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परमाणु विस्फोट से क्यों मचती है भीषण तबाही?

इंसानों ने दुनिया में सबसे खतरनाक चीज अगर कोई ईजाद की है तो वह है परमाणु बम। तबाही की इस मशीन ने हिरोशिमा और नागासाकी को तबाह कर दिया था।

Atomic Blast

अमेरिका ने जापान के दो शहरों, हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिरा दिया था। (सांकेतिक तस्वीर- AI, www.freepik.com)

हर परमाणु में तीन मूल कण होते हैं। प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन। परमाणु के केंद्र में नाभिक होता है। नाभिक के टूटने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है। परमाणु हथियारों का मुख्य काम, परमाणु के नाभिकों को तोड़ना होता है। आधुनिक परमाणु हथियार रासायनिक विस्फोटकों के जरिए X किरणों के रूप में किसी रेडियो एक्टिव पदार्थ के नाभिकों में ऊर्जा पैदा करते हैं, जिसके बाद अनियंत्रित तरीके से तापमान बढ़ने लगता है और विस्फोटक स्थिति तक दबाव पैदा होता है। जब यह दबाव सामान्य सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है, तभी नाभकीय विस्फोट होता है।

परमाणु विस्फोट और परमाणु संयत्रों में लीकेज से ही गंभीर मानवीय त्रासदी पैदा हो सकती है। इनसे निकलने वाले रेडियो एक्टिव पदार्थों का प्रभाव पर्यावरण पर बहुत बुरा होता है। हिरोशिमा और नागासाकी में दशकों तक स्थितियां असामान्य रहीं। चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट के आसपास अब भी रहने लायक स्थिति नहीं है। क्या है प्रक्रिया इतनी आसान होगी? नहीं। आइए समझते हैं इसके पीछे का विज्ञान। 

परमाणु विस्फोट का क्या होता है असर?
बरमाणु हथियारों की वजह से कुछ सेकेंड्स में पूरा का पूरा शहर साफ हो सकता है। एक झटके में लाखों लोगों की जान चली जा सकती है।परमाणु विस्फोट के बाद अचानक तापमान हजारों गुना बढ़ जाता है, रेडिएशन की वजह से लोगों की सांसें थम जाती है, फेफड़े डैमेज होने लगते हैं, खून बहने लगता है और लोग राख होने लगते हैं। इसकी वजह से सौर तूफान पैदा होता है।  ऑक्सीजन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे गैस खत्म होने लगते हैं।

परमाणु हथियारों कैसे करते हैं काम?

परमाणु हथियार, रेडियो एक्टिव तत्वों के अणुओं में विस्फोट करते हैं। विस्फोट के वक्त नाभिक के बड़े अणु छोटे, हल्के नाभिकों में बदलतें हैं और ऊर्जा पैदा करते हैं। यह प्रक्रिया बेहद तेजी से होती है। नाभिकों के टूटने से ही धमाका होता है। फैटमैन और लिटिल बॉय जैसे परमाणु हथियारों ने इसकी तरह से विष्फोट किया था। सारे तत्व, परमाणु विस्फोट नहीं कर सकते हैं। कुछ आइसोटोप ऐसे होते हैं, जिनमें परमाणु विस्फोट कराया जा सकता है। प्लूटोनियम 239 और यूरेनियम 235 ऐसे आइसोटोप हैं, जिनका इस्तेमाल परमाणु विस्फोट के लिए किया जाता है। आइसोटोप में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्या तो समान होती है लेकिन इलेक्ट्रॉनों की संख्या अलग-अलग होती है।

परमाणु हथियार में एक न्यूट्रॉन जनरेटर होता है। इसे ऑन किया जाता है। इसके बाद रासायनिक विस्फोट कराया जाता है। सामान्यतौर पर ट्राइटियम गैस का इस्तेमाल बूस्ट की तरह किया जाता है, पहले स्तर पर फिर एक धमाका होता है। दूसरे स्तर यूरेनियम के बाहरी और भीतरी हिस्से में धमाका होता है। यह दूसरे स्तर का धमाका होता है। लीथियम ड्युटेराइड इसमें विस्फोटक ईंधन की तरह इस्तेमाल होता है। यह सारी प्रक्रिया बेहद तेज रफ्तार से होती है, जिसके बाद बड़ी तबाही मचती है।

किन देशों के पास हैं परमाणु हथियार?
अमेरिका ने सबसे पहले परमाणु हथियार बनाया था। पहली बार जापान के खिलाफ अमेरिका ने 1945 में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया था। अमेरिका के पास अब तक 6500 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। सोवियत संघ ने 1949 में परमाणु हथियार बना लिए थे। रूस के पास 7000 परमाणु हथियार हैं। फ्रांस के पास 300, चीन के पास 260, ब्रिटेन के पास 215, पाकिस्तान के पास 130 और भारत के पास 120 परमाणु हथियार हैं। इजरायल और उत्तर कोरिया जैसे देशों के पास भी परमाणु हथियार हैं, जिनकी संख्या से दुनिया अनजान है। 

परमाणु हथियारों के नुकसान क्या हैं?
- परमाणु हथियारों से बड़ी तबाही मचती है, लोगों की मौत होती है।
- परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से दुश्मन देश की सेना नहीं, आम नागरिक मरते हैं। यह तबाही अनियंत्रित होती है।
- धमाके बाद रेडिएशन फैलता है जो पर्यावरण पर लंबे अरसे तक असर छोड़ता है।
- परमाणु धमाके के बाद पीड़ितों तक कोई मदद नहीं पहुंचाई जा सकती है। 
- पीढ़ियों तक लोगों के स्वास्थ्य पर इन धमाकों का असर पड़ता है।

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