logo

ट्रेंडिंग:

किसान आंदोलन के बीच शिवराज सिंह का बयान क्या दिखाता है?

शंभू बॉर्डर पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह के बयान की उपराष्ट्रपति ने तारीफ की। इसके क्या मायने हैं, खासकर तब जब किसान अभी भी अपनी मांगों पर अड़े हैं।

Shivraj Singh Chauhan : PTI

शिवराज सिंह चौहान । पीटीआई

किसानों का आंदोलन शंभू बॉर्डर पर जारी है। किसान दिल्ली की तरफ कूच करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया क्योंकि पुलिस का कहना था कि उनके पास इस बात की अनुमति नहीं है।  किसानों के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि यदि सरकार शनिवार को किसानों से बात नहीं करेगी तो वे रविवार को फिर से दिल्ली से कूच करने की कोशिश करेंगे।

 

ऐसे में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार का किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और एमएसपी की इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी को लेकर विचार कर रही है और कोशिश करेगी कि फसलों की खरीद इस कीमत पर हो सके।

 

राज्य सभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'किसानों का हित हमारी प्राथमिकता है। एमएसपी की आवश्यकता तब पड़ती है जब फसलें मार्केट में निर्धारित मूल्य से नीचे बिकती हैं। हमने एमएसपी को बढ़ाने की पूरी कोशिश की है और फसलों को इस कीमत पर खरीदने की कोशिश की है।'

 

चौहान ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कृषि के लिए पिछले दशक में बजट आवंटन में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. पिछले 10 सालों में कृषि के बजट में और एमएसपी में बढ़ोत्तरी हुई है।

 

धनखड़ ने की तारीफ

शिवराज सिंह के इस बयान की तारीफ करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शिवराज किसानों के लाडले बन जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि शिवराज सिंह चौहान जो कभी देश के लाडले के रूप में जाने जाते थे वह किसानों के लाडले हो जाएंगे।

 

शंभू बॉर्डर पर किसान कर रहे आंदोलन

इस बीच 101 किसानों का जत्था शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। शुक्रवार को दिल्ली कूच करने की कोशिश में पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई जिसमें एक या दो किसान घायल हो गए.

 

इस बीच कुछ किसानों ने बैरिकेडिंग की कुछ लेयर्स को भी तोड़ दिया और शेड पर चढ़ गए जिन्हें बाद में पुलिस ने उतारा। किसानों को निंयंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

 

क्या हैं किसानों की मांगें

- किसान अपने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी चाहते हैं।

 

- किसानों की मांग है कि कर्जमाफी की जाए।

 

- जो किसान खेतिहर मजदूर हैं, उनके लिए सरकार पेंशन की व्यवस्था करे।

 

-  भूमि अधिग्रहण अधिनियम को बहाल किया जाए।

 

- सरकार बिजली के दरों में हुई बढ़ोतरी को कम करे।

 

- 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले।

 

- 2020-21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।



Related Topic:

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap