केन्या से नेपाल तक: जेन-जी वर्षों पुराने सिस्टम के खिलाफ क्यों?
देश
• NEW DELHI 10 Sept 2025, (अपडेटेड 10 Sept 2025, 11:30 PM IST)
जेन-जी अपने हिसाब की व्यवस्था के प्रति दुनियाभर में मुखर है। आर्थिक संकट हो या सामाजिक बुराई, शिक्षा से जुड़ा मुद्दा हो या जलवायु परिवर्तन आज हर क्षेत्र में जेनरेशन जेड अहम भूमिका निभा रही है।

सांकेतिक फोटो। (AI Generated Image)
केन्या से नेपाल तक जेन जी की नाराजगी देखने को मिल रही है। यह पीढ़ी अधिक मुखर है। तकनीक ने इसे न केवल सशक्त बनाया है, बल्कि आवाज को भी बुलंद किया है। अपनी बात कहने से न डरने वाली यह जेनरेशन आज दुनिया के कई देशों की सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। जेन जी कितने ताकतवर हो चुके हैं, इसका अंदाजा आप सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका की सरकार इजरायल के साथ खड़ी है, लेकिन वहां के कॉलेजों में फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन होते हैं। इनमें हिस्सा लेने वाले लगभग 40 फीसदी युवा हैं। अमेरिका में शुरू हुआ ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन पूरी तरह से जेन जी के कंधों पर ही टिका था। यह न केवल अमेरिका, बल्कि दुनियाभर के 60 से अधिक देशों में फैल गया।
2022 में ईरान में अनुचित तरीके से हिजाब नहीं पहने पर 22 साल की महसा अमिनी को वहां की पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तभी उनकी मौत हो गई। 1999 में जन्मी अमिनी की मौत ने पूरे ईरान में जेन जी को भड़का दिया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने प्रदर्शन किया। महिलाओं ने अपने हिजाब जलाने शुरू किए। सरकार ने दमन का सहारा लिया। मगर विरोध बढ़ता गया। अंत में ईरान सरकार को ही नरमी बरतने पर मजबूर होना पड़ा।
जेन जी कौन हैं?
नेपाल में सरकार के खिलाफ युवाओं के हिंसक विरोध प्रदर्शन को जेन जी प्रोटेस्ट का नाम दिया गया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि ये जेन जी कौन हैं? सरल शब्दों में कहें तो 1995 से 2010 तक पैदा होने वाले लोगों को दुनिया जेन जी या जेनरेशन जेड के नाम से जानती हैं।
कम उम्र में प्रभावशाली बन रहे जेन जी
जेन जी किसी भी मुद्दे पर पुरानी पीढ़ी की अपेक्षा पहले सक्रिय हो जाते हैं। तकनीक ने इन्हें अपनी आवाज दुनिया तक पहुंचाने में मदद की। मणिपुर की रहने वालीं लिसिप्रिया कंगुजम ने 10 साल की उम्र में जलवायु परिवर्तन और गंदगी के खिलाफ दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाई। ग्रेटा थनबर्ग ने 15 साल की उम्र में स्वीडिश संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद उनकी ख्याति दुनियाभर में हो गई। इसमें काफी अहम रोल तकनीक का रहा।
जेनरेशन जेड और सत्ता पर बैठे लोग के बीच अंतर पीढ़ी संघर्ष है। प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक मौजूदा समय में दुनियाभर में नेताओं की औसत आयु 62 वर्ष है। दुनिया के लगभग 34% नेता 60 साल से अधिक उम्र के हैं। 22% 50 वर्ष से अधिक के हैं। 19% फीसदी नेता 70 वर्ष से अधिक की उम्र के हैं। इस वजह से भी राजनीतिक विभाजन बढ़ रहा है।
कहां-कहां देखने को मिला जेन जी प्रदर्शन?
केन्या: पिछले साल यानी जून 2024 में केन्या में जेन जेड विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। वहां की सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं, ब्रेड, सैनिटरी टॉवल और ब्रेड पर खर्च कम किया। इसके बाद वहां की जनता भड़क उठी। प्रदर्शन में अधिकांश युवा थे। इस वजह से इसे जेन जेड विरोध प्रदर्शन का नाम मिला। हिंसक विरोध प्रदर्शन में 39 लोगों की जान गई और 361 लोग घायल हुए।
इंडोनेशिया: अगस्त में इंडोनेशिया के कई शहरों में युवाओं ने सांसदों के भत्ते के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक डिलीवरी बॉय की मौत के बाद इंडोनेशिया में प्रदर्शन हिंसक हो उठे। कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया। राष्ट्रपति प्रोबोवो को अपनी चीन यात्रा टालनी पड़ी। पूरे देश में लूटपाट, अराजकता और हिंसा का दौर शुरू हुआ। अब भी इंडोनेशिया नाजुक स्थिति में है।
सर्बिया: जिस दिन नेपाल में हिंसा भड़की, ठीक उसी दिन सर्बिया में बेलग्रेड शहर में हजारों छात्रों की भीड़ सड़क पर आ गई। छात्रों ने राष्ट्रपति राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस की बर्बरता के खिलाफ भड़के छात्रों ने अलेक्जेंडर वुसिक की सरकार को हिलाकर रख दिया है। एक छात्रा को दुष्कर्म की धमकी देने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।
अल्बीनिया: पिछले साल नवंबर में अल्बानिया में एक 14 वर्षीय छात्र की हत्या हो गई। जांच में सामने आया कि टिकटॉक पर विवाद के बाद हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था। इसके बाद सरकार ने मार्च 2025 में टिकटॉक पर रोक लगा दी। मगर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया। राजधानी तिराना में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे।
बांग्लादेश और श्रीलंका: बांग्लादेश और श्रीलंका में भी सत्ता परिवर्तन में युवाओं और खासकर जेन जी का अहम योगदान रहा है। विरोध प्रदर्शन की अगुवाई जेन जी ने किया। सोशल मीडिया ने उनकी आवाज को हर गांव और शहर तक पहुंचाया। इससे दूर-दराज के युवा भी एकजुट हो उठे। 13 जुलाई 2022 को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को युवाओं के आगे घुटने टेकने पड़े और श्रीलंका छोड़कर जाना पड़ा। 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में छात्रों के हिंसक आंदोलन के बाद शेख हसीना को अपना पद और देश दोनों छोड़ने पड़े।
सीरिया: पश्चिम एशिया के देश सीरिया में बशर अल असद की सरकार थी। पिछले एक दशक से सीरिया गृह युद्ध से जूझ रहा था। इस बीच 42 वर्षीय अहमद अल शरा के नेतृत्व में युवाओं ने पूरे सीरिया में विद्रोह शुरू किया। इन विद्रोहियों के आगे असद की सरकार एक हफ्ते नहीं टिक पाई। पूरे सीरिया में हिंसा, विरोध प्रदर्शन, गोलीबारी, लूटपाट और आगजनी देखने को मिली। आनन-फानन बशर अल असद को सीरिया छोड़कर रूस की शरण में जाना पड़ा।
नेपाल: ओली सरकार ने 4 सितंबर को 26 सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगाया। चार दिन बाद 8 सितंबर को युवाओं का गुस्सा भड़क उठा। हिंसक विरोध प्रदर्शन को केन्या की तर्ज पर जेन जेड प्रोटेस्ट नाम दिया गया। 8 सितंबर को पूरे नेपाल में विरोध प्रदर्शन में 19 लोगों की मौत हुई। हिंसा बढ़ी तो प्रधानमंत्री केपी ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
जेन जी के सामने चुनौतियां क्या?
- आर्थिक संकट
- राजनीतिक विभाजन
- सामाजिक बुराइयां
- सामाजिक अशांति
- जलवायु परिवर्तन
- असमानता
- अन्याय
क्यों बढ़ रहा जेन जी में गुस्सा?
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई, घटती नौकरियां, कर्ज और कोविड-19 संकट के बाद युवाओं का गुस्सा और बढ़ गया है। सोशल मीडिया ने उन्हें अपनी पहचान बनाने का मौक दिया। अब कोई भी युवा कहीं से भी कोई मैसेज दुनिया के किसी कोने तक पहुंचा सकता है। आज से लगभग 30 साल पहले ऐसा करना इतना आसान नहीं था। पहले इसी काम के लिए पत्रकार, टीवी चैनल और समाचार पत्रों पर निर्भर होना पड़ता था। यह सबको सुलभ भी नहीं था।
पुराना तरीका | जेन-जी का तरीका |
टेलीफोन से प्रचार | वायरल वीडियो |
मौखिक प्रचार | सोशल मीडिया कैंपेन |
पर्चे बांटना | सिर्फ हैशटैग |
रैली | पॉडकास्ट |
2020 में यूके सेफर इंटरनेट ने एक अध्ययन किया। इसके मुताबिक 8 से 17 साल के 34 फीसद बच्चों का मानना है कि इंटरनेट उनको किसी न किसी मुद्दे पर एक्शन लेने को प्रेरित करता है। 43 फीसद को लगता है कि इंटरनेट की वजह से उनकी आवाज मायने रखती है। मतलब जेन जी को इंटरनेट पर खूब भरोसा है और आज इसी भरोसे के दम पर दुनिया की व्यवस्था को अपने हिसाब से बदलने में जुटे हैं।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap