राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के कुछ हंगामे के बीच बुधवार को बॉयलर्स विधेयक, 2024 पर चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विधेयक को विचार और पारित करने के लिए सदन में पेश किया। बॉयलर्स विधेयक 2024, बॉयलर गतिविधियों से संबंधित कुछ अपराधों को अपराध की क्षेणी से बाहर करने और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है।
विधेयक में क्या?
विधेयक में बॉयलर के अंदर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसमें बॉयलर की मरम्मत का काम योग्य और सक्षम व्यक्तियों द्वारा किए जाने की बात भी कही गई है। 1923 को निरस्त करने वाले बॉयलर विधेयर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 अगस्त को मंजूरी दी थी।
विधेयक पेश करते हुए गोयल ने कहा कि देश में बॉयलरों के निर्माण, स्थापना और उपयोग के दौरान पंजीकरण और निरीक्षण में एकरूपता लाने और इससे जुड़े मामलों में मदद मिलेगी। विधेयक पर भाजपा सांसद बृज लाल ने कहा कि यह पुराने, औपनिवेशिक कानूनों को खत्म करने के सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है।
100 साल पहले आया था यह अधिनियम
बृज लाल ने कहा, 'यह अधिनियम 100 साल पहले आया था, बॉयलर का उपयोग सभी उद्योगों में किया जाता है। कई प्रकार के बॉयलर होते हैं। कई वर्षों से जंग लगने के कारण दुर्घटनाएं भी होती हैं। पुराने कानून में डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं हैं।' उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी ने सभी पुराने कानूनों को बदलने का संकल्प लिया है और 2,000 से अधिक पुराने कानून, जो उपनिवेशवाद के प्रतीक थे, निरस्त कर दिए गए हैं।'
चार बड़े अपराधों में वित्तीय दंड का प्रावधान
बॉयलर और बॉयलर से निपटने वाले कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सात अपराधों में से चार बड़े अपराधों में वित्तीय दंड का प्रावधान किया जा रहा है। बॉयलर अधिनियम, 1923 में अलग-अलग स्थानों पर मौजूद समान प्रावधानों को अधिनियम को आसानी से पढ़ने और समझने के लिए छह अध्यायों में एक साथ रखा गया है।