logo

ट्रेंडिंग:

21 दिन पाकिस्तान में कैद, फिर रिहाई, BSF जवान ने घर पहुंचकर क्या कहा?

पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से रिहा होने के करीब एक सप्ताह बाद बीएसएफ जवान पूर्णम शॉ अपने घर पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने क्या कहा, पढ़ें रिपोर्ट।

Purnam Kumar Shaw

पूर्णम कुमार शॉ। (Photo Credit: PTI)

पाकिस्तान की कैद में 21 दिन गुजारने के बाद पूर्णम कुमार शॉ जब भारत लौटे तो उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रह है कि यह उनका दूसरा जन्म हो। वह गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे। वह ऐसे वक्त में पाकिस्तान पहुंचे थे, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर था।  वह शुक्रवार देर रात अपने गांव लौटे तो उन्होंने अपनों से मुलाकात की। 

27 अप्रैल को वह अनाजने में ही पाकिस्तान चले गए थे, उन्हें वहीं पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। 3 सप्ताह तक पाकिस्तान की कैद में रहने के बाद उन्हें 14 मई को पाक अधिकारियों ने रिहा कर दिया था। शुक्रवार को जब वह हावड़ा स्टेशन पर पहुंचे तो उन्होंने अपनों से मुलाकात की। लोगों ने उनकी मौजूदगी में भारत मां की जय के नारे लगाए। 

शुक्रवार को जैसे ही हावड़ा स्टेशन पर पूर्णम शॉ पहुंचे, उनके शुभचिंतकों ने भारत मां की जय के नारे लगाए। पिता उन्हें देखकर रो पड़े। उन्होंने लोगों को शुक्रिया कहा। हावड़ा से हुगली के रिशरा जाते वक्त एक दुकान के बाहर उनका काफिला रुका और उन्होंने लोगों से बात की। पूर्णम शॉ ने कहा, 'आप के आशीर्वाद से मुझे दूसरा जन्म मिला। अच्छा लग रहा है। अच्छा लग रहा है। मैं अपने परिवार से फिर मिल सका।'

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की कस्टडी से रिहा हो गए BSF के जवान पुर्णम कुमार शॉ


घर पहुंचने के बाद क्या कहा, 'पूर्णम शॉ ने कहा, 'हमारे सैनिकों को डरना नहीं चाहिए। हमें दिन-रात सीमा की रक्षा करनी है। अगर हम डरेंगे तो देशवासियों का क्या होगा? मैं डरा नहीं, बस घर की चिंता थी।' उनके गांव बघकाल में बैंडबाजे के साथ जुलूस निकला। लोगों ने भारत मां के जयकारे लगाए। उनकी पत्नी रजनी शॉ ने कहा, 'उनके घर लौटने से बहुत अच्छा लग रहा है।'

यह भी पढ़ें: PM मोदी की चेतावनी से पाकिस्तान के कारोबार पर क्या असर होगा?

कैसे पाकिस्तान पहुंच गए थे पूर्णम?
पूर्णम कुछ किसानों के साथ सीमा के पास थे। थकान की वजह से एक पेड़ के नीचे सो गए। अनजाने अ KW थकान के कारण वह पेड़ के नीचे सो गए और अनजाने में भारत की सीमा पार गए। बीएसएफ ने कई दौर की बैठकें पाकिस्तानी डिप्लोमेट और सेना के साथ की। उन्हें पाकिस्तान ने 21 दिन बाद 14 मई को रिहा किाय गया। उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में सौंप दिया गया था। अब वह अपने गांव पहुंचे हैं।  

 

Related Topic:#India Pak Clash

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap