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किस तरह हो रहा महाकुंभ में तीसरा 'अमृत स्नान'? जानें कैसी है व्यवस्था

बसंत पंचमी के मौके पर महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान सोमवार को हो रहा है। दूसरे अमृत स्नान की तरह भगदड़ न मचे, इसलिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।

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अमृत स्नान करते श्रद्धालु। (Photo Credit: PTI)

प्रयागराज में महाकुंभ में वसंत पंचमी के मौके पर आज तीसरा अमृत स्नान हो रहा है। तीसरा अमृत स्नान ऐसे समय हो रहा है, जब दूसरे अमृत स्नान के दौरान यहां भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी। पिछली बार जैसे हालात न बनें, इसलिए इस बार प्रोटोकॉल को सख्त कर दिया गया है। सुबह से ही अलग-अलग अखाड़ों के नागा साधु अमृत स्नान के लिए त्रिवेणी संगम पहुंच गए हैं।


सूचना निदेश शिशिर ने बताया कि तड़के 4 बजे तक ही 16.58 लाख श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब तक महाकुंभ में 34.97 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। इनमें 10 लाख कल्पवासी भी शामिल हैं। तीसरे अमृत स्नान में 5 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है।

कैसे हो रहा अमृत स्नान?

परंपरा के अनुसार, अखाड़ों के तीनों संप्रदायों- संन्यासी, बैरागी और उदासीन को एक के बाद एक अमृत स्नान करेंगे। संन्यासी अखाड़े के साधुओं ने सुबह 4 बजे से स्नान शुरू कर दिया है। अखाड़े की अगुवाई श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा, श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा आनंद, श्री पंचदशनम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनम अवहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा ने किया। हर अखाड़े को स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया है। इन अखाड़ों को स्नान 8.30 बजे तक चलेगा।

 


संन्यासी अखाड़ों के बाद बैरागी संप्रदाय के अखाड़ों का स्नान होगा। इनमें अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा शामिल है। दोपहर 12.35 बजे तक इनका अमृत स्नान होगा।


सबसे आखिरी में उदासीन संप्रदाय के अखाड़े अमृत स्नान करेंगे। इनमें श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाणा और श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा शामिल है। ये अखाड़े 11 बजे से अपना जुलूस निकालेंगे और 3.55 बजे अपने टेंट में वापस लौटेंगे।

 

क्राउड मैनेजमेंट के लिए 'ऑपरेशन इलेवन'

दूसरे अमृत स्नान में भगदड़ मच गई थी। ऐसी स्थिति फिर से न हो, इसके लिए 'ऑपरेशन इलेवन' शुरू किया गया है। श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की गई है। बैरिकेड्स भी हटा दिए गए हैं। इसके साथ ही पोंटून पुलों पर अतिरिक्त पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।


नई यमुना और शास्त्री पुलों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। इसके साथ ही टीकरमाफी मोड़ और फाफामऊ पुल जैसी जगहों पर पुलिस और CRPF को तैनात किया गया है।

और क्या है व्यवस्था?

क्राउड मैनेजमेंट के लिए मेला प्रशासन ने एंट्री और एग्जिट पॉइंट भी तय किए हैं। पुल नंबर 28 से अरैल से झूंसी तक जाया जा सकेगा। संगम से झूंसी तक जाने के लिए पुल नंबर 2, 4, 8, 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23 और 25 रहेंगे। वहीं, झूंसी से संगम जाने के लिए पुल नंबर 16, 18, 21 और 24 रहेंगे। झूंसी से अरैल तक जाने के लिए पुल नंबर 27 और 29 का इस्तेमाल किया जाएगा।

 

अस्पताल हाई अलर्ट पर

स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल और तेज बहादुर सप्रू अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में 500 मेडिकल स्टाफ को स्टैंडबाय पर रखा गया है। इमरजेंसी के लिए 150 बेड को रिजर्व पर रखा गया है। 60 रेसिडेंट डॉक्टरों को 24 घंटे अलर्ट पर रहने को कहा गया है। 30 CT स्कैन और MRI मशीनों के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड मशीनों की भी व्यवस्था की गई है। अस्पतालों में 200 यूनिट ब्लड बैंक भी तैयार किया गया है। 


महाकुंभ में मेडिकल सेवाओं के प्रभारी डॉ. गौरव दुबे ने बताया कि जरूरत पड़ने पर मरीजों को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल या तेज बहादुर सप्रू अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। 


5 फरवरी तक सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं। 1200 से ज्यादा डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है।

26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ

13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। आज इसका तीसरा अमृत स्नान है। इसके बाद 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) पर भी स्नान होगा। 

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