• ISLAMABAD 17 May 2025, (अपडेटेड 17 May 2025, 6:38 AM IST)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अब एहसास हुआ है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 3 जंग हुई है, तीनों जंग में दोनों देशों को कुछ नहीं मिला है। पढ़ें रिपोर्ट।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ। (Photo Credit: PMO/Pakistan)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को एक साथ पड़ोसियों की तरह एक मेज पर बैठना चाहिए और अपनी समस्याओं को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कश्मीर मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझाने की मांग की है। शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान तीन युद्ध लड़ चुके हैं लेकिन उससे हासिल कुछ भी हनीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि अगर दोनों देशों में शांति रहेगी, तभी दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम कर सकते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। बातचीत से समस्या का हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन की सैन्य झड़प खत्म हुई, जिसमें ड्रोन और मिसाइलों का जमकर इस्तेमाल हुआ। जंग जैसे हालात के मद्देनजर दोनों देशों ने संघर्ष विराम समझौते पर सहमति दी।
क्यों अहम है शहबाज का बयान? शरीफ का बयान उस वक्त आया जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है और पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी। यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू हुआ था। भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था, जवाब में पाकिस्तान ने नागरिक इलाकों में गोलियां बरसाई। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में यह कार्रवाई आतंकियों के खिलाफ की थी। पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या हुई थी।
कब बातचीत के लिए राजी होगा भारत? भारत ने साफ कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी करेगा, जब पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) वापस करने और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा होगी। शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान शांतिप्रिय देश है, लेकिन अपनी रक्षा के लिए उचित जवाब देने का अधिकार रखता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर।
अब कैसे हैं सरहद पर हालात? शहबाज शरीफ ने कहा कि अपनी सेना की तारीफ की और कहा कि उनकी सेना ने मौजूदा संघर्ष में अच्छा प्रदर्शन किया। पाकिस्तान ने इस मौके पर 'यौम-ए-तशक्कुर' मनाया। पहली बार रविवार को सेना के समर्थन में रैलियां निकली थीं। भारत और पाकिस्तान के बीच अभी सरहदों पर शांति की स्थिति है। संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन के मामले सामने नहीं आए हैं।