अमेरिका की बाजार नियामक 'सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन' ने 20 नवंबर को गौतम अडानी और सागर अडानी सहित अन्य पर अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और घोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। यह आरोप लगते ही भारत के शेयर बाजार और देश की सियासत में बवाल हो गया है।
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन ने एक बयान में कहा कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के गौतम अडानी और सागर अडानी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के सिरिल कैबनेस पर बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।
अडानी ग्रुप पर लगे आरोप
अडानी पर लगाए गए अभियोग में कहा गया है कि गौतम और सागर अडानी सितंबर 2021 में अडानी ग्रीन लिमिटेड ने धन की पेशकश की थी, जिसके दौरान वह रिश्वतखोरी में लिप्त थे। इससे 750 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे, जिसमें अमेरिकी निवेशकों से लिए गए लगभग 175 मिलियन डॉलर शामिल थे।
कौन हैं सागर अडानी?
सागर अडानी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Limited) के कार्यकारी निदेशक हैं। वह साल 2015 में अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट करने के बाद अडानी समूह में शामिल हुए थे। सागर अडानी भारत के दूसरे सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अदानी के भतीजे हैं।
अडानी ग्रीन एनर्जी की जिम्मेदारी
सागर अडानी ने अपने करियर की शुरुआत 'प्रोजेक्ट्स' से की थी। अडानी समूह ने उन्हें अडानी ग्रीन एनर्जी के पूरे सौर और विंड पोर्टफोलियो की जिम्मेदारी दे दी। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, सागर वर्तमान में संगठन निर्माण के साथ-साथ अडानी ग्रीन एनर्जी के सभी रणनीतिक और वित्तीय मामलों की देखरेख करते हैं।
एफबीआई ने की जांच
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सागर अडानी को मार्च 2023 में एफबीआई के स्पेशल एजेंटों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत से जुड़े आरोपों की जांच के लिए ग्रैंड जूरी समन के साथ सर्च वारंट दिया गया था। मीडिया रिपोर्टों के ही अनुसार, एफबीआई के एजेंटों ने उस समय सागर के पास मौजूद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को अपने कब्जे में ले लिया था।