अरुणाचल प्रदेश की एंटी-डैम ऐक्टिविस्ट और वकील भानु तातक को रविवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर उस वक्त रोक लिया गया जब वह आयरलैंड की राजधानी डबलिन जाने वाली फ्लाइट में सवार होने जा रही थी। इमीग्रेशन अधिकारियों ने उनके गृह राज्य में लंबित दो पुलिस मामलों से जुड़े एक लुक-आउट सर्कुलर (एलओसी) पर ऐक्शन लेते हुए यह कार्रवाई की।
भानु तातक सियांग स्वदेशी किसान मंच की कानूनी सलाहकार हैं। यह एक ऐसा मंच है जिसने सियांग नदी पर प्रस्तावित 11,500 मेगावॉट की अपर बहुउद्देशीय परियोजना का कड़ा विरोध किया है। वह एंटी-डैम आंदोलनों में सबसे आगे रही हैं और उन्होंने वहां रहने वाले स्थायनीय लोगों के विस्थापन और ऐसी बड़ी परियोजनाओं से पैदा होने वाले पारिस्थितिक जोखिमों के बारे में चिंता जताई है।
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भानु तातक के खिलाफ मामले
अरुणाचल प्रदेश पुलिस के अनुसार, लुक आउट सर्लकुलर का उनके ऐक्टिविज़म से कोई लेना देना नही है, बल्कि, यह विशेष रूप से ईटानगर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामलों से जुड़ा है। पहला मामला 2021 का है, जब वह कथित तौर पर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ईटानगर के बीबी प्लाजा मॉल में घुस गई थीं, जिसके कारण उन पर आपराधिक अतिक्रमण के आरोप लगे थे।
2022 में दर्ज दूसरे मामले में उन पर सिविल सचिवालय में ‘वॉल ऑफ हार्मोनी’ की डिजाइन में तोड़फोड़ किए जाने के लिए धन मुहैया कराने का आरोप है। पुलिस का दावा है कि तोड़फोड़ किए जाने के लिए भानु तातक द्वारा पैसे उपलब्ध कराए जाने के उन्हें सबूत मिले हैं।
भानु अगले सप्ताह से शुरू होने वाले डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी में तीन महीने के शैक्षणिक पाठ्यक्रम के लिए आयरलैंड जा रही थीं। उनकी नज़रबंदी के बाद आरोप लगे हैं कि उन्हें भाजपा सरकार विरोधी रुख के कारण परेशान किया जा रहा है।
राजनीतिक विवाद
अरुणाचल प्रदेश युवा कांग्रेस ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे 'अत्याचार' बताया और तर्क दिया कि भानु को 'तीन साल से ज़्यादा पुराने दो मामलों' के लिए विदेश यात्रा से नहीं रोका जाना चाहिए था। एक बयान में, युवा शाखा ने आरोप लगाया: 'यह सियांग बांध परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने में उनकी भूमिका की वजह से किया गया है। यह असहमति को दबाने के लिए एक और मनगढ़ंत मामला है।'
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इन दावों का खंडन करते हुए, अरुणाचल प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (कानून और व्यवस्था) चुखु आपा ने मीडिया को बताया कि भानु के खिलाफ हाल के वर्षों में '10 से 12 मामले' दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काई थी, जिसमें भीड़ का नेतृत्व करना और महिला प्रदर्शनकारियों से एक कैबिनेट मंत्री का रास्ता रोकने के लिए कहना शामिल था।