दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक धोखाधड़ी और जबरन वसूली में संलिप्त दो गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक गिरोह अवैध स्टिकर रैकेट चला रहा था और दूसरा ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली में संलिप्त था। सरगना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी के दस्तावेज, 31 लाख रुपये की नकदी, छह मोबाइल फोन और 500 से ज्यादा फर्जी स्टिकर मिले हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रिंकू राणा उर्फ भूषण, सोनू शर्मा और मुकेश कुमार उर्फ पकोड़ी के तौर पर हुई है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक रिंकू राणा पूरे गिरोह का संचालन कर रहा था। यह गिरोह नो-एंट्री टाइम में व्यावसायिक माल ढोने वाले वाहनों को फर्जी स्टिकर की मदद से एंट्री दिलाता था। एक स्टिकर के बदले प्रति वाहन 2,000 से 5,000 रुपये की वसूली की जाती थी। इन स्टिकरों को गलत तरीके से प्राधिकरण के तौर पर पेश किया जाता था, ताकि वाहनों को चालान से बचाया जा सके।
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ग्रुप में शेयर होती थी पुलिस की लोकेशन
दिल्ली पुलिस ने इसी साल अप्रैल महीने में एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी की शिकायत के बाद मामले की जांच तेज की। शिकायत में बताया गया कि एक व्यवसायिक वाहन पर फर्जी स्टिकर लगा था। उसने इसके सहारे चेकिंग से बचने की कोशिश की। जांच में सामने आया कि आरोपी सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जानकारी साझा करते थे।
सोशल मीडिया ग्रुप्स को सोनू शर्मा ऑपरेट करता था। इन्हीं ग्रुप के माध्यम से स्टिकर को बेचा जाता था। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस की हर गतिविधि की रियल टाइम जानकारी भी भेजी जाती थी।
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जबरन वसूली करने वाला पकोड़ी धरा गया
उधर, पुलिस ने राजकुमार उर्फ राजू मीना के करीबी मुकेश कुमार उर्फ पकोड़ी को दबोचा है। राजकुमार का गैंग ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली करता था। जांच में सामने आया है कि राजकुमार के गैंग ने ड्राइवरों की तैनाती कर रखी थी। यह लोग जानबूझकर यातायात नियमों का उल्लंघन करते और चालान के दौरान पुलिस वालों की गुप्त रिकॉर्डिंग करते हैं। बाद में वीडियो से छेड़छाड़ करके इनका इस्तेमाल झूठे आरोप लगाकर पैसा वसूली में करते थे।
दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए पकोड़ी को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के तहत पहले भी पकड़ा जा चुका है। पुलिस के मुताबिक ट्रैफिक फ्रॉड और जबरन वसूली से जुड़े तीन अलग-अलग संगठित अपराध गैंग से जुड़े कुल आठ आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। बाकी की आरोपियों की तलाश जारी है।