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अगर मानक 60 किलोमीटर तो कम दूरी पर टोल प्लाजा क्यों?

60 किलोमीटर से कम दूरी पर अगर दो टोल प्लाजा हैं तो ये नियम के विरुद्ध हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे गैर कानूनी बताया है। सच्चाई क्या है, आइए समझते हैं।

Tol Tax Rules in India

टोल प्लाजा (प्रतीकात्मक तस्वीक), Image Credit: PTI

किसी भी सड़क पर 2 टोल प्लाजा के बीच न्यूनतम दूरी कितनी होनी चाहिए? जवाब है 60 किलोमीटर। द नेशनल हाइवे फी (डिटर्मिनेशन एंड कलेक्शन) रूल्स, 2008 के नियम नंबर 8 का सब रूल 2 साफ तौर पर कहता है कि किसी हाइवे पर 60 किलोमीटर के अंदर एक रूट पर दो टोल प्लाजा नहीं होने चाहिए। 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 22 मार्च 2022 को लोकसभा में कहा था कि 60 किलोमीटर से कम दूरी पर टोल प्लाजा अगर है तो वह गैरकानूनी है। अगर दूसरा टोल प्लाजा हो तो उसे 3 महीने के भीतर बंद किया जाएगा। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने इस वादे को 2 साल बीत चुके हैं, कई जगह दो टोल प्लाजा हैं लेकिन उन्हें बंद नहीं किया गया है।

कई सड़कें ऐसी हैं, जहां 60 किलोमीटर के अंदर ही दो टोल प्लाजा हैं। राष्ट्रीय मानक 60 का है, नेशनल हाइवे रूल से लेकर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी खुद संसद में इसे गैरकानूनी बता चुके हैं, फिर भी कई जगह हैं और ऐसी अनियमितताएं क्यों हैं? यही सवाल बस्ती लोकसभा सीट से सांसद राम प्रसाद चौधरी ने सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से संसद में किया है।

समाजवादी पार्टी के सासंद राम प्रसाद चौधरी ने सवाल किया था कि नेशनल हाइवे के लिए न्यूनतम दूरी कितनी होनी चाहिए, यूपी के बस्ती जिले के हर्रैया के चौकड़ी टोल प्लाजा और मड़वा नगर के बीच की दूरी क्या निर्धारित मानकों के हिसाब से है, अगर नहीं तो सरकार इसे कब बंद करेगी, उसका ब्यौरा क्या है? 

क्या है राष्ट्रीय मानक पर मंत्रालय का जवाब?
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया कि टोल टैक्स, राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियमावली 2008 के रूल 8 के सब रूल 2 के हिसाब से तय किए जाते हैं। एक ही ब्लॉक और एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के भीतर 2 टोल प्लाजा स्थापित नहीं किए जा सकते हैं। इसके अपवाद में कहा गया है कि जहां प्राधिकरण को लगता है कि अनिवार्य है, इसे लिखित तौर पर देकर 60 किलोमीटर के भीतर भी स्थापित किया जा सकता है। 

कब तोड़े जा सकते हैं राष्ट्रीय मानक? 
सरकार ने यह भी बताया है कि नियमों के मुताबिक, किसी स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग के लिए टोल प्लाजा है तो इसकी इजाजत दी जाती है। अगर टोल टैक्स सिस्टम बंद हो गया तो नेशनल हाइवे पर कहीं भी टोल प्लाजा स्थापित किए जा सकते हैं। दरअसल, बस्ती से लगने वाले नेशनल हाइवे-27 की फोरलेन सड़क में 125 किलोमीटर की सीमा के अंदर ही 2 टोल प्लाजा हैं। 


35 किलोमीटर में 2 टोल प्लाजा पर सरकार का जवाब क्या है?
दूसरे सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि बस्ती जिले में हर्रैया की चौकड़ी टोल प्लाजा और मड़वानगर के बीच की दूरी 35 किलोमीटर है। नेशनल हाइवे फीस रूल्स के प्रावधानों और कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के हिसाब से 1 मार्च 2012 को चौकड़ी टोल प्लाजा और 6 अगस्त 2012 को मड़वा नगर टोल प्लाजा स्थापित हुए हैं। चौकड़ी में टोल प्लाजा, नेशनल हाइवे के 163वें किलोमीटर पर स्थित है। यहां की प्रभावित लंबाई के हिसाब से 55 किलोमीटर के लिए शुल्क वसूला जाता है। 

