नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के कामकाज के तौर तरीके में सुधार को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को ऐलान किया कि एनटीए अब वर्ष 2025 से उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए केवल परीक्षाएं कराएगा। अब एनटीए अगले साल से भर्ती परीक्षाएं आयोजित नहीं करा पाएगा। अगले साल एनटीए का पुनर्गठन भी होगा जिसके तहत एजेंसी 10 नए पदों की भर्ती भी करेगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG को पेन-एंड-पेपर मोड में आयोजित किया जाए या ऑनलाइन मोड में। प्रधान ने कहा, 'हम स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ इस बात पर बातचीत कर रहे हैं कि NEET को पेन-एंड-पेपर मोड में आयोजित किया जाना चाहिए या ऑनलाइन। परीक्षा आयोजित करने के लिए जो भी ऑप्शन सबसे उपयुक्त माना जाएगा, NTA एक सर्विस प्रोवाइडर के रूप में प्रेक्टिस करने के लिए तैयार है। हमारा उद्देश्य जीरो एरर सुनिश्चित करना है।' NEET-UG की पूरी डिटेल की घोषणा 2-3 सप्ताह में होने की संभावना है। बता दें कि CUET-UG का आयोजन साल में एक बार ही किया जाएगा।
अगले साल से कोई भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं करेगा NTA
प्रधान ने परीक्षाओं के 'सुचारू और निष्पक्ष' संचालन और NTA को मजबूत करने के लिए पूर्व ISRO अध्यक्ष के राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को भी साझा किया।
उन्होंने कहा कि एनटीए केवल उच्च शिक्षा के लिए एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करने तक सीमित रहेगा और अगले साल से कोई भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं करेगा। पैनल की सिफारिशों और सरकार की कार्रवाई का विवरण देते हुए प्रधान ने यह भी कहा कि अगले साल एनटीए का पुनर्गठन किया जाएगा और नए पद सृजित किए जा रहे हैं।
जून में NEET-UG परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद पैनल की हुई स्थापना
प्रधान ने कहा कि एनटीए को मुख्य रूप से प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करनी चाहिए। एनटीए की क्षमता में वृद्धि के बाद अन्य परीक्षाओं के लिए इसके दायरे को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। बता दें कि जून में NEET-UG परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद पैनल की स्थापना की गई थी। प्रधान ने कहा कि एनटीए छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक मजबूत शिकायत रिपोर्टिंग और रिड्रेसल सेल स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य और परीक्षा के तनाव को कम करने पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता को दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।