पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में पुलिस ने 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा है कि शुक्रवार को भड़की यह हिंसा मुर्शिदाबाद के अलावा मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में भी फैली है। यहां भी आगजनी, पथराव और सड़क जाम की घटनाएं हुईं।
पुलिस ने बताया कि मुर्शिदाबाद में सबसे ज्यादा तनावपूर्ण स्थितियां थीं।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू की है। अब यहां इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। पुलिस ने कहा ने कहा है कि सुती और समसेरगंज में गश्त जारी है। किसी को भी इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जा रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान न दें, न ही खुद भी अफवाह फैलाएं।
110 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक हिंसा प्रभावित जिलों में छापेमारी की जा रही है। मुर्शिदाबाद से 110 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं। PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुती से लगभग 70 और समसेरगंज से 41 लोगों को हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। शनिवार सुबह तक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी, लेकिन कोई नई हिंसक घटना सामने नहीं आई। सुती में हुई झड़पों के दौरान कथित पुलिस फायरिंग में एक किशोर घायल हो गया है, जिसे कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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ममता नहीं संभाल रहीं पश्चिम बंगाल: BJP
भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की है। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने X पर लिखा, 'यह प्रदर्शन नहीं, सुनियोजित हिंसा है। यह लोकतंत्र और शासन पर हमला है, जिसका मकसद अराजकता फैलाना और समाज में डर पैदा करना है। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, सरकारी अधिकारियों को धमकाया गया और डर का माहौल बनाया गया। ममता बनर्जी सरकार की चुप्पी असहनीय है।'
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वक्फ पर सुलग उठा है पश्चिम बंगाल
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल में तनावपूर्ण स्थितियां बन गई हैं। 8 अप्रैल को लागू इस कानून का मकसद केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाला बताया है। सरकार का तर्क है कि इससे वक्फ कानून में पारदर्शिता आएगी और बेहतर प्रशासन व्यवस्था बनेगी।
यह कानून हाल ही में संसद में पारित हुआ और 8 अप्रैल को लागू हुआ। विपक्ष का कहना है कि यह मुस्लिम विरोधी है। विपक्ष ने इसे संविधान के खिलाफ भी बताया है। ममता बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में वह इस कानून को लागू नहीं होने देंगी। अल्पसंख्यक हितों की रक्षा करेंगी।