भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच अचानक संघर्ष विराम हो जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने इसमें अमेरिका की भूमिका स्पष्ट किए जाने की भी मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर सभी दलों को बताया जाए कि इस सीजफायर की क्या शर्तें हैं? कांग्रेस ने पूछा है कि जब पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले 4-5 आतंकी पकड़े ही नहीं गए तो ऑपरेशन सिंदूर सफल कैसे हो गया? कांग्रेस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सीजफायर का ऐलान किए जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि क्या हमने ट्रंप के बयान से मध्यस्थता की बात स्वीकार कर ली है? कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि इस स्थित में जब उसने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए तब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सेना की बहादुरी को अपनी उपलब्धि बता रहे थे।
भूपेश बघेल ने अपने बयान में कहा, '26 लोगों ने अपनी जान गंवाई। क्या वे 4-5 आतंकी पकड़े गए? अगर वे पकड़े ही नहीं गए तो आप कैसे कह सकते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर सफल हो गया? इस गड़बड़ी के लिए कौन जिम्मेदार है? लोग आपके भरोसे पर कश्मीर गए कि वहां सब सामान्य है। लोग अपने परिवार के साथ वहां गए और अपनों की जान गंवा बैठे।'
यह भी पढ़ें- न फायरिंग, न तनाव...19 दिन बाद सुकून की रात, कहां कैसा माहौल?
क्या चाहती है कांग्रेस?
कांग्रेस महासचिव और पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बयान जारी करके कहा है, 'हम सरकार से पारदर्शिता की मांग करते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ने अचानक सीजफायर की घोषणा की, क्या यह भारत सरकार की कूटनीतिक नाकामी नहीं है? क्या भारत ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार कर लिया है? हमने सीजफायर में पाकिस्तान से क्या वादे लिए हैं, देश के लोगों को यह भी जानने का हक है।' उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखकर नरेंद्र मोदी से संसद के विशेष सत्र की मांग की है, जिसमें सभी दलों को बताया जाए कि युद्ध विराम की क्या शर्ते हैं?
भूपेश बघेल ने आगे कहा, 'पहलगाम आतंकी हमले में हमारे बेगुनाह लोगों की जान गई, देश क्रोधित हुआ। सरकार ने सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी। कांग्रेस भी हर कदम पर सरकार के साथ खड़ी रही। हमारी सेना ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया लेकिन फिर जिस तरह से ट्रंप का ट्वीट आया, उससे हम सभी अचंभित हैं। इससे हम सभी के मन में बहुत सारे सवाल खड़े हुए हैं। क्या हमने ट्रंप के बयान से मध्यस्थता स्वीकार कर ली? क्या शिमला समझौता अब रद्द हो गया? ऐसे बहुत सारे सवाल हैं इसलिए कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार एक सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाए ताकि सारी स्थिति साफ हो सके।'
यह भी पढ़ें: बदला पूरा, PAK को सबक; ऑपरेशन सिंदूर से भारत को क्या मिला?
BJP पर बरसी कांग्रेस
कांग्रेस की ओर से मीडिया को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, 'इस संकट की घड़ी में कांग्रेस ने अपने राजनीतिक कार्यक्रम रद्द किए। ‘संविधान बचाओ रैली’ जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम को स्थगित किया ताकि देश में एकजुटता का संदेश जाए। हमने ‘जय हिंद यात्रा’ निकाली ताकि सेना का मनोबल बढ़े और जनता आतंकवाद के ख़िलाफ़ एकजुट हो। हमने सरकार से कहा कि कितना भी बड़ा संकट आए, कांग्रेस आपके साथ है लेकिन जब पूरा देश सेना के साथ खड़ा था तो BJP के नेता ट्विटर पर BJP और UPA की तुलना कर इसे राजनीति का रंग दे रहे थे। BJP के नेता सेना की बहादुरी को अपनी उपलब्धि बता रहे थे। सवाल है- क्या सेना के बलिदान को चुनावी बयानबाजी में इस्तेमाल करना उचित है?'
यह भी पढ़ें: आतंकियों के जनाजे में PAK सेना के कौन से अफसर शामिल?
उन्होंने आगे कहा, 'एक BJP नेता ने ट्वीट किया कि कांग्रेस के समय आतंकियों को माफी दी जाती थी और नरेंद्र मोदी ने सबक सिखाया- यह झूठ है। हमारा स्पष्ट संदेश रहा है कि भारत की एकता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक तरफ- कांग्रेस पार्टी ने पूरे देश में 'जय हिंद यात्रा' निकाली, जो सशस्त्र बलों के पराक्रम को सलाम करने और आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति श्रद्धांजलि देने की मुहिम थी। दूसरी तरफ- BJP राष्ट्र संकट वाली स्थिति में भी राजनीति करती रही लेकिन कांग्रेस पार्टी सरकार के साथ खड़ी रही क्योंकि हम देशहित की बात करते हैं।'