अलावा और कुछ नहीं है।' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा करके सरकार नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना चाहती है।

 


कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले को 'फर्जी' करार देत हुए कहा कि ऐसा करके सरकार खुद को और अपे बदले की राजनीति को उजागर कर रही है।

 

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अब आगे क्या?

नेशनल हेराल्ड मामले में ED ने 9 अप्रैल को स्पेशल जज विशाल गोगने की अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले पर अब 25 अप्रैल को सुनवाई होगी। 

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