प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री पहले दोपहर करीब 12 बजे इंफाल एयरपोर्ट पहुंचे, फिर 64 किलोमीटर की दूरी तय करके, चुराचांदपुर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खराब मौसम की वजह से हेलीकॉप्टर की जगह सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया। वह 64 किलोमीटर की दूरी तय करके चुराचांदपुर पहुंचे। उन्होंने चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में जातीय हिंसा की वजह से विस्थापित हुए परिवारों से बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की समस्याएं सुनीं और वादा किया कि जल्द ही स्थितियां सामान्य होंगी। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से मदद देने का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि मणिपुर, देश की मणि है।
मई 2023 में भड़की हिंसा के बाद वह पहली बार हिंसा ग्रस्त राज्य में पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर न आने को लेकर विपक्ष सड़क से लेकर संसद तक मुद्दा बना चुका है। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग से चुराचांदपुर पहुंचे। सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग स्वागत के लिए उतरे। प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर को 8500 करोड़ रुपये की सौगात दी है। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है मणिपुर ने उनके प्रति जो प्रेम दिखाया है, उसके लिए वह आभारी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की अहम बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-
मैं जीवन ने इस क्षण में कभी नहीं भूल सकता। मणिपुर के नाम में ही मणि है, यह वह मणि है जो आने वाले समय में पूरे नॉर्थ ईस्ट की चमक बढ़ाने वाली है। सरकार का पूरा प्रयास रहा है कि राज्य को विकास के काम में लगातार आगे ले जाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारी सरकार के दौरान ही मणिपुर में रेल कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है। जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन बहुत जल्द राजधानी इंफाल को नेशनल रेल नेटवर्क से जोड़ देगी।'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मणिपुर बॉर्डर से सटा राज्य है, यहां कनेक्टिविटी हमेशा से बहुत बड़ी चुनौती रही है। 2014 के बाद से मेरा बहुत जोर रहा कि मणिपुर की कनेक्टिविटी के लिए लगातार काम किया जाए और इसके लिए भारत सरकार ने 2 स्तरों पर काम किया है। पहला, हमने मणिपुर में रेल और सड़क का बजट कई गुना बढ़ाया और दूसरा, शहरों के साथ ही गांवों तक भी सड़कें पहुंचाने पर जोर लगाया।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-
मणिपुर के नाम में ही मणि है, ये वो मणि है जो आने वाले समय में पूरे नॉर्थ-ईस्ट की चमक को बढ़ाने वाली है। भारत सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि मणिपुर को विकास के रास्ते पर तेजी से आगे ले जाएं। इसी कड़ी में मैं आज यहां आप सभी के बीच आया हूं। थोड़ी देर पहले इसी मंच से करीब 7 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट्स मणिपुर के लोगों की, यहां हिल्स पर रहने वाले ट्राइबल समाज की जिंदगी को और बेहतर बनाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मणिपुर की धरती हौसलों और हिम्मत की धरती है। मैं मणिपुर के लोगों के जज्बे को सलाम करता हूं। आप सभी भारी बारिश के बावजूद यहां आए, मैं आपके इस प्यार के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। भारी बारिश के कारण मेरा हेलीकॉप्टर नहीं आ पाया इसलिए मैंने सड़क मार्ग से आने का फैसला किया।'
मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
मणिपुर की धरती आशा और उम्मीद की भूमि है। दुर्भाग्य से हिंसा ने इस शानदार इलाके को अपनी चपेट में ले लिया था। थोड़ी देर पहले मैं उन प्रभावित लोगों से मिला हूं, जो शिविरों में रह रहे हैं। उनसे बातचीत करने के बाद मैं कह सकता हूं कि उम्मीद और विश्वास की नई सुबह मणिपुर में दस्तक दे रही है। किसी भी स्थान पर विकास के लिए शांति की स्थापना बहुत जरूरी है। पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर में दशकों से चल रहे कई विवाद, अनेक संघर्ष समाप्त हुए हैं। लोगों ने शांति का रास्ता चुना है और विकास को प्राथमिकता दी है। मैं सभी संगठनों से अपील करूंगा कि शांति के रास्ते पर आगे बढ़कर अपने सपनों को पूरा करें। मैं आज आपको वादा करता हूं कि मैं आपके साथ हूं। भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है।'
मणिपुर हिंसा पर एक नजर
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसक झड़क की वजह से 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से लगभग 40,000 कुकी-जो समुदाय से हैं। लगभग 20,000 लोग मैतेई समुदाय के लोग हैं। हजारों की संख्या में विस्थापित राज्य से बाहर चले गए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर राहत शिविरों में खराब स्थितियों में रह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौशल विकास कार्यक्रमों के जरिए राज्य में विस्थापित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का वादा किया है। मणिपुर हिंसा में अब तक 260 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं।