दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। भारतीय किसान परिषद सहित कुछ अन्य किसान संगठनों के झंडे तले किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली की ओर जा रहे किसानों को पुलिस द्वारा रोक दिया गया जिसके बाद उन्होंने 'दलित प्रेरणा स्थल' पर बैठकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
किसान अपनी अधिग्रहण की हुई जमीनों के बढ़े हुए मुआवजे और भूमि कानूनों में सुधार की मांग कर रहे हैं। उनकी मागं है कि उन्हें भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत मुआवजा दिया जाए। जानिए क्या है नया भूमि अधिग्रहण कानून जिसको लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं।
क्या कहता है कानून
- इस कानून के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन की बाज़ार कीमत का चार गुना और शहरी क्षेत्रों का दोगुना देना होगा।
- इसके अलावा एक सांत्वना राशि भी देनी होगी जो कि कुल क्षतिपूर्ति राशि के बराबर होगा।
- यह कानून कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाता है और यह भी प्रावधान करता है कि यदि किसी जमीन का अधिग्रहण के बाद प्रयोग न हो पाए तो उसे उसके मालिक को वापस कर दिया जाए।
- कानून के तहत अधिग्रहण के वक्त ग्राम सभा और स्थानीय निकायों को भी चर्चा के लिए शामिल किया जाता है।
क्या कह रहे हैं किसान
किसानों का कहना है कि पिछले दो दशकों से यमुना एक्सप्रेस, ग्रेटर नोएडा और अन्य डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए जो भी जमीनें अधिगृहीत की गई हैं, उनके तहत उन्हें क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है। उनका कहना है कि योगी सरकार ने साल 2017 से सर्किल रेट नहीं बढ़ाया है और जमीन मालिकों को कानूनी तौर पर क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है।
पुलिस ने किसानों के हटाया
मंगलवार को दोपहर में पुलिस ने बॉर्डर एरिया से किसानों को हटाना शुरू कर दिया जिसके बाद वहां किसानों की तरफ से खूब विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। सूचना के मुताबिक पुलिस किसानों को उनके गांव तक छोड़कर आ रही है ताकि भीड़ को कम किया जा सके। हालांकि, किसान वहां से हटने को तैयार नहीं है। खास बात यह है कि इस आंदोलन में पुरुष किसानों के साथ महिला किसान भी शामिल हैं।
हवन के साथ की आंदोलन की शुरुआत
किसानों ने आंदोलन की शुरुआत हवन के साथ की। उनका कहना था कि चूंकि शुभ काम की शुरुआत हवन से करते हैं इसलिए इसकी शुरुआत हवन से की जा रही है।
अखिलेश यादव बोले- बीजेपी ने किसानों को धोखा दिया
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कृषि प्रधान देश में किसान का आंदोलित होना सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया।
उन्होंने कहा कि न ही किसानों की आय दोगुनी हुई है और न ही फसलों की सही कीमत मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को जमीन अधिग्रहण के बाद उन्हें उचित मुआवजा नहीं दे रही है।