मड़वा नगर टोल प्लाजा NH-27 पर ही है। यह नेशनल हाइवे की दूरी के हिसाब से 198वें किलोमीटर पर है। सरकार का कहना है कि यहां टोल टैक्स, 62 किलोमीटर के आधार पर वसूला जाता है। यह टोल प्लाजा की तय नियमावली का उल्लंघन नहीं है। मंत्रालय ने कहा है कि परियोजना की प्रभावित लंबाई के आधार पर ही टोल टैक्स वसूला जाता है।  तीसरे सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि देशभर के नेशनल हाइवे पर बैरियर फ्री, इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) सिस्टम तैयार किया जाएगा। 

एक ही रूट पर दो टोल प्लाजा से परेशान हैं लोग।

कहां-कहां मानक से कम दूरी की मिली हैं शिकायतें?
राम प्रसाद चौधरी ही नहीं, ये शिकायत स्थानीय स्तर पर लोग उठा चुके हैं। बस्ती से गोरखपुर जाते वक्त कसिया इलाके में टेंडुआ टोल प्लाजा है। वहीं बाईपास के रास्ते कुशीनगर जाने पर 41 किलोमीटर दूर, गोरखपुर कसया में मुजैना हेतिम टोल प्लाजा है। थोड़ी दूर आगे बढ़ने पर करीब 46 किलोमीटर दूरी पर सलेमगढ़ टोल प्लाजा है। बस्ती और कुशीनगर की कुल दूरी 122 किलोमीटर है लेकिन इस सड़क पर 3 टोल प्लाजा हैं। लखनऊ से सीतापुर के बीच 2 टोल हैं। लखनऊ से सीतापुर की ओर बढ़ने पर इंटौजा टोल प्लाजा है, यहीं से थोड़ी दूर पर खैराबाद टोल प्लाजा है। दोनों टोल के बीच दूरी 47 किलोमीटर है। मानक यहां भी 60 किलोमीटर से कम ही है लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है।  

 

सोशल मीडिया पर शिकायतें अनसुनी रह गईं!
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने शिकायतें लिखी हैं। X पर शिवम भट्ट नाम के एक शख्स ने लिखा, 'केंद्रीय मंत्री ने संसद में कहा था कि 60 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ एक टोल प्लाजा होगा। अगर कहीं 60 किलोमीटर से कम दूरी पर टोल प्लाजा हैं, तो उन्हें 3 महीने में बंद किया जाएगा। लखनऊ-सीतापुर हाइवे पर 47 KM पर दो टोल प्लाजा हैं, इनमें से एक कब बंद होगा?



मनीष मिश्रा नाम के एक यूजर ने लिखा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान के कई महीने बीत गए लेकिन 60 किलोमीटर के अंदर वाले टोल चालू हैं। यूपी के बरेली शहर में फरीदपुर और राजश्री मेडिकल कॉलेज वाले टोल की दूरी 48 किलोमीटर से भी कम है, पर दोनों टोल पर वसूली जारी है। स्थानीय लोगों को आधार कार्ड पर छूट किसी टोल पर नहीं मिलती। कृपया संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करें। ये शिकायतें महीनों पुरानी हैं। 



टोल टैक्स क्यों जुटाती है सरकार?
जिससे सड़क निर्माण पर हुए खर्च की लागत निकाली जा सके।

कब तक चल सकता है टोल प्लाजा?
सड़क, अगर टोल टैक्स से अपनी लागत निकाल भी ले तो भी टोल टैक्स जारी रहेगा। सड़कों की मरम्मत पर पैसा खर्च होता है, जिसे सरकार, टैक्स के तौर पर वसूलती है। जब सड़क की लागत वसूल ली जाती है, तब टोल टैक्स 40 फीसदी तक कम कर दिया जाता है। 

किन लोगों को नहीं देना पड़ता है टोल टैक्स?
रूल 11 के मुताबिक देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, देश के मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल, उप राज्यपाल, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, हाई कोर्ट के जज, राज्यसभा के सभापति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्य विधान परिषद के सभापति, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, जज और विदेशी अधिकारियों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता है। अर्धसैनिक बलों की गाड़ियों, फायर बिग्रेड, ड्यूटी पर तैनात हाइवे अधिकारी और एंबुलेंस को भी टोल टैक्स नहीं देना पड़ता है। 

अगर टोल टैक्स न दें तो क्या होगा?
रूल 14, टोल टैक्स न देने की स्थिति में क्या होगा, इन नियम-कानूनों से डील करता है। टोल टैक्स की रकम दिए बिना, गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगी। तय फीस, टोल प्लाजा पर अदा किए बिना, गाड़ी को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

टोल टैक्स से कितनी कमाई करती है सरकार?
संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने हाल ही में बताया है कि टोल प्लाजा से सरकार दिसंबर 2000 से 2024 के बीच 1.44 लाख करोड़ रुपये तक कमा चुकी है। 

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