प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को छत्तीसगढ़ पहुंचे। वे राज्य के गठन की 25वीं सालगिरह के जश्न में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ पहले मध्य प्रदेश का हिस्सा था। इसे अलग राज्य 1 नवंबर 2000 को बनाया गया था। इस दौरान उन्होंने नवा रायपुर के नए विधान सभा भवन में भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति का अनावरण किया।
इसके बाद पीएम ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत परिसर में एक पौधा लगाया। बाद में उन्होंने ब्रह्मकुमारी शांति शिखर भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान नया रायपुर में स्थानीय लोगों ने आदिवासी नृत्य कर पीएम मोदी का स्वागत किया। यह राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर हुआ।
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ग्लोबल पीस की बात की
इस मौके पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हम वह हैं जो स्व का विस्तार सर्वस्व तक करते रहते हैं। हम हर जीव में शिव को देखते हैं। हमारे यहां धार्मिक अनुष्ठान विश्व कल्याण की भावना से शुरू होता है। यह हमारी सभ्यता, हमारी परंपरा का सहज स्वभाव है।’
उन्होंने कहा कि ग्लोबस पीस के लिए जितना महत्त्व विचारों का होता है उतना ही महत्त्व प्रयासों का भी होता है। भारत इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभाने की पूरी कोशिश करता है। दुनिया में कहीं भी कोई संकट आता है तो भारत एक भरोसेमंद साथी की तरह आगे आता है, तुरंत पहुंचता है।
पर्यावरण की भी चर्चा की
आज पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों के बीच प्रकृति संरक्षण की प्रमुख आवाज बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि प्रकृति ने हमें जो दिया है हम उसका संरक्षण और संवर्द्धन करें और यह तभी होगा जब हम प्रकृति के साथ मिलकर जीना सीखेंगे। प्रकृति से सिर्फ लेने का भाव नहीं बल्कि उसे लौटाने का भाव दुनिया को सेफ फ्यूचर का भरोसा देता है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद जहां जहां मैं गया हूं एक भी देश ऐसा नहीं मिला जहां ब्रह्मकुमारीज के लोग मिले न हों। इसमें मुझे अपनेपन का तो एहसास होता है लेकिन आपकी शक्ति का भी एहसास होता है।
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बच्चों से मुलाकात
इसके अलावा पीएम मोदी ने सत्य साई हार्ट केयर अस्पताल में बच्चों से बात की। ये बच्चे गंभीर हृदय सर्जरी करवाकर आए थे। वे देश के अलग-अलग हिस्सों से थे। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ की मशहूर कलाकार पद्म विभूषण तीजन बाई के परिवार से बात की और उनकी सेहत के बारे में पूछा। उन्होंने पद्म भूषण से सम्मानित लेखक विनोद कुमार शुक्ल को फोन कर उनकी कुशलक्षेम जानी।