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 सीपी राधाकृष्णन होंगे देश के अगले उपराष्ट्रपति, कैसे मिली जीत

NDA कैंडिडेट सीपी राधाकृष्णन ने इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को हराकर उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है।

 प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: X/@VertigoWarrior

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: X/@VertigoWarrior

मंगलवार को एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को भारत का अगला उपराष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को आसानी से हरा दिया। राधाकृष्णन को कुल 767 वोटों में से 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। वोटों की संख्या से साफ है कि विपक्ष के कुछ सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की, जिसके कारण विपक्षी गठबंधन में दरारें दिखाई दीं।

 

उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले ही एनडीए के पक्ष में संख्या बल था। फिर भी, वोटिंग के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि रेड्डी को 315 वोट मिलेंगे, लेकिन अंत में उन्हें 300 वोट ही मिले। इससे साफ है कि विपक्ष के कुछ सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट दिया। कुल 788 सांसदों में से 767 ने वोट डाला, यानी 98.2% मतदान हुआ। इनमें से 752 वोट वैध थे, जबकि 15 वोट अवैध घोषित किए गए। रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

 

13 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, जिनमें सात बीजू जनता दल (बीजेडी), चार भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), एक शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और एक निर्दलीय सांसद शामिल थे।

रेड्डी ने हार स्वीकारी

चुनाव हारने के बाद बी. सुदर्शन रेड्डी ने नम्रता से नतीजे स्वीकार किए और राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने बयान में कहा, 'आज सांसदों ने भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना फैसला सुनाया है। मैं इस नतीजे को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं और हमारी महान गणतांत्रिक प्रक्रियाओं में मेरा विश्वास अटल है। यह यात्रा मेरे लिए सम्मान की बात रही, जिसमें मुझे संवैधानिक नैतिकता, न्याय और हर व्यक्ति की गरिमा जैसे मूल्यों के लिए खड़े होने का मौका मिला।'

 

 

रेड्डी ने आगे कहा, 'भले ही नतीजा मेरे पक्ष में नहीं रहा, लेकिन हमारा वैचारिक संघर्ष और भी जोर-शोर से जारी रहेगा। मैं विपक्षी दलों के नेताओं का दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझे अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया। मैं नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं।'

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?

68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। वे गाउंडर-कोंगू वेल्लालर ओबीसी समुदाय से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) व भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से गहराई से जुड़े हैं। उनके उपराष्ट्रपति बनने के साथ ही वे तमिलनाडु से इस पद पर पहुंचने वाले तीसरे नेता बन गए हैं।

तेलंगाना से हैं बी. सुदर्शन रेड्डी

79 वर्षीय रेड्डी तेलंगाना से हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रहे हैं। वे सलवा जुडूम और काले धन की जांच से जुड़े अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने चुनाव में अपनी उम्मीदवारी को 'लोगों की अंतरात्मा को जगाने' की कोशिश बताया, जबकि राधाकृष्णन ने इसे 'भारतीय राष्ट्रवाद' और 'विकसित भारत' के सपने की जीत करार दिया।

चुनाव प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान मंगलवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक चला। मतगणना शाम 6 बजे शुरू हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले वोट डाला। उनके बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी वोट डाले।

 

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में 781 सांसद शामिल थे (238 राज्यसभा और 542 लोकसभा से; एक लोकसभा और छह राज्यसभा सीटें खाली हैं)। बीआरएस और बीजेडी के बहिष्कार के बाद प्रभावी संख्या 770 थी, जिसमें बहुमत के लिए 386 वोट चाहिए थे। एनडीए के पास 425 सांसद थे और वाईएसआर कांग्रेस (11 सांसद) के समर्थन से उनकी संख्या 436 हो गई। वहीं, इंडिया ब्लॉक के पास 324 सांसदों का समर्थन था।

क्या बोले नेता

पीएम मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उनका जीवन हमेशा समाज की सेवा करते हुए और गरीबों के सशक्तीकरण में बीता है। मुझे विश्वास है कि वह काफी बेहतरीन उपराष्ट्रपति होंगे जो कि हमारे संवैधानिक मूल्यों को और ज्यादा मजबूत करेंगे और संसदीय परंपरा को आगे ले जाएंगे।

 

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा, 'मुझे विश्वास है कि आपका नेतृत्व हमारी संसदीय लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। आप समाज के निचले तबके से उठकर आए हैं और आपके प्रशासनिक ज्ञान से हमें राज्यसभा की पवित्रता बनाए रखने में मदद मिलेगी।'

 

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने विपक्ष की एकजुटता की तारीफ की और कहा, 'विपक्ष ने सम्मानजनक प्रदर्शन किया। रेड्डी को 40% वोट मिले, जो 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के 26% वोटों से कहीं बेहतर है। बीजेपी की यह जीत वास्तव में उनकी नैतिक और राजनीतिक हार है।'

धनखड़ ने दिया था इस्तीफा

यह चुनाव इसलिए जरूरी था क्योंकि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। राधाकृष्णन अब उपराष्ट्रपति के साथ-साथ राज्यसभा के सभापति की भूमिका भी निभाएंगे। उनकी जीत से एनडीए की स्थिति और मजबूत हुई है, जबकि विपक्ष ने इसे एनडीए की नैतिक हार करार दिया है।

 

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