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वेटिंग से तत्काल टिकट तक, रेलवे ने बदले नियम; RAC यात्रियों को फायदा

रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग का तरीका बदल दिया है। वेटिंग टिकट की सीमा भी निर्धारत कर दी है। आरएसी टिकट पर यात्रियों को सौगात के बीच रेलवे अब किराया भी बढ़ाएगा।

Indian Railways.

भारतीय रेलवे। (Photo Credit: PTI)

भारतीय रेलवे कई बड़े बदलाव करने जा रहा है। इसका सीधे फायदा यात्रियों को होगा। तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव होगा। आरएसी यात्रियों को नई सुविधा मिलेगी। वहीं हाई ऑफिशियल (HO) कोटे पर यात्रा करने वाले लोगों जांच की जाएगी। वेटिंग टिकट की सीमा भी निर्धारित की जाएगी। मतलब एक निश्चित सीमा के बाद वेटिंग टिकट जारी नहीं होंगे। इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों के वेटिंग टिकट जल्दी कंफर्म होंगे। इस बीच रेलवे ने किराया बढ़ाने का भी फैसला किया है। इनमें से कई नियम 1 जुलाई से लागू होंगे।

क्या है वेटिंग टिकटों का नया नियम?

अगर अचानक आपको कहीं जाना हो तो यह लगभग तय है कि ट्रेन की वेटिंग टिकट ही मिलेगी। कई बार पूरी यात्रा तक यह टिकट कंफर्म नहीं होती है। मगर अब रेलवे ने नियमों में बदलाव किया है। अब किसी भी श्रेणी की कुल सीट के 25 फीसदी टिकट ही वेटिंग होंगे। इसे आप ऐसे समझें कि अगर किसी ट्रेन में एसी सीटों की संख्या 100 है तो सिर्फ 25 टिकट ही वेटिंग होंगे। नए नियमों में दिव्यांग और महिला कोटे को अलग रखा गया है। मतलब इन पर यह नियम लागू नहीं होगा।

 

किन-किन श्रेणियों में लागू होगा नया नियम?

  • फर्स्ट एसी
  • सेकंड एसी
  • थर्ड एसी
  • स्लीपर

 

  • क्या फायदा: निश्चित कोटा तय होने से वेटिंग टिकट के कंफर्म होने की संभावना बढ़ जाएगी। अभी तक कई बार लोगों को वेटिंग टिकट पर ही पूरा सफर करना पड़ता है। इससे कोच में भीड़ जैसी स्थिति से कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को परेशान उठानी पड़ती हैं। नए नियमों से दोनों तरह के यात्रियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। अब वेटिंग टिकट के साथ अगर किसी यात्री ने स्लीपर या एसी श्रेणी के डिब्बे में यात्रा की तो उसे जुर्माना भरना होगा। 

24 घंटे पहले चार्ट जारी करने की तैयारी

रेलवे एक ट्रायल करने में जुटा है। इसके तहत चार्ट को 24 घंटे पहले जारी करने की कोशिश की जा रही है। अभी तक ट्रेन के रवाना होने से सिर्फ 4 घंटे पहले चार्ट तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया से फायदा यह होगा कि यात्रियों को 24 घंटे पहले ही पता चल जाएगा कि उनकी टिकट कंफर्म है या नहीं।  

किराया भी बढ़ाएगा रेलवे

1 जुलाई से रेलवे किराया बढ़ाने भी जा रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक नॉन-एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए यात्री किराए में 1 पैसे प्रति किमी और एसी क्लास के किराए में 2 पैसे प्रति किलोमीटर का इजाफा होगा। 500 किमी तक के सफर और सेकंड क्लास के किराये में कोई इजाफा नहीं किया गया है। 

आरएसी यात्रियों को नई सौगात

आरएसी यानी Reservation Against Cancellation टिकट पर यात्रा करने वाले लोगों को रेलवे ने एक सौगात दी है। अब इस टिकट पर यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को बेडरोल मिलेगा। पहले दो यात्रियों में सिर्फ एक बेडरोल दिया जाता था। रेलवे की इस नई सुविधा के साथ आरएसी यात्री अपने गंतव्य तक आरामदायक सफर कर सकेंगे।

बेडरोल में क्या-क्या होगा?

  • एक कंबल
  • एक तकिया
  • एक तौलिया
  • दो बेडशीट

तत्काल बुकिंग का नियम भी बदला

1 जुलाई से तत्काल टिकट बुकिंग का सिस्टम बदल जाएगा। सिर्फ आधार ऑथेंटिकेशन करने वाले यात्री ही तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे। 15 जुलाई से ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद ही तत्काल टिकट बुक होगा। यह ओटीपी आधार से जुड़े मोबाइल नंबर आएगा।  रेलवे ने अधिकृत एजेंटों पर भी नकेल कसी है। अब वे तत्काल विंडो खुलने के पहले 30 मिनट तक कोई बुकिंग नहीं कर सकेंगे। रेलवे के इन सभी नियमों का फायदा आम यात्रियों को होगा। 

 

कैसे करें आधार ऑथेंटिकेशन?

यात्रियों को अपने आधार के साथ IRCTC अकाउंट लिंक करना होगा। अगर आप ने भी ऐसा नहीं किया है तो तत्काल टिकट नहीं मिलेगी। आइए जानते हैं कि कैसे आधार से अपना IRCTC अकाउंट लिंक करें?

 

  • IRCTC की वेबसाइट पर लॉगिन करें
  • माई प्रोफाइल सेक्शन पर जाएं
  • आधार ऑथेंटिकेशन पर क्लिक करें
  • अपना आधार नंबर लिखें
  • बाद में ओटीपी दर्ज करें। 

बढ़ाई जाएगी एचओ कोटे की जांच

रेलवे को लगातार हाई ऑफिशियल (HO) कोटे के दुरुपयोग की सूचना मिल रही थी। अब विभाग ने इसकी निगरानी का कदम उठाया है। रेलवे यात्रियों की अचानक जांच करेगा। सफर शुरू होने से पहले यात्रियों के पास एक कॉल जाएगी। इसमें रेलवे के अधिकारी कुछ सवाल करेंगे। अगर यात्री ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया तो टिकट कैंसिल कर दी जाएगी। ट्रेन में टीटीई भी कोटा टिकट की औचक जांच करेगा। हाल ही में इस कोटे के दुरपयोग की कई खबरें भी सामने आई हैं। 

क्या होता है एचओ कोटा?

मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, न्यायाधीशों, हाई रैंकिंग अधिकारियों और वीआईपी को यह कोटा आवंटित किया जाता है। अचानक यात्रा करने पर अधिकारियों और मंत्रियों को कंफर्म टिकट इस कोटे के तहत मिलती है। इस वजह से इसे आपातकालीन कोटा भी कहा जाता है। हालांकि टिकट आवंटन का विवेकाधिकार रेलवे अधिकारियों के पास होता है।

 

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