पंजाब में किसान प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह वे भी आमरण अनशन पर बैठने वाले हैं। 111 किसानों का यह जत्था, जब तक किसानों की मांगों को सरकार मान नहीं लेती है, आमरण अनशन से पीछे नहीं हटेगा।
किसान काले कपड़े पहनकर आमरण अनशन पर बैठेंगे। किसान बुधवार से आमरण अनशन पर बैठने वाले हैं। जगजीत सिंह डल्लेवाल बीते 49 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। उन्हें पानी पीने में भी दिक्कत हो रही है।
प्रशासन चाहता है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल पानी पी लें। उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। उनके करीबियों का कहना है कि शरीर के कुछ अंग डैमेज हो सकते हैं, यह चिंताजनक है। वह अपना आमरण अनशन तोड़ने के लिए तैयार ही नहीं हैं।
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किसान नेताओं ने डॉक्टरों के हवाले से कहा है कि उनकी हालत चिंताजनक है, वजन गिरता जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कीटोन का स्तर ज्यादा है।
डल्लेवाल के लिए भावुक हुए किसान
किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा, '111 किसानों का एक जत्था बुधवार दोपहर 2 बजे से आमरण अनशन पर बैठेगा। काले कपड़े पहनकर वे शांतिपूर्वक पुलिस बैरिकेडिंग के पास बैठेंगे। किसान बहुत भावुक हैं और उनका मानना है कि डल्लेवाल के बलिदान से पहले वे खुद को बलिदान कर देंगे।'
क्या चाहते हैं किसान?
किसान चाहते हैं कि उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी मिले। किसानों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।
किसानों की मांग है कि संविधान की पांचवी सूची को लागू किया जाए, जिससे आदिवासियों की जमीनों का क्रय-बिक्रय अवैध तरीके से न हो।
मिर्च, हल्दी और दूसरी व्यापारिक फसलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग बने। विद्युत संशोधन विधेयक रद्द कर दिया जाए।
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किसान चाहते हैं कि मनरेगा में 200 दिन काम और 700 रुपये की दिहाड़ी अनिवार्य की जाए। जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है, उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए, मुआवजा मिले। फसलों की कीमत स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तय की जाए, जिससे किसानों का जीवन स्तर सुधरे।
50 दिन से डल्लेवाल का आमरण अनशन
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल बीते साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपना इलाज कराने से मना कर दिया है। हरियाणा के कैथल जिले से किसानों का एक जत्था डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी सीमा पर पहुंच गया है।
कब से धरने पर बैठे हैं किसान?
किसान 13 फरवरी से ही पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षाबलों ने किसानों को दिल्ली कूच करने से रोक दिया था।