बेंगलुरु भगदड़: तैयारियों की खामी या लोग हुए बेकाबू, पढ़ें पूरी ABCD
बेंगलुरु में हादसे के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। जानें कैसे मची यह भगदड़, कहां थी खामी?

बेंगलुरु में भगदड़ के बाद लोगों के छूटे हुए चप्पल और जूते । Photo Credit: PTI
4 जून, 2025 को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली IPL जीत का जश्न एक भयानक मातम में बदल गया, जब भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 33 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब लाखों प्रशंसक अपनी पसंदीदा टीम और खिलाड़ियों, खासकर विराट कोहली, को देखने के लिए स्टेडियम और विधान सौधा के आसपास जमा हुए। प्रशासन ने 2-3 लाख लोगों की भीड़ का अनुमान लगाया था, लेकिन करीब 6 लाख लोग पहुंच गए, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई।
भगदड़ की शुरुआत स्टेडियम के गेट नंबर 3 पर हुई, जहां प्रशंसकों ने जबरदस्ती घुसने की कोशिश की। पुलिस और आयोजकों की अपर्याप्त तैयारी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की, साथ ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। विपक्षी नेताओं, खासकर बीजेपी ने, इसे प्रशासन की लापरवाही करार दिया, जबकि कांग्रेस ने इसे अप्रत्याशित भीड़ का परिणाम बताया।
कैसे मची भगदड़
RCB ने 3 जून, 2025 को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर अपनी पहली IPL ट्रॉफी जीती। 18 साल के लंबे इंतजार के बाद इस जीत ने बेंगलुरु में जबरदस्त उत्साह पैदा किया। RCB ने शहर में एक ओपन-बस परेड और चिन्नास्वामी स्टेडियम में समारोह की योजना बनाई थी। हालांकि, बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने सुरक्षा चिंताओं के कारण परेड रद्द कर दी थी। इसके बावजूद, प्रशंसकों को 5 बजे स्टेडियम में समारोह की जानकारी दी गई, जिसके लिए टिकट जरूरी थे।
दोपहर से ही विधान सौधा और चिन्नास्वामी स्टेडियम के आसपास प्रशंसक जमा होने लगे। प्रत्यक्षदर्शी महेश के अनुसार, ‘कई लोग, खासकर लड़कियां, विराट कोहली और RCB को देखने के लिए गेट नंबर 3 पर धक्का-मुक्की करने लगे। मैंने तीन लड़कियों को गिरते देखा, कोई बचाने नहीं आया।’

प्रशासन ने 2-3 लाख लोगों की भीड़ का अनुमान लगाया था, लेकिन करीब 6 लाख लोग पहुंच गए। स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 थी, और बिना टिकट के हजारों लोग जबरदस्ती घुसने की कोशिश में थे। भारी बारिश ने भी स्थिति को बिगाड़ा, क्योंकि प्रशंसक गेट्स पर दबाव डाल रहे थे। पुलिस की भारी तैनाती के बावजूद, भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो गया, और गेट्स पर धक्का-मुक्की से भगदड़ शुरू हो गई।
भारी भीड़ बनी समस्या
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रशासन की तैयारियों में कई कमियां भी इस दुर्घटना का कारण बनीं। बेंगलुरु पुलिस ने पहले ही ओपन-बस परेड रद्द कर दी थी, यह कहते हुए कि भीड़ और ट्रैफिक को संभालना मुश्किल होगा। फिर भी, स्टेडियम में समारोह की अनुमति दी गई, लेकिन भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, ‘हमें इतनी भारी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। पूरे बैंगलुरू की पुलिस को तैनात किया गया था, लेकिन जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’ हालांकि, स्टेडियम के आसपास जो पुलिस बल तैनात था वह लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम रही। नम्मा मेट्रो ने भीड़ को कम करने के लिए कब्बन पार्क और डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रोकीं, लेकिन इसका उल्टा असर हुआ, क्योंकि लोग पैदल स्टेडियम पहुंचे।

कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) ने भी समारोह की योजना बनाई थी, लेकिन टिकटों की सीमित उपलब्धता और भीड़ के अनुमान में गलती ने स्थिति को और खराब कर दिया। डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने माना, ‘भीड़ बेकाबू थी।
हमने समारोह को 10 मिनट में समेट दिया।’ प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए, घायलों को अस्पतालों में भेजा गया, लेकिन भीड़ के कारण एंबुलेंस को देरी हुई। सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की, साथ ही मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस हादसे ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया। बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा, ‘राज्य सरकार ने बिना तैयारी के जल्दबाजी में परेड आयोजित की, जिसके कारण यह त्रासदी हुई। सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उच्च-स्तरीय जांच की मांग की, इसे ‘सरकार की पूरी तरह से लापरवाही’ करार दिया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कांग्रेस की आलोचना की, कहा कि ‘यह दुर्घटना नहीं, लापरवाही का परिणाम है।’
दूसरी ओर, कांग्रेस ने इसे अप्रत्याशित घटना बताया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, ‘मैं इस त्रासदी पर राजनीति नहीं करना चाहता।’ बीसीसीआई उपाध्यक्ष और कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, ‘ऐसा किसी भी राज्य में हो सकता है। इसे राजनीतिक नहीं करना चाहिए। भीड़ अनियंत्रित थी, और आयोजकों को इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी।’
#WATCH | Bengaluru stampede | Karnataka CM Siddaramaiah says, "The entire police force available in Bengaluru city was deployed. Of course, this incident should not have happened. We are with the victims." pic.twitter.com/YanvX1gj68
— ANI (@ANI) June 4, 2025
डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने भीड़ की भारी संख्या को जिम्मेदार ठहराया और माफी मांगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘दिल दहलाने वाला’ बताया और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। राष्ट्रपति और कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी शोक व्यक्त किया, और सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
The mishap in Bengaluru is absolutely heartrending. In this tragic hour, my thoughts are with all those who have lost their loved ones. I pray that those who are injured have a speedy recovery: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 4, 2025
क्या कहते हैं प्रत्यक्षदर्शी
प्रत्यक्षदर्शियों ने इस हादसे को भयावह बताया। उस वक्त स्टेडियम के पास मौजूद महेश ने कहा, ‘लाखों लोग विराट कोहली और RCB को देखने आए थे। लोग गेट्स पर धक्का-मुक्की कर रहे थे। मैंने देखा कि तीन लड़कियां गेट पर गिर गईं, लेकिन भीड़ में कोई उनकी मदद नहीं कर सका।’
एक अन्य प्रशंसक, रमेश, ने बताया, ‘पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन लोग सुन नहीं रहे थे। बारिश होने से लोग और बेचैन हो गए।’ एक महिला प्रशंसक ने कहा, ‘हम सिर्फ खिलाड़ियों को देखना चाहते थे, लेकिन गेट्स बंद थे और लोग दीवारों पर चढ़ने लगे। अचानक भीड़ ने धक्का देना शुरू किया, और हम दब गए।’
#WATCH | Bengaluru: On the stampede during victory celebrations, Mahesh, who claims to be an eyewitness, says, "Many people had come to see Virat Kohli and the RCB team. A lot of girls tried to enter the M Chinnaswamy Stadium by pushing the gate. I saw three girls falling, no one… pic.twitter.com/Llw70xKBTS
— ANI (@ANI) June 4, 2025
कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेडियम के बाहर पर्याप्त पुलिस या बैरिकेड्स नहीं थे, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई। कुछ ने यह भी कहा कि टिकटों की कमी और अस्पष्ट जानकारी ने प्रशंसकों को उग्र कर दिया। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, ‘1 परेड, 0 दिमाग और अब 7 अंतिम संस्कार। आयोजकों को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’ लोगों का कहना है कि उन्हें ठीक से सूचनाएं नहीं मिली थीं और पर्याप्त पुलिस बल का अभाव था।
10 लाख मुआवजे की घोषणा
हादसे के बाद, प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए। घायलों को बॉवरिंग, वैदेही, और मणिपाल अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां एक व्यक्ति की हालत गंभीर है और कई को सिर की चोटों के लिए निमहंस भेजा गया। सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और KSCA ने 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। स्टेडियम में समारोह को जल्दी खत्म कर दिया गया, और RCB ने प्रशंसकों से शांति बनाए रखने की अपील की।
पुलिस ने स्टेडियम के आसपास अतिरिक्त बल तैनात किया, और ट्रैफिक को सामान्य करने की कोशिश की। मेट्रो सेवाओं को रात 12:30 बजे तक बढ़ाया गया ताकि भीड़ को सुरक्षित निकाला जा सके। बीसीसीआई और RCB ने इस घटना पर दुख जताया, और आयोजकों की लापरवाही पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने RCB और प्रशासन की आलोचना की, यह कहते हुए कि समारोह को रद्द करना चाहिए था। इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं और पुलिस हादसे के सटीक कारणों की जांच कर रही है।
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