लेह में भड़की हिंसा के बाद शुक्रवार को सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है। लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह ने उन्हें गिरफ्तार किया। उनके ऊपर यह कार्रवाई लोगों को भड़काने के आरोप में की गई है। उनके ऊपर इस बात का आरोप है कि उन्होंने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों को उकसाने का काम किया था। माना जा रहा था कि दोपहर के ढाई बजे वह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उसके पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एहतियात के तौर पर लेह में मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया गया है और ब्रॉडबैंड की स्पीड भी कम कर दी गई है। गुरुवार को गृह मंत्रालय ने कथित नियमों के उल्लंघन के आरोप में उनके एनजीओ के लाइसेंस को एफसीआरए ऐक्ट, 2010 के तहत कैंसिल कर दिया था।
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गृह मंत्रालय ने बुधवार की हिंसा के लिए लेह में हुई हिंसा के लिए वांगचुक के द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि उन्होंने अपने भाषण के दौरान अरब स्प्रिंग और नेपाल में हुए जेन-ज़ी विरोध का जिक्र किया। वांगचुक ने हालांकि, पहले ही आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें जेल में डालने की योजना बना रही है।
क्या हैं आरोप?
गृह मंत्रालय के मुताबिक सोनम वांगचुक के एनजीओ SECMOL को सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रम के लिए विदेशी फंडिंग का लाइसेंस दिया गया था। गृह मंत्रालय ने बताया कि खातों में अनियमितताओं पर कारण बताओ नोटिस जारी कर SECMOL से सफाई मांगी गई थी। आरोप है कि 2021-22 में सोनम वांगचुक ने FCRA की धारा 17 का उल्लंघन करते हुए एनजीओ के FCRA खाते में 3.5 लाख रुपये जमा किए थे।
इसके अलावा आरोप है कि SECMOL को स्वीडन से जो 4.93 लाख रुपये की फंडिंग मिली थी, वह भी जांच के दायरे में है। यह फंड माइग्रेशन, क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग, फूड सिक्योरिटी और सॉवरेनिटी (संप्रभुता) और ऑर्गनिक फार्मिंग पर स्टडी के लिए लिया गया था। मंत्रालय का कहना है कि 'संप्रभुता' पर स्टडी के लिए विदेशी फंड नहीं लिया जा सकता, क्योंकि यह 'राष्ट्रीय हित' के खिलाफ है। गृह मंत्रालय ने FCRA की धारा 14 के तहत लाइसेंस रद्द कर दिया।
SECMOL ने क्या कहा?
इस पर SECMOL ने सफाई देते हुए कहा कि 14 जुलाई 2015 को FCRA फंड से खरीदी गई पुरानी बसों को बेचा गया था और नियम कहते हैं कि FCRA के फंड से ली गई किसी भी संपत्ति की बिक्री की रकम सिर्फ FCRA खाते में ही जमा की जानी चाहिए। गृह मंत्रालय ने बताया कि यह रकम नकद में ली गई थी, जो धारा 17 का उल्लंघन है।
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4 लोगों की गई थी जान
24 सितंबर को लेह में अचानक से हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान विरोध प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के कार्यालय को फूंक दिया था। इस हिंसक घटना में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे। बाद में लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया था। कर्फ्यू का सख्ती से पालन करते हुए करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया।
सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया था। इसके अलावा कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लेह के साथ साथ कारगिल सहित अन्य शहरों में भी धारा 144 लागू कर दी गई थी।