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टी.राजा से बालमुकुंद तक बेलगाम नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं करती BJP?

भारतीय जनता पार्टी में ऐसे कई वर्तमान और पूर्व विधायक हैं जो अक्सर अपने विवादित बयानों और एक्शन की वजह से विवादों में रहते हैं। कई विधायकों के ऊपर तो पुलिस केस तक दर्ज है लेकिन उनके ऊपर पार्टी कार्रवाई करने से बचती है।

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बीजेपी के नेता। फाइल फोटो।

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की बबीना विधानसभा से बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा पर वंदे भारत एक्सप्रेस में एक यात्री से मारपीट करने का आरोप लगा है। मारपीट के बाद की आईं तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मारपीट के बाद यात्री की नाक से खून बह रहा है। इस मामले में चर्चा का केंद्र बीजेपी विधायक राजीव सिंह हैं। लोग उनके ऊपर लगे आरोपों पर बात कर रहे हैं कि विधायक ने अपने साथियों को झांसी रेलवे स्टेशन बुलाकर यात्री को पिटवा दिया।

 

हालांकि, इस मामले में विधायक राजीव सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद अब झांसी में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने एक गैर-संज्ञेय रिपोर्ट (NCR) दर्ज की है। शिकायत के आधार पर जीआरपी जांच कर रही है। वहीं, यात्री के साथ की गई मारपीट के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां बीजेपी को घेर रही हैं। फिलहाल इस पूरे मामले बीजेपी की तरफ से कोई आधिकारित बयान सामने नहीं आया है। 

 

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ऐसे में आइए जानते हैं कि बीजेपी के उन दबंग विधायकों के बारे में, जिसपर कभी ना कभी मारपीट का आरोप लगा है। साथ ही यह जानते हैं कि इन विधायकों पर मारपीट का आरोप लगने के बाद बीजेपी ने क्या कार्रवाई की...

विधायक बालमुकुंद विधायक

राजस्थान की राजधानी जयपुर की हवा महल विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज है। बालमुकुंद के खिलाफ इसी साल 26 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद शहर में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का आरोप है। 

 

बीजेपी विधायक ने जयपुर की एक मस्जिद में घुसकर अपने समर्थकों के साथ मस्जिद परिसर में 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' लिखा पोस्टर लगाया और नारेबाजी की थी। जौहरी बाजार इलाके में देर रात विधायक ने बड़ी संख्या में लोगों के साथ प्रदर्शन किया, जिससे इलाके में तनाव जैसी स्थिति पैदा हो गई। हालांकि, पुलिस ने हालात को फौरन संभाल लिया था। 

विधायक बालमुकुंद के ऊपर मस्जिद में घुसकर नारेबाजी करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया था। घटना के बाद मुस्लिम समुदाय ने बालमुकुंद का कड़ा विरोध किया था। हालांकि, पार्टी ने अभी तक उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की है।

पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय

मध्य प्रदेश के मौजूदा शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और पूर्व बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने साल 2019 में इंदौर नगर निगम के भवन निरीक्षक अधिकारी के ऊपर क्रिकेट बैट से हमला कर दिया था। आकाश का अधिकारी को बैट से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। मामला सामने आने के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आकाश और उनके 10 समर्थकों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

 

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हालांकि, बाद में मध्य प्रदेश की एक विशेष अदालत ने नगर निगम अधिकारी पर हमले के मामले से बरी कर दिया। मगर, आकाश विजयवर्गीय को 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विधायकी का टिकट नहीं दिया था। उनकी जगह उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा गया था।

विधायक नंद किशोर गुर्जर

नंद किशोर गुर्जर यूपी की गाजियाबाद की लोनी विधानसभा से बीजेपी विधायक हैं। वह अक्सर अपने बयानों और एक्शन की वजह से विवादों में रहते हैं। एमएलए नंद किशोर यूपी की अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं। साथ ही वह बिना अनुमति के बाद पुलिस से भिड़ चुके हैं और सरकार के टॉप अधिकारियों को चुनौती भी दे चुके हैं। इसके अलावा नंद किशोर गुर्जर नवरात्रों के दौरान लोनी में सभी मीट की दुकानों को बंद करने का फरमान भी सुना चुके हैं।

 

इसी साल उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में अबतक की सबसे भ्रष्ट सरकार चल रही है। उन्होंने यहां तक दावा किया था कि अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुमराह करके सरकारी खजाने को लूटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने यूपी पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। इन बयानबाजियों के बाद बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने नंद किशोर से 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा था।   

पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन

बीजेपी के पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन इसी साल जनवरी में अपने समर्थकों के साथ उत्तराखंड की खानपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर पहुंचे थे। इस दौरान चैंपियन ने कार्यालय पर मौजूद विधायक उमेश कुमार के स्टाफ के साथ मारपीट की और वहीं पर खुलेआम कई राउंड गोलियां चलाईं। फायरिंग के बाद स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई थी।

 

हालांकि, फायरिंग के बाद प्रणव सिंह चैंपियन देहरादून निकल गए, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने प्रणव चैंपियन को हरिद्वार कोर्ट ने पेश किया था। कोर्ट ने चैंपियन को पहले 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। इसके बाद चैंपियन जेल में लंबे समय तक बंद रहे थे। 

विधायक टी. राजा सिंह

टी. राजा सिंह लोध तेलंगाना की गोशामहल विधानसभा से बीजेपी विधायक हैं। वह पार्टी के फायरब्रांड नेता माने जाते हैं लेकिन राजा अपने बयानों की वजह से अक्सर विवादों में रहते हैं। उनके ऊपर पुलिस को धमकाने और धर्म विशेष के खिलाफ बयान देने के आरोप हैं।

 

विधायक राजा सिंह ने इस साल की शुरुआत में प्रयागराज में हुए महाकुंभ के संदर्भ में विवादित बयान दिया था। दरअसल, कुछ मुस्लिमों ने बयान दिया था कि जहां महाकुंभ हो रहा है, वहां 35 एकड़ जमीन Waqf Board की है। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक ने कहा था कि बेटा जब प्रयागराज की शुरुआत हुई थी, तब तक तुम्हारी नस्लें भी पैदा नहीं हुई थीं, तभी से महाकुंभ का आयोजन वहां हो रहा है। 

 

राजा सिंह ने आगे कहा था कि कुछ लोगों को केवल दो भाषाएं ही समझ आती हैं पहली भाषा बुलडोजर, दूसरी भाषा समझ सकते हो आप! उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की कि वह उन लोगों को बुलडोजर की भाषा में जवाब दें जो महाकुंभ और बाकी धार्मिक आयोजनों पर विवाद खड़ा करते हैं। राजा सिंह का ये बयान विवादों में घिर गया था।

 

इसके अलावा राजा सिंह एक बार तब मुश्किलों में फंस गए जब उन्होंने तेलंगाना पुलिस ने रामनवमी के मौके पर आयोजित शोभा यात्रा के दौरान कथित आपत्तिजनक बयान देने और नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 2 अलग-अलग केस दर्ज किए थे। राजा सिंह पर आरोप है कि उन्होंने रामनवमी के मौके पर आयोजित शोभा यात्रा के दौरान असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था, पुलिस को धमकी दी और आयोजन के नियमों का पालन नहीं किया।

 

अक्सर विवादों में रहने के बावजूद बीजेपी ने कभी उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की है।

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