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वक्फ बोर्ड विवाद: कर्नाटक के विजयपुरा ही क्यों गए JPC के सदस्य?

वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त संसदीय समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल, कर्नाटक के विजयपुरा दौरे पर हैं। उन्होंने ये जगह ही क्यों चुनी, आइए समझते हैं।

Joint Parliamentary Committee

संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल। (फोटो क्रेडिट-x.com/Tejasvi_Surya)

भारत में तीन संस्थाएं ऐसी हैं, जिनके पास सबसे ज्यादा जमीनें हैं। पहले नंबर पर रेलवे है, दूसरे नंबर पर रक्षा मंत्रालय और तीसरे नंबर पर वक्फ बोर्ड। जिस संस्था की संपत्ति पर सबसे ज्यादा विवाद होता है, वह है वक्फ। इस्लाम को मानने वाला कोई व्यक्ति, अपनी चल या अचल संपत्ति अगर अपने अल्लाह के नाम पर या धार्मिक या परोपकार के लिए दान में देता है, उसे वक्फ संपत्ति कहते हैं। ऐसी जमीनों का मालिक, अल्लाह होता है, कोई और उसका मालिक नहीं हो सकता है। क्या हो अगर यही अल्लाह की संपत्ति, किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति हो, जिसे वह अल्लाह को न देना चाहे। क्या हो अगर किसी की निजी जमीन को, जिस पर उसके पुरखे खेती करते आए हैं, जिससे उसकी रोजी-रोटी चलती हो, उसे कानून के लाभ लेकर वक्फ की संपत्ति घोषित कर दी जाए? कुछ ऐसी ही मुश्किलों पर जांच-परख के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल, कर्नाटक के विजयपुरा जिले में पहुंचे। 

JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने गुरुवार को कहा है कि उत्तरी कर्नाटक के किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड ने उनकी जमीनें हड़प ली हैं। संयुक्त संसदीय समिति, वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा के लिए गठित की गई है। सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड की शक्तियां, असंवैधानिक हैं, जिनकी वजह से वक्फ बोर्ड, किसी भी संपत्ति को अपना घोषित कर लेता है, जिसकी वजह से आम लोग परेशान होते हैं।

विजयपुरा ही क्यों कई संयुक्त संसदीय टीम?
विजयपुरा के किसान, आजादी के बाद से ही अपनी जमीनों पर खेती करते आए हैं, रह रहे हैं। अब वक्फ बोर्ड, उनकी जमीनों पर दावा ठोक रहा है। किसान इस बात से बेहद परेशान हैं। जगदंबिका पाल, किसानों से बातचीत के बाद कहते हैं, 'आपने देखा है कि उत्तर कर्नाटक के किसान, एयरपोर्ट पर आकर ज्ञापन सौंप रहे हैं कि उनकी जमीन पर वक्फ बोर्ड अपना दावा ठोक रहा है। मैंने यह जांचने की कोशिश की है कि उनके पास जमीन का पट्टा है या जमीन का स्वामित्व है। किसान दावा कर रहे हैं कि वे 50 से 70 वर्षों से यहां हैं लेकिन बोर्ड, उनकी जमीन पर दावा कर रहा है। मैं इसे देखूंगा।'

JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल किसानों से मिलने हुबली गए थे, जिससे वे किसानों की स्थिति को समझ सकें और अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर सकें। उन्होंने कहा, 'वक्फ बोर्ड जेपीसी का अध्यक्ष होने के नाते मैं हुबली में किसानों से मिलने आया। वे कह रहे हैं कि जमीन का मालिक होने के बाद भी वक्फ बोर्ड, उनकी जमीन पर दावा कर रहा है। मुझसे तेजस्वी सूर्या ने हुबली और बीजापुर की स्थिति की जांचने के लिए कहा। वक्फ बोर्ड, उन संपत्तियों पर भी दावा कर रहा है, जिन्हें भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने संरक्षित किया है। हम इसकी जांच करेंगे और एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। हम यहां तथ्यों की जांच करने आए हैं। हम हुबली और विजयपुरा के अन्य किसान संगठनों से भी मुलाकात करेंगे।'

