भारतीय सुरक्षा एजेंसियां गुरुवार को तहव्वुर राणा के भारत आने का इंतजार कर रही हैं। राणा को 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तारी के लगभग 16 साल बाद अमेरिका से प्रत्यर्पित किया जा रहा है।
अनुमान के मुताबिक राणा को दिल्ली लाया जाएगा जहां उसे उसे तिहाड़ जेल में रखे जाने की संभावना है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक कर तैयारियों पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और एनआईए निदेशक सदानंद दाते भी मौजूद थे।
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अमेरिका पहुंची थी टीम
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम तीन खुफिया अधिकारियों के साथ राणा की हिरासत हासिल करने के लिए रविवार को अमेरिका पहुंची।
इससे पहले, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भारत को उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की राणा की अर्जी को खारिज कर दी थी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय टीम ‘सरेंडर वारंट’ की पुष्टि होने के बाद अमेरिका के लिए रवाना हुई। यह किसी भगोड़े अपराधी को किसी दूसरे देश के समक्ष सरेंडर करने के लिए जरूरी होता है।
तिहाड़ जेल में रखा जा सकता है
सूत्रों के अनुसार, राणा के दिल्ली पहुंचने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की संभावना है। सूत्रों ने कहा, 'तिहाड़ जेल प्रशासन से कोई औपचारिक संवाद नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने उसके सेल की सुरक्षा का जायजा लेनाभी शुरू कर दिया है; वे उसे उच्च सुरक्षा वाले वॉर्ड में रख सकते हैं। उसके सेल में सीसीटीवी कैमरे होंगे और बाथरूम की सुविधा होगी, तथा वे उसकी गतिविधियों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखेंगे।'
पाकिस्तानी मूल का 64 वर्षीय राणा लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रह रहा है। वह लश्कर-ए-तैयबा के जासूस डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी है, जो 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ करते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को उसकी समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी।
भारत से किया को-ऑर्डिनेट
पता चला है कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, जनवरी के अंत में एनआईए की एक टीम को शुरू में अमेरिका बुलाया गया था, लेकिन बाद में वहां के अधिकारियों ने सभी दस्तावेजों की समीक्षा के लिए और समय मांगा।
गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, 'विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, गृह मंत्रालय और एनआईए के अधिकारी अमेरिकी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थे। उन्हें बताया गया कि अमेरिकी विदेश विभाग भी राणा के लिए 'आत्मसमर्पण वारंट' जारी करने के लिए विदेश मंत्री के साथ को-ऑर्डिनेट कर रहा है।'
मुंबई अटैक को कैसे दिया अंजाम
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। मुंबई पहुंचने के बाद आतंकी अलग-अलग ग्रुप में बंट गए और अलग-अलग जगहों पर हमले किए। मुंबई के मशहूर ताज पैलेस होटल में भी आतंकियों ने घुसकर कत्लेआम मचाया था। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे। सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था। एकमात्र आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ाया था। 21 नवंबर 2012 को कसाब को फांसी दे दी गई थी।