शंभू बॉर्डर पर संघर्ष, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, जमकर हंगामा
किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। नेशनल हाइवे-44 पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। हरियाणा और पंजाब पुलिस भी किसानों के मार्च के मद्देनजर अलर्ट मोड पर है। किसानों का पहला जत्था शंभू बॉर्डर से 1 बजे रवाना होगा।

दिल्ली बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं किसान (तस्वीर-PTI)
पंजाब के किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी में जुटे हैं लेकिन शंभू बॉर्डर पर चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली चलो मार्च से पहले पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। प्रदर्शनकारी किसान पुलिस से उलझ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि निषेधाज्ञा लागू है फिर कैसे किसान दिल्ली में आ सकते हैं। उन्हें मंजूरी ही नहीं दी गई है। हरियाणा के अंबाला जिले में निषेधाज्ञा लागू है, जिससे बड़ी संख्या में भीड़ न जुटने पाए।
100 किसानो का एक जत्था पैदल ही आगे की ओर बढ़ रहा है। पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे हैं। वे दिल्ली बॉर्डर की ओर कूच कर रहे हैं। निषेधाज्ञा के बाद भी किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ रहे हैं। प्रदर्शनकारी और पुलिस भिड़ते नजर आ रहे हैं।
शंभू बॉर्डर मौजूद किसानों को रोकते हुए पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि आपके पास यहां आने की इजाजत ही नहीं है। हरियाणा में आने की इजाजत नहीं है। अंबाला में धारा 163 लागू है। पहले परमिशन लेकर आइए, फिर जाने की इजजात मिलेगी। अंबाला में हरियाणा के गृह विभाग ने अफवाह रोकने के लिए इंटरनेट भी सस्पेंड कर दिया है।
पुलिस ने नेशनल हाइवे-44 पर सुरक्षा बढ़ा दी है। कुछ इलाकों में जाम की शिकायतें भी मिल रही हैं। पुलिस का कहना है कि उनकी जनर सिंघु बॉर्डर पर है। किसान शंभू बॉर्डर पर महीनों से धरना दे रहे हैं, अब 1 बजे वे पैदल ही दिल्ली की ओर बढ़ने वाले हैं। दिल्ली में रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैयार रखा गया है।
किसानों के दिल्ली मार्च में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) शामिल नहीं होगा। दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि हर स्थिति से निपटने के लिए पुलिस तैयार है। अंबाला में, जिला प्रशासन ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लागू कर दी है। अब 5 या इससे ज्यादा की संख्या में लोगों के जुटने की इजाजत नहीं है। शंभू बॉर्डर के पास नोटिस जारी किया गया है।
#WATCH | Police use tear gas to disperse protesting farmers at the Haryana-Punjab Shambhu Border.
— ANI (@ANI) December 6, 2024
The farmers have announced to march towards the National Capital-Delhi over their various demands. pic.twitter.com/CMon3JDg3I
जींद में भी धारा 163 लागू है। यह वही जगह हैं जहां किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 10 दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। वे बड़ी संख्या में दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं।
किसानों की मांगें क्या हैं?
- किसान अपने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी चाहते हैं।
- किसानों की मांग है कि कर्जमाफी की जाए।
- जो किसान खेतिहर मजदूर हैं, उनके लिए सरकार पेंशन की व्यवस्था करे।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम को बहाल किया जाए।
- सरकार बिजली के दरों में हुई बढ़ोतरी को कम करे।
- 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले।
- 2020-21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
VIDEO | Concrete barricades put up at Singhu Border in view of the 'Delhi Chalo' march call given by protesting farmers.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 6, 2024
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7)#FarmersProtest #DelhiChalo pic.twitter.com/QDiyiMxReE
कब संसद की ओर बढ़ेगा किसानों का जत्था?
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेतृत्व में किसानों का जत्था दोपहर 1 बजे के आसपास संसद तक अपना मार्च शुरू करेगा। सोमवार को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 5,000 किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया। किसान साल 1997 से लेकर अब तक सरकार की ओर से अधिग्रहित जमीन के लिए उचित मुआवजे मांग रहे हैं। किसान संसद तक आने की तैयारी कर रहे हैं। किसानों को नोएडा-दिल्ली सीमा पर रोक दिया गया है।
VIDEO | "It has been 20-25 days since 'Delhi Chalo' was announced... We have not made any arrangement. We are unarmed. Today is martyrdom day of Guru Tegh Bahadur," says farmer leader Sarwan Singh Pandher on farmers' 'Delhi Chalo' march.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 6, 2024
(Full video available on PTI Videos -… pic.twitter.com/o96kXj937F
विरोध प्रदर्शन का असर क्या हुआ है?
किसानों के विरोध प्रदर्शन से लंबा जाम देखा जा रहा है। स्थानीय लोग शिकायत कर रहे हैं, पुलिस बलों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है। नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर लंबा ट्रैफिक जाम लगा है। यहां प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की है। बॉर्डर से करीब 1 किलोमीटर पहले दलित प्रेरणा स्थल पर उन्हें रोक दिया गया है।
गौतम बुद्ध नगर, आगरा, मेरठ और बुलंदशहर के 3,000 से ज्यादा किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन आठ दिनों से जारी है।
कब से धरने पर हैं किसान?
किसान 13 फरवरी से खनौरी और सिंघू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। दिल्ली की ओर आगे बढ़ने से उन्हें रोक दिया गया है। 21 फरवरी को भी जब किसानों ने संसद तक पैदल मार्च की कोशिश की थी। सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के बीच एक किसान शुभकरण सिंह ने दम तोड़ दिया था। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया था और लाठीचार्ज किया था। आंसू गैस के गोले भी दागे गए थे।
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