सिर्फ विजयपुरा में ही क्यों पहुंचे जेपीसी चेयरमैन?
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक विजयपुरा जिले के होनावड़ा के तिकोटा तालुका की करीब 1200 एकड़ जमीन, गैजेट नोटिफिकेशन में वक्फ की संपत्ति घोषित हो गई है। कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल का कहना है कि केवल 11 एकड़ जमीन ही, वक्फ की संपत्ति है। इसमें कब्रिस्तान की भी जमीन शामिल है। 10 एकड़ में कब्रिस्तान है, 1526 वर्ग फुट जमीन है, जिसमें ईदगाह, मस्जिद और दूसरे ढांचे हैं। करीब 26136 वर्ग फुट अन्य जमीनें हैं। ये सभी जमीनें, किसानों की संपत्तियां हैं। 

विजयपुरा का ये गैजेट नोटिफिकेशन 1974, 1978 और 2016 में जारी हुआ था। साल 1974 के गैजेट नोटिफिकेशन में होनावड़ा का नाम गलती से आया था। होनावड़ा, बबलेश्वर विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है। यहां 11 एकड़ जमीन, 10 अलग-अलग सर्वे में वक्फ की संपत्ति के तौर पर दर्ज है। साल 1974 में वक्फ बोर्ड को इस गलती का एहसास हुआ और 1977 में इसे दुरुस्त कर लिया। होनावड़ा वो रिकॉर्ड से हटा दिया गया था। इंडी तालुका में एक तहसीलदार ने पुराने नोटिस को अपडेट कर दिया। सरकार ने कहा कि जिन किसानों की संपत्ति इसमें आई है, वे अपने दस्तावेज सहायक आयुक्त को सौंपे, जिससे विधिक जमीनों को अलग किया जा सके। 



मंत्री एमबी पाटिल का कहना है कि 1960 और 1970 में करीब 12000 एकड़ जमीनों को भूमिहीन किसानों में लैंड रिफॉर्म एक्ट के तहत बांट दिया गया था। 1400 एकड़ जमीनें इनाम उन्मूलन एक्ट के तहत बांटी गई थी। उनका कहना है कि वक्फ एक्ट के तहत संपत्तियों को लिया नहीं जा सकता, लेकिन कॉलम 11 के तहत रिकॉर्ड ऑफ राइट्स, टीनेंसी एंड कॉर्प्स (RTC) के तहत इसका दावा किया किया जा सकता है। मालिक का नाम, आरटीसी के कॉलम 9 में दर्ज होगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक टास्क फोर्स इसकी जांच करने के लिए गठित की जा सकती है, जिससे जमीनों के संपत्ति का वेरिफिकेशन हो सके। 

क्या है बीजेपी का पक्ष?
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या और अन्य नेताओं का कहना है कि विजयपुरा जिले के किसान, अपनी 1500 एकड़ जमीनों को वक्फ की संपत्ति घोषित किए जाने से परेशान हैं। ये जमीनें 1920 और 1930 से ही किसानों की अपनी जमीनें हैं। हाल ही में उन्हें नोटिस दिया गया कि ये जमीन वक्फ की संपत्ति है। आरटीसी में बदलाव किया गया, संपत्ति का म्युटेशन किया गया। सही प्रक्रिया का पालन किए गए बिना ही इन्हें अपनाया गया है।  



क्या है जेपीसी पर विपक्ष का रुख?
संयुक्त संसदीय समिति पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, 'यह बीजेपी की समिति है। यह संयुक्त संसदीय समिति नहीं है। कहां हैं दूसरे सदस्य? समिति की बैठक में एक पूर्व सांसद क्या कर रहा है? जिन सांसदों का समिति से कोई रिश्ता नहीं है, वे वहां क्यों हैं? संयुक्त संसदीय समिति का मतलब है कि समिति के सदस्यों को साथ आना चाहिए, बीजेपी प्रायोजित समिति ही आई है।'

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