पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। मनमोहन सिंह 92 साल के थे। डॉ. सिंह 1991 से 1996 तक वित्त मंत्री थे। मनमोहन सिंह 14वें प्रधानमंत्री थे। मनमोहन सिंह 2004 और 2009 में प्रधानमंत्री बने। मनमोहन सिंह पहले सिख प्रधानमंत्री थे। उन्हें 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण काम किया है और उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
साल 1932 में जन्मे मनमोहन सिंह की पहचान उनकी नीली पगड़ी भी थी। यह पगड़ी उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन चुकी थी। राजनीति में आने से पहले मनमोहन सिंह नौकरशाह थे। बाद में जब 1991 के चुनाव के बाद नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बनें तो उन्होंने मनमोहन सिंह को अपना वित्त मंत्री नियुक्त किया। यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ था। मनमोहन सिंह ने आर्थिक उदारीकरण के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व बाजार से जोड़ दिया। वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष और रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे।
नीली पगड़ी ही क्यों पहनते थे?
पूर्व प्रधानमंत्री ने एक बार बताया था कि उनका पसंदीदा रंग नीला है। यही कारण है कि उन्होंने इस रंग की पगड़ी पहनना शुरू किया था। समय के साथ, उनका नीले रंग के प्रति लगाव और बढ़ता गया। मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी को उनके कई सार्वजनिक कार्यक्रमों और समारोहों में देखा गया है, जैसे कि गणतंत्र दिवस परेड में। एक इटरव्यू में मनमोहन सिंह ने बताया था, 'जब मैं कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रहा था, तो मैं नीले रंग की पगड़ी पहनता था। मेरे दोस्तों ने मुझे 'ब्लू टर्बन' (ब्लू पगड़ी) का निकनेम दिया था।'
समय के साथ पगड़ी का रंग बदला?
समय के साथ-साथ मनमोहन सिंह की पगड़ी के रंग में हल्का बदलाव भी देखने को मिला। पहले वह एक ही कलर की नीली पगड़ी में नजर आते थे, जबकि बाद में उनकी पगड़ी के रंग में हल्का बदलाव देखने को मिला। उनके सिर पर नीला रंग हमेशा से ही बना रहा। क्योंकि उनको नीले रंग से बहुत लगाव था। उन्होंने हमेशा अपनी पगड़ी में नीले रंग को अपनाया था। वह नीले रंग को अपनी पहचान का एक अहम हिस्सा मानते थे।