भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान में छिपे आतंकियों ठिकानों को तबाह करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया। भारत ने 9 ठिकाने चुने और उन्हें तबाह कर दिया। भारत ने पाकिस्तान स्थित कई आतंकी ट्रेनिंग सेंटर तबाह किए, उन मस्जिदों को तबाह किया, जहां से आतंकी तैयार किए जाते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है। आतंकियों के 9 गंभीर ठिकाने तबाह हुए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हमले के बारे में एक-एक बात बताई।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि 22 अप्रैल को लश्कर ए तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम में भारतीय पर्यटकों पर बर्बरतापूर्ण हमला किया। 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक को कायरतापूर्ण मौत के घाट उतार दिया गया। मुंबई हमलों के बाद यह भारत में हुई किसी आतंकी हमले में मारे गए लोगों की संख्या की दृष्टि से गंभीर घटना है। लोगों को करीब से और उनके परिवार के सामने सिर पर गोली मारी गई। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात किया गया।
'कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए किया हमला'
विदेश सचिव ने कहा , 'यह हमला कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बदहाल करने के लिए किया गया था। पिछले साल सवा 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आए थे। इस हमले का मकसद यह था कि जम्मू कश्मीर को नुकसान पहुंचाकर पिछड़ा बनाया जाए और पाकिस्तान की मदद की जाए। हमले का तरीका जम्मू-कश्मीर समेत देश में सांप्रदायिक दंगे भड़काना भी था। एक समूह ने खुद को रेसिज्टेंस फ्रंट ने जिम्मेदारी ली। संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित लश्कर से जुड़ा है। पाकिस्तान स्थिति आतंकवादी समूहों के लिए कवर के रूप में टीआरएफ की भूमिका सामने आई थी। भारत ने लश्कर और जैश के बारे में बताया था जो टीआरएफ के जरिए हमलों को अंजाम दे रहे हैं।'
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'दुनिया को आतंक पर गुमराह कर रहा है पाकिस्तान'
विक्रम मिस्री ने कहा, 'पहलगाम हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं। टीआरएफ के दावे और लश्कर से ज्ञात सोशल मीडिया पर रिपोस्ट किया जाना संकेत है। हमलावरों की पहचान भी हुई है। इस हमले की रुपरेखा सीमापार आतंकवाद को अंजाम देने के पाकिस्तान के लंबे ट्रैक रिकॉर्ड से भी जुड़ी हुई है। पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकियों के लिए पनाहगार के रूप में पहचान बना चुका है। प्रतिबंधित आतंकी सजा पाने से बचे रहते हैं। पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय मचों को जानबूझकर गुमराह करे के लिए भी जाना जाता है। साजिद मीर को पाकिस्तान ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन वह जीवित पाया गया था।'
'आगे भी हमले हो सकते हैं'
विक्रम मिस्री ने कहा, 'ये जरूरी समझा गया कि 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। हमले के एक पखवाड़े के बाद भी पाकिस्तान ने आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे वो इनकार करने और आरोप लगाने में लिप्त रहा है। हमारी खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया है कि भारत पर आगे भी हमले हो सकते हैं।'
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उन्होंने कहा, 'भारत ने सीमापार हमलों का जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है। नपी-तुली, गैर-उकसावे और जिम्मेदारपूर्ण है। यह पाकिस्तान के आतंक के ढांचे को तबाह करने पर केंद्रित है। 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के अपराधियों, योजनाकारों और फाइनेंस करने वालों को न्याय के दायरे में लाने पर जोर दिया था। भारत की इस कार्रवाई को इसी संदर्भ में देखना चाहिए। '