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कार में लगी आग, 3 की मौत, जानिए गाड़ी को आग का गोला बनने से कैसे रोकें

हाल ही में एक चलती कार में आग लग जाने से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग बुरी तरह से झुलस गए। इस हादसे ने कार की फायर सेफ्टी को लेकर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Car Fire

कार में आग लगने की प्रतीकात्मक तस्वीर, Source: Meta AI

प्रोफेसर संदीप कुमार अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ लौट रहे थे। दीवाली मनाने हरियाणा के सोनीपत गए संदीप कुमार की कार में शनिवार देर रात अचानक ही आग लग गई। जब तक लोग कार से बाहर आते तब तक तीन लोग गंभीर रूप से झुलस चुके थे। इस हादसे में प्रोफेसर संदीप कुमार और उनकी दो बेटियों की मौत हो गई। इस हादसे ने कार में लगने वाली आग और इससे जुड़ी चिंताओं को बढ़ा दिया है।  बताया गया है कि स्पार्किंग की वजह से कार के पिछले हिस्से में लगी आग देखते ही देखते इस कदर फैल गई कि सड़क पर चल रही गाड़ी आग का गोला बन गई।

 

कार चला रहे सुशील कुमार ने बताया कि वह चंडीगढ़ में नौकरी करते हैं। जिस अर्टिगा कार से वह चंडीगढ़ को जा रहे थे उसमें प्रोफेसर संदीप कुमार कुमार का परिवार सवार था। प्रोफेसर संदीप कुमार के अलावा उनकी दो बेटियां परी और खुशी थीं। संदीप की पत्नी लक्ष्मी (35), मां सुदेश (57) और भाभी आरती (32) भी सवार थीं। संदीप के भाई सुशील कार चला रहे थे। इस हादसे में सुशील और उनका 10 साल का बेटा सुशील ही पूरी तरह से सुरक्षित हैं। सुशील ने बताया कि डिग्गी में आग लगने की वजह से सभी बच्चे झुलस गए। बड़ी मशक्कत से कार के गेट खोले गए लेकिन तब तक बाकी लोग झुलस गए थे।

 

इस हादसे में संदीप और उनकी दोनों बेटियों की मौत हो गई और उनकी पत्नी लक्ष्मी का इलाज चल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप पहले से हार्ट पेशेंट थे और कार में धुआं भरने के चलते उनका दम घुट गया और उनकी मौत हो गई। दोनों बेटियों की मौत भी दम घुटने और जलने के कारण हुई है। 3 अन्य लोग भी बुरी तरह से झुलस गए हैं और उनका इलाज चल रहा है। 

 

बीते कुछ समय में देखा गया कि है चलती गाड़ियों में आग लगने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी है कि कार में लगने वाली आग को कैसे रोका जा सकता है। साथ ही, यह भी जानना जरूरी है कि अगर कार में आग लग जाए तो उस स्थिति में अपना और कार में सवार अन्य लोगों का बचाव किस तरह से किया जा सकता है।  


चलती कार में क्यों लग जाती है आग?

 

अगर कार को आसान तरीके से समझें तो उसमें ईंधन के रूप में डीजल, पेट्रोल या गैस होता है, बैट्री होती है, इलेक्ट्रिक सर्किट होते हैं और पूरी कार में करंट दौड़ रहा है। कार लगने की ज्यादातर घटनाएं इन्हीं में किसी तरह की समस्या आने पर होती हैं। कई बार किसी दूसरी गाड़ी या अन्य चीज से टक्कर होने पर भी आग लग जाती है। कार का मेंटनेंस सही से न करने पर भी आग लगने की घटनाएं होती हैं। उदाहरण के लिए कहीं कोई लीकेज हो, तार पुराने हों या कटे-फटे हों और आप इसे समय रहते ठीक न करवाएं तो ये भी आग लगने का कारण बनते हैं।

कार के खराब डिजाइन की वजह से भी आग लगने की घटनाएं खूब होती हैं। उदाहरण के लिए, फ्यूल के पाइप, गैस किट या बैटरी ऐसी जगह पर होना जहां से आग लगना आसान हो। ऐसे खराब डिजाइन वाली गाड़ियों में आग लगाने के लिए एक छोटी सी चिनगारी ही काफी होती है। कई बार ज्यादा गर्मी के चलते तापमान बढ़ जाने पर भी चलती गाड़ी में ही आग लग सकती है। इन सबके अलावा कार के डिजाइन से छेड़छाड़ करना और सुरक्षा से जुड़े उपायों को नजरअंदाज करते हुए मोडिफिकेशन कराने पर भी आग लगने की आशंका बढ़ जाती है।

कार में आग लगने से बचाव के लिए करें ये काम?

 

आग लगना एक दुर्घटना है ऐसे में इसे पूरी तरह से रोका तो नहीं जा सकता क्योंकि कार में ईंधन से लेकर बैटरी तक ऐसी चीजें मौजूद ही होती हैं जो आग लगने का कारण बन सकती हैं। हालांकि, कुछ उपाय करके आप आग के फैलने को कम कर सकते हैं और लोगों की जान बचा सकते हैं। उदाहरण के लिए, कार में सीट कवर या इंटीरियर डिजाइन के लिए ऐसे मटीरियल का इस्तेमाल करें जो आसानी से आग न पकड़ते हों।

 

इसके अलावा, हमेशा अपनी कार के इंजन को अच्छी हालत में रखें। समय-समय पर सर्विस कराएं, कार का एग्जॉस्ट सिस्टम चेक करते रहें ताकि वह ब्लॉक न हो। इसके अलावा, ईंधन लीक होने की संभावित जगहों को समय-समय पर चेक करते रहें और इलेक्ट्रिक सिस्टम की भी जांच करते रहें। कार में कहीं पर भी खुद से तार जोड़ने की कोशिश न करें और खुले तार तो कतई न छोड़ें। कार में इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग करवाते समय ध्यान दें कि तार को बीच में जोड़ने के बजाय किसी प्वाइंट से ही जोड़ने को कहें। इससे आग लगने का खतरा कम हो जाएगा।
 
आग लगने पर क्या करें?

 

इतने उपायों के बावजूद भी अगर आपकी कार में आग लग जाती है और कार चलाते समय आपको इसका एहसास हो जाए तो कार को तुरंत साइड में लगाएं और इंजन बंद कर दें। कोशिश करें कि सबसे पहले कार से बाहर आ जाएं। ध्यान रहे कि इंजन को बंद करने से पहले कार को अनलॉक करने की कोशिश करें। जलती कार आग के गोले की तरह होती है इसलिए तुरंत कार से दूर हो जाएं और आसपास से गुजर रही गाड़ियों को भी दूर रहने की सलाह दें।

 

अगर आग किसी एक हिस्से में लगी है और आपको लगता है कि उसे बुझाया जा सकता है तो कार में मौजूद अग्निशामक (फायर एक्सटिंगुइशर) का इस्तेमाल करके उसे बुझाने की कोशिश करें ताकि आग पूरी कार में न फैलने पाए। ध्यान दें धुआं निकलने या आग लगने की स्थिति में कार का बोनट खोलने की कोशिश कभी न करें। तुरंत ट्रैफिक पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को फोन करें ताकि जल्द से जल्द मदद मिल सके।

 

ध्यान दें कि अगर आपकी कार में फ्यूज उड़ने का सिग्नल आ रहा हो, अचानक से तेज धमाके जैसी आवाज आए, इंजन हद से ज्यादा गर्म हो गया हो, अचानक से ईंधन कम दिखाने लगे या धुएं की गंध आ रही तो ये आग लगने के संकेत हैं। ऐसी स्थिति में कार को तुरंत बंद कर दें और उससे बाहर निकल जाएं। अगर आग लगने की स्थिति में गेट लॉक हो जाएं तो कार के शीशे को मैन्युअल तरीके से खोलकर बाहर आने की कोशिश करें। अगर शीशे भी न खुलें तो शीशे तोड़कर जल्द से जल्द निकलने की कोशिश करें। कार की सर्विस के समय कार के दरवाजों को हमेशा चेक करें वरना ऐसी परिस्थितियों में वे आसानी से लॉक हो सकते हैं।

हर साल जान गंवाते हैं लोग

 

NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में गाड़ी में लगने वाली आग की 242 घटनाएं हुईं। वहीं, 2022 में इसी तरह की 131 घटनाएं हुईं। साल 2022 में कुल 86 लोगों की जान गाड़ी में लगने वाली आग के चलते चली गई। इसमें 28 लोगों की जान सवारी गाड़ी जैसे कि बस, टैक्सी ऑटो और अन्य में गई। 43 लोगों की जान प्राइवेट गाड़ियों में गई और 15 लोग मालवाहक गाड़ियों में आग लगने के कारण मारे गए।

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