कुछ दिनों पहले कांग्रेस की नई नवेली सांसद प्रियंका गांधी के एक बैग पर हंगामा हो गया। इस बैग पर फिलिस्तीन लिखा था। इसी बैग के बहाने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत अपने मजदूरों को इजरायल भेज रहा है, जहां वे अच्छा पैसा कमा रहे हैं और कांग्रेस सांसद फिलिस्तीन का समर्थन कर रही हैं। यह बात सच है कि भारत के हजारों मजदूर इजरायल में काम करने गए हैं। इन मजदूरों को बाकायदा सरकार की पहल पर भेजा गया है। इसके बारे में राज्य सरकारों और विदेश मंत्रालय का कहना है कि इजरायल की ओर से मदद मांगी गई थी।
इस तरह की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना जैसे राज्यों के मजदूरों को इजरायल भेजा गया है। इन मजदूरों को 5 साल के लिए रखा गया है। दरअसल, लगातार छोटे-मोटे युद्धों में व्यस्त इजरायल में कुछ समय पहले तक गाजा पट्टी में रहने वाले लोग काम करने जाते थे। हालांकि, हमास के हमले के बाद इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया और वहां काम करने वाले लोगों की कमी हो गई। BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वहां काम कर रहे लोग बताते हैं कि उन्हें कोई खतरा तो नहीं है लेकिन जब कभी भी सायरन बजता है तो बंकर में जाना पड़ता है।
इजरायल में क्या काम मिला है?
4 दिसंबर तक 6583 भारतीय कामगार इजरायल में काम करने गए हैं। कुल 195 कंपनियों ने इसके लिए इजरायल प्रशासन से करार किया है और इसी के तहत भारतीय कामगार उन्हें उपलब्ध कराए गए हैं। हाल ही सांसद डी रवि कुमार ने इसी से संबंधित एक सवाल संसद में पूछा था। उनका सवाल था कि कितने मजदूर इजरायल भेजे गए हैं। उन्होंने उन कंपनियों के नाम भी पूछे थे जिनमें ये मजदूर काम करते हैं। सरकार ने कंपनियों की संख्या तो बताई है लेकिन यह नहीं बताया है कि उनके नाम क्या हैं।
इनमें 2325 लोग बिल्डिंग निर्माण संबंधी कामों में, 1906 लोग लोहे के सरिए और अन्य चीजें मोड़ने के काम में, 1578 लोग प्लास्टर करने में और 774 लोग टाइलिंग का काम कर रहे हैं। बता दें कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने इजरायल में अपने राज्य के लोगों को भेजने में विशेष रुचि दिखाई थी। हरियाणा के सीएम नायब सैनी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ तो इसके लिए अपनी सरकार की तारीफ भी करते रहे हैं।
विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अपने जवाब में कहा है कि भारतीय मजदूरों को भी इजरायली मजदूरों की तरह ही काम संबंधित अधिकार और सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार का कहना है कि भारतीय दूतावास लगातार इन कामगारों के संपर्क में है और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। कुछ कामगारों ने यह शिकायत भी की है कि उन्हें जिस काम का वादा किया गया था वह नहीं मिला। इन शिकायतों को इजरायली प्रशासन के सामने रखा गया और इसका समाधान किया जा चुका है।