गौतम अदाणी के मामले पर संसद में गतिरोध जारी है। विपक्षी सांसदों ने आज भी संसद में प्रदर्शन किया और मांग उठाई कि अदाणी पर लगे आरोपों पर सदन में चर्चा हो। वहीं, सदन में संभल हिंसा को लेकर भी चर्चा हुई। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आरोप लगाए कि संभल में जो कुछ हुआ, वह सब सोची समझी साजिश का हिस्सा था। अखिलेश ने कहा कि संभल के भाईचारे को गोली मारी गई है। अदाणी मामले पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सांसदों की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी समेत तमाम सांसद संसद भवन के गेट पर इकट्ठा हुए जमकर नारेबाजी की। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार लेकिन ये लोग संसद ही चलने नहीं दे रहे हैं।
नेता विपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, AAP सांसद संजय गांधी समेत तमाम नेताओं ने मांग उठाई कि अदाणी मामले में जिम्मेदारी तय हो। इन लोगों ने 'मोदी-अदाणी एक है' लिखे हुए पोस्टर भी लहराए। विपक्षियों ने मांग उठाई कि अदाणी पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनाई जाए। राहुल गांधी ने इसके बारे में ट्वीट किया, 'संसद भवन के मकर द्वार पर आज प्रदर्शन किया और सवाल पूछा- अदाणी के बिलियन्स से किसको फायदा होगा, मोदी जी?'
संसद में संभल मामले पर अखिलेश यादव ने बोलना शुरू किया तो सत्ता पक्ष की ओर से शोर मचना शुरू किया। इस पर स्पीकर ने कहा कि बाकी सदस्य जीरो आवर में मुद्दे उठा सकते हैं। इसी को लेकर अखिलेश यादव ने विरोध में सदन से वॉक आउट भी शुरू कर दिया। इसी दौरान संसदीय कार्य मंत्री अखिलेश यादव के पास गए और समझाया तो अखिलेश यादव ने विरोध में खड़े हुए सांसदों को शांत करा दिया। हालांकि, राहुल गांधी समेत कई विपक्षी सांसद तब तक बाहर जा चुके थे।
संभल पर बोले अखिलेश यादव
संभल के मुद्दे पर सदन में बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'संभल को इसलिए जाना जाता था कि वहां लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। अभी से ही नहीं सदियों से वहां के लोग भाईचारे से रहते आए हैं लेकिन अचानक यह जो घटना हुई है, यह सोची-समझी रणनीति के तहत हुई है। वहां के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। जो घटना हुई है वह साजिश है। वहां जो खुदाई की बात हो रही है या जो देश के कोने-कोने में बार-बार खुदाई की बात हो रही है, यह खुदाई हमारे देश के सौहार्द, हमारे देश के भाईचारे और हमारे देश की गंगा-जमुनी तहजीब को खोदेगी।'
अखिलेश यादव ने आगे कहा, 'संभल में 24 नवंबर को जब सर्वे हुआ और लोग वहां इकट्ठा हो गए थे, तब सर्कल ऑफिसर ने वहां इकट्ठा हुए लोगों को गाली दी और लाठीचार्ज कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने गोलियां चला दीं। इसमें निजी और सरकारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इसी में दर्जनों लोग घायल हुए और पांच निर्दोष लोग मारे गए। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें सस्पेंड किया जाना चाहिए ताकि उन्हें न्याय मिल सके और इस तरह की घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों।'
बता दें कि 25 नंवबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलना है। अभी तक के एक हफ्ते में हर दिन सदन की कार्यवाही बाधित हुई है। सोमवार को भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पहली दोपहर तक के लिए और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी। बाद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति बन गई थी कि संविधान के मुद्दे पर चर्चा होगी और गतिरोध को खत्म किया जाएगा।