हिमाचल प्रदेश: क्यों निशाने पर हैं कश्मीरी व्यापारी? समझिए एक-एक बात
कांगड़ा के स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि कश्मीरियों को मारा-पीटा नहीं जा रहा है। कुछ हिस्सों में उनके खिलाफ नाराजगी है जिसकी वजह से लोग भड़के हैं।

हिमाचल प्रदेश की GDP का 7 फीसदी हिस्सा पर्यटन से आता है। (तस्वीर-PTI)
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (1) (g) कहता है कि सभी नागरिकों को कोई भी वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने का अधिकार होगा। भाग 3 में वर्णित यह अनुच्छेद, मौलिक अधिकारों का हिस्सा है। यही अनुच्छेद हिमाचल प्रदेश की कुछ जगहों पर ताक पर है।
हिमाचल में कश्मीरी व्यापारियों के साथ बदसलूकी की कुछ खबरें सामने आई हैं। कांगड़ा से लेकर बिलासपुर तक कश्मीरी शॉल विक्रेताओं को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। देश में गर्व से कहा जाता है कि जम्मू कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा है फिर इसके अखंड निवासियों के साथ ऐसा सलूक, प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश के कश्मीरी व्यापारी कई अहम पर्यटन स्थलों पर शॉल बेचते हैं। कश्मीरी कुटीर उद्योग की कुछ चीजें हिमाचल प्रदेश में खूब बिकती हैं। व्यापारियों की शिकायत है कश्मीरियों का उत्पीड़न किया जा रहा है, उन्हें मारा-पीटा जा रहा है, उनकी बात प्रशासन नहीं सुन रहा है। पुलिस भी मदद नहीं कर रही है।
कांगड़ा के बाद बिलासपुर जिले के घुमारवीं में कश्मीर से आए शॉल व्यापारियों को हाल ही में स्थानीय लोगों ने धमकाया था। धमकी दी गई कि यहां शॉल और कंबल नहीं बेचना है। कश्मीरी व्यापारियों का एक दल प्रशासन के पास बीते शुक्रवार को गया था लेकिन किसी ने भी मिलने से इनकार कर दिया।
ऐसा नहीं है कि कश्मीरी व्यापारी अवैध तरीके से वहां खरीद-बेची कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस स्टेशन में रजिस्ट्रेशन भी कराया है। व्यापार संबंधी जरूरी दस्तावेज भी उनके पास हैं लेकिन उन्हें कोई सुन नहीं रहा है। कांगड़ा में भी 22 नवंबर को एक ऐसा ही मामला सामना आया था। वहां मुस्लिम फेरी वाले को आने से रोका गया था। ऐसे मामले हिमाचल प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
मुल्ले ठुल्ले नहीं चलेंगे..
— Kavish Aziz (@azizkavish) September 15, 2024
यह नारा लग रहा है कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में जहां हिंदूत्ववादी चरमपंथियों ने हिमाचल के पालमपुर कांगड़ में मुसलमानों की दुकान तोड़ना शुरू कर दिया@RahulGandhi
आपकी मोहब्बत की दुकान हिमाचल प्रदेश में कब खुलेगी pic.twitter.com/ZIjb3dNApo
कितना पुराना है हिमाचल-कश्मीर का रिश्ता?
कश्मीर के व्यापारियों के साथ जो बदसलूकी की खबरें सामने आई हैं, यह हैरान करने वाली हैं। वजह यह है कि सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से कश्मीर और हिमाचल प्रदेश आपस में सदियों से जुड़े हैं। कश्मीरी शॉल, कश्मीरी कानी शॉल, कश्मीरी कपड़े, टोपी, पश्मीना शॉल और सोजनी कढ़ाई वाले कपड़े हिमाचल प्रदेश में खूब बिकते रहे हैं। हिमाचल में ये कपड़े खूब पहने जाते हैं।
हिमाचल प्रदेश की कुल्लू और कन्रौर के बुनकरों की कलाकृतियां खूब प्रसिद्ध हैं कांगड़ा पेंटिंग्स, शॉल, कांगड़ा रुमाल, चंबा रुमाल और दूसरे हथकरघा उद्योग की वस्तुएं कश्मीर में पसंद की जाती रही हैं। फिर आखिर ऐसा क्या हुआ है कि कश्मीर में ये नौबत आ गई है कि कश्मीरी समुदाय के खिलाफ लोग भड़के हैं? आइए समझते हैं।
#कश्मीर के व्यापारी हर साल #हिमाचल प्रदेश में शॉल बेचने जाते हैं, लेकिन अब हिमाचल में लोग कश्मीरी लोगों से बोल रहे हैं तुम अपने देश में जाकर शॉल बेचे ,लेकिन लोग किस देश की बात कर रहे हैं क्या कश्मीर भारत देश का हिस्सा नहीं भाई? अब यह धर्म विशेष के प्रति की नफरत कहाँ जाकर रुकेगी ? pic.twitter.com/t4ta7mHdQ0
— Abhishek The Explorer (@TheExplorerAbhi) December 28, 2024
सियासत के जानकार क्या कह रहे हैं?
