करियर में नाम कमाने के लिए कृष्ण पंडित भांजी को अपना नाम बदलना पड़ा। स्टेज नाम ऐसा रखा कि अब वह जाने-माने हॉलीवुड फिल्मों में नजर आते है, लेकिन 1982 में आई फिल्म गांधी में उनके अहम किरदार ने सबको हैरान कर दिया। 8 अकेडमी अवॉर्ड जीतने वाली इस फिल्म को अगर आप गौर से देखेंगे तो समझ जाएंगे की हम किसकी बात कर रहे है?
60 की दशक में बदल दिया था अपना नाम
'माय नेम इज गांधी...मोहनदास करमचंद गांधी...' फिल्म में मुख्य किरदार निभाने वाले एक एंग्लो-इंडियन जिसके पिता गुजराती मुस्लिम और मां इंगलिश थी। एक नाम हिंदू तो दूसरा नाम मुस्लिम होने के कारण उन्हें बचपन में सब कृष कहकर बुलाते थे। अपने करियर के शुरुआती दौर में आते-आते ये नाम बेन किंग्सले में बदल गया। 60 की दशक में ही उन्होंने अपना स्टेज नाम कृष्ण पंडित भांजी से बेन किंग्सले कर दिया था, लेकिन इस नाम को बदलने के पीछे एक और मुख्य कारण था।
जब एक सीनियर डायरेक्टर ने दिखाया था नीचा
1967 में जब बेन ने रॉयल शेक्सपियर कंपनी ज्वाइंन की तो एक सीनियर डायरेक्टर ने उनके नाम को नीचा दिखाते हुए कहा था कि उन्हें इस नाम से फिल्मों में केवल नौकरों वाला ही रोल मिलेगा। वह कभी भी फिल्मों में राजा या नेता का किरदार नहीं कर पाएंगे। करियर के लिए उन्होंने अपने नाम में बदलाव किया और अपने पिता का पहला नाम बेन और दूसरा नाम अपने दादा किंग क्लोव को जोड़कर बेन किंग्सले कर दिया।
कौन हैं बेन किंग्सले?
किंग्सले के पिता, रहीमतुल्ला हरजी भांजी भारतीय मूल के गुजराती थे। वहीं, उनकी मां, अन्ना लीना मैरी भांजी एक अंग्रेजी फैशन मॉडल और एक्ट्रेस थीं। किंग्सले के नाना को रूसी यहूदी या जर्मन यहूदी वंश का माना जाता था, जबकि किंग्सले की नानी अंग्रेजी थीं, और पूर्वी लंदन के परिधान जिले में काम करती थीं। उनकी माँ का जन्म विवाह से बाहर हुआ था, और उनका पालन-पोषण उनकी अपनी माँ ने किया था।