जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर घूमने गए पर्यटकों में दहशत का माहौल है। लोग आनन-फानन में घाटी छोड़कर जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कश्मीर में हाल के 2 से 3 साल में पर्यटन बढ़ा है लेकिन अब इसक घटना की वजह से कश्मीर 10 साल पीछे चला गया है।
बैसरन घाटी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। यहीं 20 से ज्यादा पर्यटक पर आतंकियों की गोली का शिकार हुए हैं। कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं। घाटी में दहशत का माहौल है।
'अब क्या घूमना, जान बचा लूं'
समीर भरद्वाज दिल्ली में रहते हैं। पहलगाम घूमने गए थे। वह कश्मीर में ठहरे हुए थे ले और वो दिल्ली से एक टूरिस्ट है। उन्होंने कहा, 'मैं कई दिनों से कश्मीर में हूं। यहां के हालात ठीक नहीं हैं। पहलगाम जाने का हमारा प्लान था। पहले जान बचाना देखेंगे न। अभी सुरक्षा है, कश्मीर 10 साल पीछे चला गया है। अब तो हर तरफ सख्ती कर दी गई है, इस चीज से कश्मीर दोबारा पीछे चला जाएगा। अब क्या घूमना रह गया है, अब अब हम दिल्ली जा रहे हैं। जो यहां हुआ है, वह बेहद गलत हुआ है।'
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टैक्सी एसोसिएशन ने क्या कहा?
पहलगाम टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलजार अहमद वानी ने कहा, 'मैं इस हमले की निंदा करता हूं। यह सिर्फ पर्यटकों का मामला नहीं है, बल्कि हमारी आजीविका, हमारे परिवारों का मामला है। हम उन्हें पर्यटक नहीं मानते। ऐसा लगता है जैसे हमारे परिवार के सदस्यों को मार दिया गया हो। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस मामले की तह तक जाए। पहलगाम हमेशा से शांत इलाका रहा है। हमारी निर्भरता पर्यटन पर ही है।'
'रात तक घूम सकते थे, अचानक बदल गया मंजर'
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी कुछ दिन पहले कश्मीर में थे। उन्होंने कहा, 'मैं अभी तीन दिन पहले कश्मीर में था। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि वहां बहुत सारे पर्यटक थे। लोग घूमने आ रहे थे, और हम भी रात तक कश्मीर में रहने की कल्पना नहीं कर सकते थे, और हम रात तक बाहर थे। कश्मीर में स्थिति बिल्कुल सामान्य लग रही थी, और अब ऐसी घटना हो गई।'
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कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने क्या कहा?
इमरान मसूद ने कहा, 'परिवार के सदस्यों को उनके रिश्तेदारों के सामने मार दिया गया। सरकार को उन्हें बलपूर्वक कुचल देना चाहिए, और उनके साथ कोई नरमी नहीं होनी चाहिए। इस मामले पर मेरा रुख बिल्कुल साफ है, आतंकवाद से कोई समझौता नहीं होना चाहिए, इससे बलपूर्वक निपटना चाहिए।'