26 दिसंबर 2024। जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने X पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, 'कश्मीरी शॉल विक्रेताओं का हिमाचल प्रदेश में उत्पीड़न हो रहा है। उन्हें दक्षिणपंथी समूह निशाना बना रहे हैं, उन्हें धमकियां दे रहे हैं। उनके पास वैध दस्तावेज हैं, उन्हें व्यापार करने से रोका जा रहा है, भगाया जा रहा है। हिंसा का यह चलन डराने वाला है। मेरी उमर अब्दुल्ला और सुखविंदर सिंह सुक्खू से अपील है कि व्यापारियों के लिए सही माहौल बनाएं।'
Yet again reports of harassment in Himachal Pradesh. Hopefully these must be the fringe elements.
— Sajad Lone (@sajadlone) December 25, 2024
Request @himachalpolice to kindly look into the matter.
In district Bilaspur Kashmiri traders have been threatened and asked not to undertake any business activities.
पीपल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी 25 दिसंबर को लिखा, 'हिमाचल प्रदेश से एक बार फिर उत्पीड़न की खबरें सामने आई हैं। उम्मीद करते हैं कि ये हिमाचल के असमाजिक तत्व होंगे। हिमाचल पुलिस इस मामले पर नजर रखिए। कश्मीरी व्यापारियों को धमकी दी जा रही है, इसमें दखल दीजिए।'
"Kashmiri shawl sellers in Himachal Pradesh's Bilaspur District are facing harassment, assault, and threats from right-wing groups. Despite proper documents, they're being barred from doing business and evicted. This is the third such incident, highlighting a worrying pattern of…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 26, 2024

कश्मीरियों के खिलाफ नाराजगी की वजह क्या है?
हिमाचल प्रदेश के पत्रकारों का कहना है कि कश्मीरियों के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा व्यापारिक हितों का टकराव नहीं है। हिमाचल प्रदेश के सकल घरेलू आय का 7 फीसदी हिस्सा पर्यटन देता है। यह खुद हिमाचल प्रदेश की सरकार भी मानती है। हिमाचल के स्थानीय लोगों का भी मानना है कि पर्यटन ही उनकी मुख्य कमाई का जरिया है।
स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के लोग पर्यटकों से बदसलूकी नहीं करते हैं। धर्मशाला में सिर्फ 30 प्रतिशत हिमाचली रहते है, शेष भीड़ बाहरियों की है। हिमाचल में कश्मीरी उत्पीड़न की असली वजह चोरियां हैं।
कांगड़ा के स्थानीय लोगों का कहना है कि कांगड़ा और बिलासपुर में कुछ जगहों पर चोरी की घटनाएं हुई थीं। ग्रामीण इलाकों में पुरुष दिनभर खेत में रहते हैं। कुछ फेरीवाले कई महीनों से रेकी कर रहे थे। उन्होंने कुछ जगहों पर चोरी की। पकड़े गए तो वे कश्मीर के निकले। कुछ फेरीवाले सोने की सफाई के नाम पर आए। पुराने असली जेवर ले गए, नकली उठा ले गए। ऐसा कुछ जगहों पर हुआ तो स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। यही वजह है कि हाल के दिनों में कुछ जगहों पर प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं। पुलिस केस की छानबीन कर रही है।
डिस्क्लेमर: खबरों में कुछ जगह वीडियो के लिंक साझा किए गए हैं। उनकी पुष्टि टीम खबरगांव नहीं करती है।
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