विदेश मामलों की संसद की स्थायी समिति के साथ विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी कई अहम जानकारियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि हालिया संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने किसी भी परमाणु खतरे का संकेत नहीं दिया था। समिति ने सीजफायर में अमेरिकी दावे का मामला उठाया। इस पर विक्रम मिसरी ने बताया कि संघर्ष विराम का फैसला दोनों पक्षों ने खुद ही लिया था। भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच 10 मई की शाम से सीजफायर पर सहमति बनी थी। उन्होंने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता वाली बात को सिरे से खारिज कर दिया। विदेश सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि संघर्ष विराम की अपील पाकिस्तान ने की थी। बता दें कि सोमवार को विदेश मामलों की स्थायी समिति ने ऑपरेशन सिंदूर के कूटनीतिक और सैन्य नतीजों पर चर्चा की।
ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही पाकिस्तान के मंत्री और अधिकारियों ने परमाणु हमले का राग अलापना शुरू कर दिया था। यहां तक कि रूस में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने अटैक किया तो पाकिस्तान पूरी ताकत से पारंपरिक और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा। मगर अब विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने साफ कर दिया है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष पारंपरिक था। पाकिस्तान से परमाणु हमले के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
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शशि थरूर हैं समिति के अध्यक्ष
चार बार के कांग्रेस सांसद शशि थरूर समिति के अध्यक्ष हैं। समिति की बैठक में टीएमसी से अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस से राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा से अपराजिता सारंगी और अरुण गोविल समेत कुल 24 सांसदों ने हिस्सा लिया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
चीनी हथियारों पर क्या बोले मिसरी?
चार दिन के संघर्ष में पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया था। इस पर मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा चीनी हथियारों का इस्तेमाल कोई मायने नहीं रखता है। हमारे सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में सटीक हवाई हमलों को अंजाम दिया। बता दें कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने चीनी मिसाइलों और एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया था।
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एयरफोर्स खारिज कर चुकी किराना हिल्स पर हमले की बात
सोशल मीडिया पर कुछ खबरें सामने आई थीं कि पाकिस्तान की किराना हिल्स पर हमला किया गया है। यहां पाकिस्तान के परमाणु हथियार रखे हैं। मगर अपनी प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय वायुसेना ने इससे इनकार कर दिया था। एयर मार्शल एके भारती ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि भारतीय सशस्त्र बलों ने किराना हिल्स में परमाणु सुविधा को निशाना नहीं बनाया। हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं। हमें इसके बारे में पता नहीं था। हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है।