सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में मशहूर मलयालम एक्टर सिद्दीकी को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को एक्टर को अग्रिम जमानत देते हुए अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने 30 सितंबर को दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत को स्थायी कर दिया है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अभिनेता को जांच में सहयोग करने को कहा है।
क्या है आरोप?
दरअसल, मलयालम अभिनेता सिद्दीकी के खिलाफ एक अभिनेत्री ने बलात्कार का मामला दर्ज किया है। अगस्त में जस्टिस के हेमा कमेटी की रिपोर्ट जारी होने के बाद मलयालम फिल्म उद्योग में यौन दुराचार के आरोपों की बाढ़ आ गई थी। इसी बीच सिद्दीकी के खिलाफ भी बलात्कार का मामला सामने आया था। हेमा कमेटी की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में बड़े पैमाने पर यौन शोषण और लैंगिक भेदभाव का खुलासा किया गया था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सिद्दीकी पर आरोप लगाने वाली शिकायतकर्ता से कुछ अहम सवाल किए। कोर्ट ने शिकायतकर्ता से पूछा कि सिद्दीकी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में उन्हें 8 साल क्यों लग गए। अदालत ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने 2018 में फेसबुक पर 13 अन्य लोगों के खिलाफ भी यौन शोषण के आरोप लगाए थे।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि शिकायतकर्ता ने 2016 में कथित घटना के लगभग आठ साल बाद शिकायत दर्ज कराई थी और उसने 2018 में कहीं फेसबुक पर भी कथित यौन शोषण के संबंध में अपीलकर्ता सहित 14 लोगों के खिलाफ आरोप लगाए थे और यह भी कि वह हेमा समिति के पास नहीं गई थी.. हम शर्तों के अधीन वर्तमान अपील को स्वीकार करने के लिए इच्छुक हैं।'
अपनी शिकायत में अभिनेत्री ने क्या कहा था?
अपनी शिकायत में एक्ट्रेस ने सिद्दीकी पर 2016 में तिरुवनंतपुरम के मैस्कॉट होटल में बलात्कार करने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि पीड़िता को हेमा समिति की रिपोर्ट और केरल उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही शिकायत दर्ज कराने का साहस मिला।
ग्रोवर ने तर्क दिया, 'वह 8 साल तक चुप क्यों थी? आप फेसबुक पोस्ट के माध्यम से इस बारे में बात करने का प्रयास देख सकते हैं। अगर सिद्दीकी से पूछताछ नहीं की गई तो मुकदमे को नुकसान होगा।'
सिद्दीकी के वकील ने क्या दिया तर्क?
सिद्दीकी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अभिनेता किसी भी गलत काम का दोषी नहीं है और शिकायतकर्ता के आरोप संदिग्ध हैं। रोहतगी ने कहा, 'बलात्कार की उनकी शिकायतें सभी के खिलाफ हैं। क्या यह संभव है? उनके फेसबुक पोस्ट देखें। कैसे प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है।' केरल सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि सिद्दीकी अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि निचली अदालत द्वारा जमानत की शर्तें तय करने से पहले सरकारी वकील की बात सुनी जाए। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।