भारत में एशियाई शेरों की जनसंख्या (Lion Population) को लेकर अनुमान रिपोर्ट रविवार को जारी कर दी गई। इसके मुताबिक, भारत की एशियाई शेर आबादी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन शोरों की आबादी 2020 में 674 थी जो 2025 में बढ़कर 891 हो गई। यह 32.2 फीसदी की बढ़ोतरी है। इसमें वयस्क मादा शेरों की संख्या 260 से बढ़कर 330 (26.9 फीसदी) हो गई है। मादा शेरों की बढ़ी आबादी की वजह से शेरों की प्रजनन क्षमता में बढ़ोतरी हुई है।
नए आंकड़ों के मुताबिक, बरदा वाइल्ड लाईफ सेंचुरी, जेतपुर और आसपास के क्षेत्रों, बाबरा-जसदन और आसपास के क्षेत्रों में नई शेरों की आबादी मिली है। इसकी वजह से नौ जगहों पर शेरों की कुल संख्या 497 हो गई है। इस क्षेत्र में पहली बार 22 शेरों की मौजूदगी मिली मिली है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली के चाणक्यपुरी में तेज रफ्तार थार ने दो को कुचला, 1 की मौत
पर्यावरण मंत्री ने क्या कहा?
इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर लिखा, 'भारत एशियाई शेरों का घर होने पर बहुत गर्व महसूस करता है। पिछले कुछ सालों में हमारे शेरों की आबादी लगातार बढ़ी है। 2015 में 523 शेरों से बढ़कर 2025 में 891 शेरों तक, हमने एक अभूतपूर्व सफलता पाई है। विश्व शेर दिवस पर, आइए हम अपने शेरों की रक्षा करने और उन्हें फलने-फूलने में मदद करने का संकल्प लें। शेर संरक्षण के प्रति समर्पित सभी लोगों को मेरा नमस्कार।'
पिछले एक दशक में शेरों की आबादी 70.36 प्रतिशत तक बढ़ी है। गुजरात के अमरेली जिले में वर्तमान में शेरों की आबादी सबसे ज्यादा है। अमरेली में 82 वयस्क नर, 117 वयस्क मादा और 79 शावक हैं।
यह भी पढ़ें: 3 वंदे भारत ट्रेन और मेट्रो, PM मोदी बेंगलुरु में करेंगे उद्घाटन
कई क्षेत्रों में गिरावट दर्ज
क्षेत्रवार सबसे तेजी से बढ़ोतरी मिटियाला वाइल्ड लाईफ सेंचुरी और इसके आसपास के क्षेत्रों में देखी गई है। यहां 100 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद भावनगर मेनलैंड में 84 फीसदी और दक्षिण-पूर्वी तट 40 फीसदी बढ़ोतरी हुई हैं। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में गिरावट भी दर्ज की गई। गिरनार वाइल्ड लाईफ सेंचुरी में -4 फसदी और भावनगर तट में -12 फीसदी हुई है।
बता दें कि विश्व शेर दिवस साल साल 10 अगस्त को मनाया जाता है। इसका मकसद दुनिया भर में शेरों के संरक्षण और सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। गुजरात में एशियाई शेरों की आबादी काफी है। यह गुजरात की अद्वितीय पारिस्थितिक (Eological) और सांस्कृतिक धरोहर है।